कमर दर्द से ऐसे पाएं राहत

कमरदर्द कोई रोग नहीं है। यह आज की तेज रफ्तार जिदंगी की देन है, आधुनिकता का अभिशाप है। कमर दर्द का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण मानसिक दबाव है क्योंकि हम हमेशा हर काम जल्दबाजी में निपटाना चाहते हैं जिससे शरीर और दिमाग जल्दी थक जाते हैं और हमारी मांसपेशियां कमजोर होती चली जाती हैं। व्यायाम के अभाव में, गलत ढंग से उठने, बैठने और चलने से भी कमरदर्द होता है। जब दर्द सहने लायक हो तो अधिक परिश्रम नहीं करना चाहिए। अधिक दर्द होने पर पूरा आराम लेना चाहिए। 
कमर दर्द होने से बचने के लिए कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए।
* पीठ का दर्द अचानक उठने पर दो-तीन दिन तक ‘बेडरेस्ट‘ लेना चाहिए। कई बार आराम करने से दर्द ठीक हो जाता है।
* दर्द से आराम पाने के लिये गर्म पानी की बोतल से दर्द वाली जगह पर सिंकाई करने से भी दर्द में राहत मिलती है।
* मानसिक रूप से परेशान नहीं होना चाहिए। स्वयं को सहज रखने का प्रयास कीजिए।
*  खड़े होते समय दोनों पांवों पर बराबर वजन डालिए। 
* अधिक देर तक खड़े होने के लिए एक पांव कुछ ऊंची जगह पर रखकर कमर के तनाव को कम कीजिए।
* अधिक मुलायम गद्दों पर सोने से बचना चाहिए। सख्त सतह वाले दिवान या पलंग पर गद्दा, दरी और चादर बिछा कर सोना चाहिए।
* गर्दन को सीधा रखकर करवट लेकर सोना चाहिए।
* जमीन से कुछ उठाते समय कमर की जगह घुटनों को मोड़ना चाहिए।
* अधिक भार वाली  वस्तु को नहीं उठाना चाहिए। अधिक ऊपर रखी चीज को उतारने के लिए स्टूल या सीढ़ी का प्रयोग करना चाहिए।
* अधिक देर तक कुर्सी मेज पर काम करने वालों को पैरों के नीचे फुट रेस्ट रखना चाहिए। बीच-बीच में कुछ सैकेंडस के लिए खड़े हो जाना चाहिए।
* कम एड़ी वाले जूते, चप्पल का प्रयोग करना चाहिए।
* लम्बी यात्रा के समय बीच में ब्रेक अवश्य लेना चाहिए।
* कमर दर्द के दिनों में व्यायाम अपनी इच्छा से न करें। फिजियोथेरेपिस्ट या योगा टीचर से सलाह कर व्यायाम करें। (स्वास्थ्य दर्पण)