5जी के लिए आखिर कितने तैयार हैं हम ?

बीते हफ्ते 5जी की जल्द शुरुआत के आसार बने हैं। इस उम्मीद से उन कल्पनाओं में भी रंग भरने शुरू हो गये हैं, जिनका खाका यह तकनीक तैयार करती है। सरकार भी चाहेगी कि 2024 तक इसके कुछ रंग दिखाकर सियासी फायदा उठाया जाये, पर 5जी की देशव्यापी और सार्थक उपस्थिति क्या इतनी जल्दी संभव है जितना सरकार दावा कर रही है।
आम बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की  कि देश में 2023 की शुरुआत से कमर्शियल 5जी सेवा शुरू हो जाएगी। वित्तमंत्री के ऐलान में मजबूती का किंचित अभाव दिखा, क्योंकि अभी तक इसके लिये सबसे जरूरी चीज स्पेक्ट्रम की नीलामी ही नहीं हुई। संचार मंत्री ने बेशक बयान दिया कि 2022 में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के सारे इंतजामात मार्च तक हो जाएंगे और नीलामी अगस्त तक पूरी हो जायेगी। अलग बात है कि समय पर स्पेक्ट्रम नीलामी के बावजूद अगले साल की शुरुआत में वाणिज्यिक स्तर पर समूचा देश 5जी सेवा का उपयोग करने लगे, यह संभव नहीं लगता। मई में इसके परीक्षण पूरे होंगे। फिर उनकी समीक्षा और तब इसके बाद 5जी या 5जीआई क्या तकनीक अपनाना है, इस पर फैसला करना होगा। इसके बाद स्पेक्ट्रम की नीलामी, फिर उसके अनुरूप दीगर अवसंरचनात्मक तैयारियां। हो सकता है कि कुछ क्षेत्रों, कम्पनियों और संस्थानों में इसका व्यापक और व्यवहारिक प्रयोग दिसम्बर तक संभव हो भी जाये पर इसके बड़े शहरों में आम जन तक पहुंचने में कम से कम एक बरस और लगेगा। 
सरकार की हरचंद कोशिश होगी कि 2024 के आरंभ में इसके जलवे दिखाकर युवाओं को लुभाया जाये। इसके होने वाले तमाम अनुमानित फायदों और चमत्कारों का बखानकर चुनावी लाभ लिया जाये। बेशक यह संचार के क्षेत्र में एक क्त्रांति होगी। इसका राजनीतिक लाभ मिलना तय है। इसलिए देशवासियों की उम्मीदें इन बयानों से अचानक बढ़ गई हैं। अभी इंटरनेट की अधिकतम गति एक जीबी प्रति सेकेंड है, 5जी की 10 से 20 जीबी प्रति सेकेंड होगी। एक फिल्म डाउनलोड करने में छह मिनट की बजाय 20 सेकेंड लगेंगे। सुदूर क्षेत्रों में कई बार 4जी कवरेज नहीं मिलता पर तब वहां भी तीव्र वीडियो स्ट्रीमिंग, सर्फिंग का अलग अनुभव मिलेगा। 
प्रश्न अब यह है कि यह तेजी क्यों जरूरी है? इसका जवाब मिल जायेगा यदि सुदूर और अलग-अलग जगह पर बैठे शल्य चिकित्सकों के द्वारा की जाने वाली रोबोटिक सर्जरी की कल्पना करें। सेकेंडों की देरी गंभीर परिणाम ला सकती है। तेज रफ्तार ऑटोमेटिक कारों के नियंत्रण में भी यही बात सच है। घर,घरेलू उपकरण, तमाम चीजें इंटरनेटयुक्त हो आपस में जुड़कर आपसी संवाद कर सकेंगी। मशीनों और मनुष्यों के बीच संवाद के जिस जमाने की कल्पना हमने सुनी है, वह इस तेज रफ्तार इंटरनेट से ही संभव होगा। 
इससे डिजिटल क्त्रांति को नया मुकाम मिलेगा। इंटरनेट ऑफ  थिंग्स ही नहीं, औद्योगिक आईओटी और रोबोटिक्स को भी अपेक्षित बढ़ावा मिलेगा। वर्चुअल रियलिटी, क्लाउड गेमिंग के लिए नए आयाम स्थापित होंगे। ई-गवर्नेंस का भी विस्तार होगा। 5जी के आने से सुदूर इलाकों में लगातार कनेक्टिविटी बनी रहेगी। 2025 तक सभी गांवों तक फाइबर ऑप्टिक्स बिछाने का लक्ष्य पूरा हो जाना है। ऐसे में ई-मेडिसीन, टेली मेडिसिन बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगी, गांवों तक भी पहुंचेगी। शिक्षा, कृषि क्षेत्र को जबरदस्त फायदा होगा। छात्रों को घर बैठे अच्छी और सस्ती शिक्षा मिलेगी। रफ्तार के चलते ऑनलाइन कंटेंट के क्षेत्र में भी बड़ी क्त्रांति आएगी। स्मार्ट सिटी के परिवहन, यातायात प्रबंधन, जैसे काम तेज हो जाएंगे। सेवा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मानवीय हस्तक्षेप वाले हाईब्रिड वर्क कल्चर का विस्तार होगा। रोज़गार सृजन के नए अवसर तो खुलेंगे ही, कामकाजियों को ढर्रेवाले काम से राहत मिलेगी।  
एक सरकारी पैनल के अनुसार 5जी से 2035 तक देश में एक लाख करोड़ डॉलर की आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। विदेशी कम्पनी एरिक्सन के मुताबिक 5जी के आने से दो साल के भीतर 27 अरब डॉलर से अधिक का राजस्व जुटेगा, क्योंकि यहां 2026 तक इसके 35 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता होंगे। सबब यह कि 5जी के आने के बाद देश में तमाम तरह के बदलाव आएंगे, कम से इसके संकेत अवश्य मिलने लगेंगे जिसके आधार पर भारत बदल रहा है, के सरकारी नारे को मजबूती मिलेगी। भले देश में 2023 से 5जी की ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क, डायनमिक स्पेक्ट्रम शेयरिंग और सस्ते 5जी हैंडसेट्स की साथ शुरुआत हो जाये, पर क्या सच में अगले साल समूचा देश 5जी का उपभोग करेगा? अगले साल न सिर्फ  5जी की स्वदेशी तकनीक विकसित हो जायेगी बल्कि देश 6जी की ओर बढ़ जायेगा। 
 कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि विदेशी तो तैयार हैं मगर घरेलू टेलीकॉम बाजार को 5जी सेवाओं की तैयारी के लिये कम से कम दो तीन साल चाहिऐ। यह ठीक है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सुधरेगी पर इस सुधार के लिये शिक्षा व्यवस्था, चिकित्सकों की संख्या और किसानों की स्थिति में भी तो पर्याप्त सुधार होने चाहिए। संभव है, निकट भविष्य में हमारे पास अमृत वर्ष में 5जी का अमरफ ल आ जाये पर हमें उसका आस्वाद लेने के लिये अवसंरचना के दांत भी तो चाहिएं।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर