साइकिलिंग में नया उभरता सितारा हर्षिता जाखड़
इस सत्र की भारतीय साइकिलिंग में हर्षिता जाखड़ ने कुछ दुर्लभ हासिल किया है। फरवरी में इस 18 वर्षीय किशोरी ने लगातार दूसरी बार एशियन (जूनियर) रोड साइकिलिंग चैंपियनशिप्स में कांस्य पदक जीता है। भारतीय साइकिलिंग के इतिहास में यह उपलब्धि उनसे पहले किसी ने हासिल नहीं की थी। रोड साइकिलिंग स्पर्धा में पदक पाना बहुत कठिन होता है; क्योंकि इसमें अति मुश्किल परिस्थितियों में साइकिल सवार की बर्दाश्त क्षमता व स्पीड की परीक्षा होती है। हर्षिता ने सबसे पहले पिछले साल कजाकिस्तान में आयोजित एशियन जूनियर प्रतियोगिता में व्यक्तिगत टाइम ट्रायल में पोडियम फिनिश किया था और फिर इस साल थाईलैंड में उन्होंने अपनी इस कामयाबी को दोहराया।
व्यक्तिगत टाइम ट्रायल में राइडर अकेले रेस करता है और उसकी टाइमिंग के आधार पर उसका स्थान निर्धारित किया जाता है, जिसका सबसे तेज़ समय होता है वह पहले स्थान पर आता है। रोड टाइम ट्रायल 20 किमी का होता है। ट्रैक पर हर्षिता का इससे भी बेहतर प्रदर्शन रहा। फरवरी में मलेशिया में आयोजित एशियन ट्रैक (जूनियर) साइकिलिंग चैंपियनशिप्स में चार पदक जीते। ट्रैक में हर्षिता ने 2024 में एक रजत (2 किमी व्यक्तिगत) और एक कांस्य (4 किमी टीम) जीता और फिर 2025 में भी रजत (3 किमी व्यक्तिगत) व कांस्य (1 किमी टाइम ट्रायल टीम) जीते। ये दोनों प्रतियोगिताएं (रोड व ट्रैक) एक ही पखवाड़े के भीतर आयोजित की गईं थीं और इस बीच हर्षिता ने भारत लौटकर अपनी 12वीं की परीक्षा देने के लिए भी समय निकाल लिया। हर्षिता ने 2024 जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण पदक व दो रजत पदक जीते थे। उनके दो राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी हैं- सब-जूनियर नेशनल्स (2022) में 2 किमी व्यक्तिगत परसूट में और 2023 जूनियर नेशनल्स में 2 किमी व्यक्तिगत परसूट।
इस प्रदर्शन ने हर्षिता को भीड़ से अलग खड़ा कर दिया है। उन्हें ‘असाधारण प्रतिभा’ की श्रेणी में रखा गया है और उन्हें टारगेट एशियन गेम्स ग्रुप प्रोग्राम के लिए ग्रुम किया जा रहा है। इस श्रेणी में दो अन्य किशोरों को भी रखा गया है- माया राजेश्वरण टेनिस में और कार्तिक सिंह गोल्फ में। इस ओलंपिक चक्र में इनकी प्रकृति को मॉनिटर किया जायेगा। हर्षिता को उनके चचा राकेश जाखड़ ट्रेनिंग दे रहे हैं, जोकि पूर्व भारतीय साइकिलिस्ट हैं। हर्षिता घरेलू मंच पर तो तहलका मचा ही रही थीं, अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। वह भारत की टॉप जूनियर साइकिलिस्ट के रूप में उभरी हैं, पदक जीत रही हैं और आयु-वर्ग नेशनल्स व खेलो इंडिया प्रतियोगिताओं में रिकार्ड्स तोड़ रही हैं।
हर्षिता का संबंध राजस्थान में श्रीगंगानगर से है, लेकिन उनका बेस पटियाला है क्योंकि रेलवे में टिकट इंस्पेक्टर राकेश जाखड़ वहां तैनात हैं। राकेश हर्षिता की बहन अंजली व अपने बेटे आदित्य को भी ट्रेन करते हैं। हर्षिता बताती हैं, ‘पिछले साल अलमाटी में अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मैं नर्वस थी। इससे मैं अधिक कड़ी मेहनत करने लगी, लेकिन अब मैं ज्यादा सहज हूं। जूनियर विश्व चैंपियनशिप्स में मुकाबला करना अच्छा अनुभव रहा। ज्यूरिख (यूसीआई जूनियर रोड साइकिलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप्स) में मेरी साइकिल में समस्या आ गई थी, लेकिन मैं रेस खत्म करने में कामयाब रही। चीन की जूनियर ट्रैक वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में मैं पॉइंट्स रेस में 12वें स्थान पर रही। इससे मुझमें बहुत आत्मविश्वास आया।’
पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय साइकिलिंग ने अनेक प्रतिभाशाली जूनियर देखे हैं। एसो एल्बेन, रोनाल्डो सिंह व रोजित सिंह यंगलेम की टीम ने 2019 में जूनियर ट्रैक साइकिलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद से अनेक जूनियर्स को टॉप्स डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत ग्रुम किया गया है। लेकिन इनका सीनियर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश करना कठिन रहा है। चीन में भारत ने 14 सदस्यों का दल भेजा था, लेकिन इनमें से एक भी पदक के करीब न आ सका। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना तो इससे भी कठिन चुनौती है। फिर भी योजना में अतिरिक्त जूनियर प्रतिभा को जोड़ा जा सकता है। भारत ने एशियन गेम्स साइकिलिंग प्रतियोगिता में तीन रजत पदक व एक कांस्य पदक जीते हैं।
हर्षिता का फोकस 2026 आइची-नागोया एशियन गेम्स पर है। वह ओम्नियम के लिए ट्रेनिंग कर रही हैं- यह मल्टीपल रेस स्पर्धा है जिसमें स्क्रैच रेस, व्यक्तिगत परसूट, एलिमिनेशन रेस और टाइम ट्रायल शामिल हैं। यह ओलंपिक स्पर्धा है। एनआईएस कोचिंग डिप्लोमा प्राप्त राकेश का कहना है, ‘हम रोड रेस कम कर देंगे और ट्रैक स्पर्धाओं पर फोकस करेंगे। हमारा टारगेट एशियन गेम्स हैं। हम ताकत बढ़ाने पर कार्य करेंगे। सितम्बर की जूनियर विश्व चैंपियनशिप्स में हर्षिता व्यक्तिगत परसूट में भाग लेगी जो उसकी पसंदीदा स्पर्धा है और पॉइंट्स रेस है। अगले साल वह एशियन चैंपियनशिप्स में सीनियर स्तर पर भाग लेगी। यह एशियन गेम्स के लिए अच्छी तैयारी होगी। ट्रैक ट्रेनिंग के लिए हम पंजाबी यूनिवर्सिटी जाते थे जो हमारे घर के करीब है। वहां 500 मी. का साइकिलिंग ट्रैक है। पिछले साल से वह प्रतियोगिताओं से पहले एनआईएस पटियाला ट्रेनिंग के लिए जाती है। वहां पूर्ण ट्रैक है।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर