पृथ्वी को बचाने में महिलाओं का योगदान ज़रूरी 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष

पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है। पृथ्वी में जल और ऑक्सीजन के कारण हीं जीवन संभव है। आज तक पृथ्वी के इलावा और कोई ग्रह देखा नहीं गया है जिसमें जीवन हो। पृथ्वी में मानव सहित हर तरह के जीव जंतु मौजूद हैं क्यों की पृथ्वी का वातावरण हमारे लिए अनुकूल है। पृथ्वी के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हर साल 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। ऐसे में आज हम आपको पृथ्वी को बचाने के लिए कुछ तरीके बता रहे हैं। 
जल संरक्षण
हमारे भूमण्डल के बिगड़ते हालात के लिए पानी की बर्बादी सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। पृथ्वी को बचाने के लिए जल संरक्षण बहुत जरूरी है। इसके लिए हम सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी बचाना चाहिए। ऐसे में धरती से पानी निकालकर सिंचाई करने के बदले नहरों का इस्तेमाल करना चाहिए।
बिजली का कम इस्तेमाल
बिजली बनाने में कोयला समेत कई प्राकृतिक गैसों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।  बेहतर होगा कि हमें बिजली का इस्तेमाल केवल जरूरी कामों के लिए करना चाहिए। घर से बाहर निकलते वक्त सभी लाइट-पंखों  को बंद कर देना चाहिए।
कम केमिकल का इस्तेमाल
आज के समय में खेती से लेकर नहाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने समेत कई कामों में केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये केमिकल नाली के रास्ते बड़े नालों से होता हुआ नदियों में जाकर मिलते हैं, जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो जाता है। ऐसे में पृथ्वी के संरक्षण के लिए कम से कम केमिकल का इस्तेमाल करना चाहिए।
कचरा प्रबंधन
धरती को बचाने में कचरे का प्रबंधन एक अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में कोशिशकरनी चाहिए कि घरों में जो कचरा निकले वह गलने वाला हो। गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग फेंके। 
प्लास्टिक
पृथ्वी के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है प्लास्टिक। नदियों, समुद्रों, झीलों जैसी जल स्रोत में पाए जाना जल जीवों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। जब भी हम प्लास्टिक कचरा को जलाते हैं उसमे से निकलने वाली जहरीली गैस पर्यावरण प्रदुषण का कारण बनता है। इसी कारण से प्लास्टिक पृथ्वी पर हीं मौजूद रहता है चाहे जल स्रोतों में हो या फिर भूमि में, ये केवल धरती को नष्ट कर रहा है।
ज्यादा से ज्यादा लगाएं पेड़
अक्सर लोग बिजी शेड्यूल के चलते पेड़.पौधे नहीं लगाते लेकिन इस वक्त आप घर में हैं। तो क्यों ना धरती को बचाने में अपना सहयोग दिया जाए। जितना हो सके पेड़-पौधे लगाएं।