जीडीपी विकास दर 17 साल के निचले स्तर पर

नई दिल्ली, 29 मई (वार्ता) : विनिर्माण और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के लगातार खराब प्रदर्शन के कारण पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में विकास दर घटकर 3.1 फीसदी और पूरे वित्त वर्ष के दौरान 4.2 फीसदी रह गई जो 17 साल का इसका निचला स्तर है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2019-2020 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 145.66 लाख करोड़ रुपए रहा जो 2018-19 के  139.81 लाख करोड़ रुपए से 4.2 प्रतिशत अधिक है। यह वित्त वर्ष 2002-03 (3.84 प्रतिशत) के बाद का निचला स्तर है। इससे पहले 2018-19 में विकास दर 6.1 प्रतिशत रही थी। गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी 38.04  लाख करोड़ रुपए रहा जो 2018-19 की अंतिम तिमाही के 36.90 लाख करोड़ रुपए से 3.1 प्रतिशत अधिक है। यह 2002-03 की तीसरी तिमाही (1.66 प्रतिशत) के बाद का निचला स्तर है। वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही में विकास दर 5.7 प्रतिशत रहा था। पूरे वित्त वर्ष के दौरान विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे कमज़ोर रहा। इसकी विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 के 5.7 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 0.03 प्रतिशत रह गई। लगातार तीन तिमाहियों में इसमें गिरावट रही। दूसरी तिमाही में इसमें 0.6 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 0.8 प्रतिशत की गिरावट रही थी जो चौथी तिमाही में बढ़कर 1.4 प्रतिशत हो गई। कृषि क्षेत्र की विकास दर में लगातार सुधार देखा गया। पहली तिमाही में इसमें तीन प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.5 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। खनन क्षेत्र में सर्वाधिक सुधार देखा गया। इसमें 2018-19 में 5.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही। लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवा क्षेत्र की विकास दर 9.4 प्रतिशत से बढ़कर 10 फीसदी हो गई।