भारतीय हाकी टीम को कमांडो प्रशिक्षण की आवश्यकता

भारतीय हाकी टीम के प्रदर्शन को यदि हम ध्यान से देखें, विचार करें तो यह महसूस किया जा सकता है कि एशिया महाद्वीप की इस टीम की भविष्य में संभावनाएं तो बहुत हैं, यदि इसकी कुछ कमज़ोरियां दूर हो जाएं। खेल के कुछ पलों में ही यह टीम इस तरह का प्रभाव अवश्य दे जाती है कि पूरा विश्व इसके आगे घुटने टेक देगा परन्तु कुछ ही पलों में यह टीम विरोधी के सामने ध्वस्त हो जाती है। हमारे मुताबिक इस टीम में खतरों से जूझने की शक्ति कम है, किलर इन्सटिकंट की भावना कमज़ोर पड़ जाती है, आत्मविश्वास की कमी है। कठिन परिस्थितियों में मानसिक दबाव सहन करने की शक्ति कमज़ोर है, पूरे 60 मिनट मैदान में सतर्क रहने की हमारी टीम में कमी है। यदि गंभीरता से सोचा जाये तो ये सभी कमज़ोरियां भारतीय हाकी टीम के अभ्यासी कैम्पों के दौरान कभी दूर नहीं हुईं। कोचों और खिलाड़ियों का पूरा ज़ोर हाकी स्किल सीखने-सिखाने पर लग जाता है। हमें प्रशिक्षण के कुछ और नये तजुर्बे भी करने चाहिएं, जिनमें कमांडो प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है।कैम्पों के दौरान लगातार हाकी खेलने से भी खिलाड़ी कई बार ऊब जाते हैं। बोरियत, सुस्ती महसूस करते हैं। उनमें नया जोश और शक्ति का संचार करनेके लिए भी कमांडो प्रशिक्षण की आवश्यकता है। कमांडो प्रशिक्षण के तहत हमारे हाकी खिलाड़ियों को शारीरिक और मानसिक तौर पर अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए वाल क्लाइबिंग (ऊंची दीवार परचढ़ना), बाक्ंिसग, एब्सटेकल टेनिंग (रास्ते में रुकावटें पैदा करने वाली गतिविधियों का सत्र) पहाड़ों की चढ़ाई, स्विमिंग, वेट लिफ्ंिटग, जागिंग, योगा,मुश्किल से मुश्किल हालत में एकजुटता का अभ्यास, जिम्नेज़ियम में फिटनैस के कड़े अभ्यास, डर एवं चिन्ता से निजात हासिल करने के कई कड़ेअभ्यास, रस्से से दीवार पर चढ़ना, रस्से के सहारे नदी पार करना, कहने का अर्थ है कि कमांडो प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सिखाता है कि जब हालात कठिनऔर परेशान करने वाले बन जाते हैं तो उनमें कठिन और मज़बूत व्यक्ति ही सफल होते हैं। हाकी इंडिया को इस तरफ गंभीरता से सोचने और विचार करने की आवश्यका है। हमारे यह बहुत ही लम्बे-लम्बे स्किल टे्रनिंग कैम्पों का रुझान है। हम दशकों से एक  तरह से ही खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं। समय बदल चुका है। चुनौतियां बदल चुकी हैं, अब कड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हमारे हाकी प्रशिक्षण कैम्पों के ढंग-तरीकों को भी बदलने की आवश्यकता है। हम भूल जाते हैं कि दशकों पहले जिस खिलाड़ी ने विश्व हिला कर रख दिया था, उसका नाम मेजर ध्यान चंद था और वह एक सैनिकथा। फौजी ट्रेनिंग के साथ-साथ उस महान खिलाड़ी को दी गई हाकी ट्रेनिंग ने ही उसे महान हाकी खिलाड़ी बनाया। फौजी टे्रनिंग ने मेजर ध्यान चंद कोएक मज़बूत व्यक्ति बना दिया, जिस ने बाद में हाकी जगत पर दबदबा बनाए रखा।

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