बलूचिस्तान को आज़ादी कब

भारत से पाकिस्तान के निर्माण के समय बलूचिस्तान एक स्वतंत्र रियासत थी, जिस पर पाकिस्तान ने धोखे से और बलपूर्वक कब्जा कर लिया था। इसी तरह की कोशिश उसने जम्मू-कश्मीर के मामले में भी की थी, परन्तु हिन्दु महाराजा का राज्य होने के कारण पाकिस्तान अपने इरादे में पूरी तरह  से सफल होने से वंचित रह गया था। तब से बलूचिस्तान पाकिस्तान से कब्जे में चला आ रहा है और बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से आज़ादी का आंदोलन चलाए हुए हैं। भारत की पूर्व सरकारों ने बलूचिस्तान के स्वतंत्रता सेनानियों को मदद देने में कोई रुचि न लेकर एक तरह से पाकिस्तान का ही साथ दिया। लेकिन जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, बलूच लोगों में पाकिस्तान से आज़ादी पाने के लिए एक नई उमंग का संचार हुआ है और बलूच लोग दमनकारी पाकिस्तानी सेना को भरपूर जवाब देने लगे हैं। मई माह में ही बलूच स्वतंत्रता सेनांिनयों ने पीर गैब और कैच क्षेत्रों में दो अलग-अलग हमलों में सात पाकिस्तानी सैनिकों को जहन्नुम पहंचा दिया। अफसोस की बात है कि संसाधन सम्पन्न पाकिस्तानी सेना से लड़ने वाले बलूच स्वतंत्रता सेनानियों को संसाधनों की कमी से जूझना पड़ रहा है। 

-अक्षित आदित्य तिलक राज गुप्त