लोगों व पार्टी को आ रही समस्याएं सरकार तक पहुंचाना मेरी ज़िम्मेदारी : जाखड़

चंडीगढ़, 21 फरवरी ( हरकवलजीत सिंह )  : पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आज यहां ‘अजीत समाचार’ से एक विशेष बातचीत दौरान स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ उनका किसी तरह का कोई टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि असल में कैप्टन साहिब की सिफारिश पर ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा मुझे सरकार और जनता के मध्य कड़ी का काम करने की ज़िम्मेवारी दी गई थी परंतु उन्होंने कहा कि पार्टी वर्करों और आम लोगों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना और उनको हल करवाना भी मेरी ज़िम्मेदारी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अफसरशाही द्वारा पार्टी वर्करों, नेताओं और विधायकों की कोई सुनवाई न करना पार्टी के लिए चिंता का विषय है और मुख्यमंत्री ने भी गत दिनों डिप्टी कमिश्नरों  की बैठक में यह मसला सख्ती से उठाते हुए पार्टी नेताओं  के विधायकों के एतराज खत्म करने के लिए आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि असल में राज्य के लोग कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को 2002 वाले रूप में देखना चाहते हैं। जब उनके द्वारा भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़े कदम उठाते  आम लोगों को दरपेश कई मसलों के हल के लिए बड़े फैसले लिए गए थे। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों द्वारा इस बार कैप्टन साहिब और कांग्रेस में बेमिसाल विश्वास प्रकटाया गया है, जिस पर उनको व पार्टी को भी खरे उतरना होगा। जाखड़ ने कहा कि राज्य के लोगों को दरपेश मसलों का हल मुख्यमंत्री स्तर पर ही हो सकता है। और मुझे विश्वास है कि वह यह सब कुछ करेंगे। जाखड़ ने गत दिनों दौरान पार्टी स्तर पर राज्य के एडवोकेट जनरल की हुई तीखी नोक-झोक और उभरे मामले के बारे पूछे जाने पर कहा कि इसका हल भी मुख्यमंत्री द्वारा ही किया जाना है। उन्होंने कहा कि एडवोकेट जनरल की गलत कार्यशैली के कारण पंजाब को बहुत अहम मुद्दों पर अदालतों में नमोशी मिल रही है। उन्होंने कहा कि जैसे बिजली समझौतों सहित कई अन्य अहम मामलों पर राज्य का नुकसान हुआ है और कई केस लटक रहे है, इसका कारण ए.जी. कार्यालय लापरवाह  या मिलीभगत ही हो सकती है। उन्होंने कहा कि अदालतों में राज्य का जो नुकसान हो रहा है, इसलिए किसको ज़िम्मेवार कहा जा सकता है। जाखड़ ने कहा कि ऐसे मसलों में जहां सरकार का अकसर खराब हो रहा है, वहीं लोगों में भी सरकार के प्रति भरोसा उठा रहा है और इसलिए तुरंत ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से निजी क्षेत्र की बिजली कंपनियों द्वारा कोयले की धुलाई के नाम पर राज्य सरकार से हज़ारों करोड़ों रुपए अदालत द्वारा लिए गए हैं और एडवोकेट जनरल राज्य के अधिकार और केस की पैरवी में फेल साहिब हुए हैं। इसलिए किसको ज़िम्मेवार कहा जाए। जाखड़ ने कहा कि इन बड़ी बिजली कंपनियों के    शाहूकार मालिकों जिन राज्य का कोई लिहाज़ नहीं किया और हर हाल खजाना हथियाने की कोशिश की है। जिस कारण राज्य के बिजली उपभोक्ताओं में भी हाहाकार है, उनका जिस तरह लिहाज़ करने की कोशिशें अफसरशाही द्वारा हो रही है, वह भी हैरान करने वाली है। जाखड़ ने कहा कि प्रदूषण संबंधी निर्धारित किए समय में शर्तें पूरी न करने के कारण राष्ट्रीय प्रदूषण रोको ट्ब्यिनल के आदेशों के अनुसार यह कंपनियां केवल 31 दिसम्बर 2019 तक काम जारी रख सकता था परंतु अफसरशाही  अब इनको प्रदूषण की शर्तें पूरे करने के लिए 3 वर्ष का ओर समय दिलाने के लिए अधिक प्रयास कर रही है, जबकि बिजली निगम इन कंपनियों को बंद कर मार्किट  में कई गुणा सस्ती बिजली खरीदे जाने की मांग कर रहा है, जिससे राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को भी बिजली   दर संबंधी राहत मिल सकेगी। जाखड़ ने कहा कि जो कानून पर दूसरे अधिकारी राज्य के लोगों के हितों के विरुद्ध और अपने निजी लाभ के लिए काम कर रहे हैं। वह झटके जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर बिजली समझौते रद्द किए जाने चाहिएं। जाखड़ ने कहा कि नशे के मामले में भी एडवोकेट जनरल द्वारा जिस तरीके से अदालती मामलों से निपटाया गया है, उसके अविश्वास में और वृद्धि हुई है और इसी तरह श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के बेअदबी जैसे मामले जो राज्य के लोगों की भावनाओं से जुड़े हुए हैं प्रति भी अफसरशाही व कानूनी अधिकारियों को संजीदा होने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि बेअदबियों की घटनाओं के लिए ज़िम्मेवार आरोपियों को सज़ा दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए और नशे व बेअदबी के मामलों में अनदेखा करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए। जाखड़ ने कहा कि भ्रष्टाचार इस समय राज्य के लोगों सहित सभी के लिए चिंता का विषय है और हमारी सरकार को राज्य में ऐसा माहौल पैदा करना चाहिए, जिसके साथ आम लोगों को भ्रष्टाचार व सिफारिश से छुटकारा मिल सके और पंजाब में काम करने वाले प्रत्येक निवेशकार और आम आदमी को कामकाज करने  के लिए अच्छा माहौल मिल सके। उन्होंने कहा कि बिजली सस्ती करने के अतिरिक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, नशे खत्म करने और रोज़गार के साधन पैदा करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं परंतु इन सभी फ्रंटों पर हमें भी तक बहुत कुछ और करना पड़ेगा और मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री इसलिए काम कामयाब होंगे।