रबड़ बैंड बास गिटार
बच्चो! आज मैं आपको एक बहुत ही साधारण प्रयोग सिखाने जा रही हूं, जिससे आपको संगीत का भरपूर आनंद आयेगा और आप फिजिक्स के नियम भी सीख लेंगे। मैं आपको रबर बैंड से बास गिटार बनाना सिखाने जा रही हूं। इसके लिए हमें सिर्फ एक रबर बैंड की ज़रुरत पड़ेगी। अगर अलग-अलग शेप व साइज़ के रबर बैंड हों तो और भी बहुत अच्छा। इस प्रयोग को करने से पहले आप अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें क्योंकि संगीत आप अपनी उंगली अपने कान में डालने पर ही सुनेंगे, लेकिन ध्यान रहे कि उंगली (या किसी अन्य वस्तु) को अपने कान में जबरन अंदर तक न घुसाएं। अपना रबर बैंड लें और अपने एक हाथ की पहली उंगली व अंगूठे में फंसाकर उसे खींच लें। आहिस्ता से अपनी पहली उंगली अपने कान में डाल लें। ज़ोर से पुश न करें, लेकिन सुनिश्चित करें कि कान सील हो जाये जैसा कि शोर को रोकने के लिए आप करते हैं। अब जिस तरह से गिटार बजाते हैं, वैसे ही अपने दूसरे हाथ की पहली उंगली रबर बैंड को बजाएं। आपको बास गिटार जैसी ऊंची ध्वनियां सुनायी देंगी।
अपनी उंगलियों को अधिक स्ट्रेच करके या उन्हें करीब लाकर रबर बैंड की लम्बाई को कम या ज्यादा करते रहें। रबर बैंड को स्ट्रेच या खींचने से उसकी टेंशन बढ़ जाती है। आप रबर बैंड को इस तरह से एडजस्ट करें कि आप उसके दो अलग-अलग हिस्सों पर दो अलग-अलग धुनें बजा सकें।
अपनी उंगली को अपने कान से बाहर निकाल लें। अब ध्वनि किस तरह से बदलती है। एक बार जब आप अपने रबर बैंड बास गिटार को बजाने के अभ्यस्त हो जायें उस पर कोई भी चर्चित बेसलाइन बजाएं, जैसे सेवेन नेशन आर्मी आदि। यह संगीत कैसे उत्पन्न हुआ और आपके कान में कैसे पहुंचा? जब आप रबर बैंड को अधिक या कम खींचते हैं तो संगीत कैसे बदल जाता है?
ध्वनि या संगीत तब बनता है जब कोई चीज़ कम्पन करती है। आप अपने रबर बैंड को खींचकर अगर उसे हरकत देंगे तो कम्पन को देख सकेंगे। कम्पन करता रबर बैंड अपने पास की हवा में भी कम्पन लाता है और यह कम्पन सभी दिशाओं में फैल जाते हैं। अगर आपका कान नजदीक होगा तो आप ध्वनि सुनेंगे क्योंकि कम्पन आपके इयरड्रम और हड्डियों में भी कम्पन उत्पन्न करता है। रबर बैंड बास गिटार में कम्पन आपकी उंगली से आपके कान में पहुंचते हैं। गैस जैसे हवा की तुलना में ठोस जैसे आपकी उंगली के ज़रिये ध्वनि बेहतर ट्रेवल करती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ठोस चीज़ में मोलिक्यूल्स एक दूसरे के अधिक करीब होते हैं, गैस की तुलना में, जिससे कम्पन का आगे बढ़ना आसान हो जाता है। जैसे ही आप अपनी उंगली कान से बाहर निकालते हैं, तो हवा का फासला बन जाता है और ध्वनि शांत हो जाती है। रबर बैंड को कम या ज्यादा खींचने से पिच बदल जाती है। रबर बैंड को जितना ज्यादा खींचा जायेगा उतनी टेंशन बढ़ जायेगी और वह तेज़ कम्पन करने लगता है। प्रति सेकंड जितने कम्पन होते हैं, उसे फ्रीक्वेंसी कहते हैं और इससे मालूम होता है कि धुन कितनी हाई या लो है। गिटारिस्ट अपने गिटार के तारों को टाइट इसी वजह से करता है। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर