गुजरात में क्षेत्रवाद का सहारा ले रही है भाजपा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब भी गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए जाते हैं तो देश के प्रधानमंत्री की बजाय गुजरात के प्रधानमंत्री की तरह बर्ताव करने लगते हैं। वह गुजरात के प्रधानमंत्री की तरह ही वोट मांगते हैं। उनका पूरा प्रचार गुजराती अस्मिता को केंद्र में रख कर होता है, जिसके एकमात्र प्रतीक वह खुद हो जाते हैं। गुजरात में अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है लेकिन वह बहुत दिनों से लगातार गुजरात का दौरा कर वहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने 19 अक्तूबर को अपने ताजा दौरे में दो जगह गुजराती अस्मिता की दुहाई दी। एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात को गाली देने वालों को सबक सिखाना है।
 एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को गुजरात की सफलता रास नहीं आती। इस तरह की बातें वह दूसरे राज्यों में नहीं करते हैं। देश के किसान जब दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे थे तो उनको खालिस्तानी और आतंकवादी कहा गया, लेकिन पंजाब की चुनावी सभाओं में मोदी ने कभी नहीं कहा कि जिन लोगों ने पंजाब को बदनाम किया, उन्हें सबक सिखाना है, क्योंकि बदनाम करने वाले भाजपा के ही लोग थे। इसी तरह बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को देशभर में लांछित-अपमानित किया जाता है, लेकिन उनकी अस्मिता की बात प्रधानमंत्री कभी नहीं करते हैं। राजधानी दिल्ली सहित देश के अनेक राज्यों में पूर्वोत्तर के लोगों को चिढ़ाया और अपमानित किया जाता हैं, दक्षिण भारतीयों का मज़ाक उड़ाया जाता है, लेकिन उनकी अस्मिता की बात भी प्रधानमंत्री कभी नहीं करते हैं। 
चीन के नक्शे में लद्दाख और अरुणाचल भी
कुछ समय पहले तो चीन ने अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में घुसपैठ ही की थी लेकिन अब उसने बाकायदा दोनों प्रदेशों को अपने आधिकारिक नक्शे में शामिल कर लिया है। यही नहीं, उसने इन दोनों भारतीय इलाकों को चीनी नाम भी दे दिया है लेकिन इतनी महत्वपूर्ण खबर समूचे मीडिया में नदारद है। कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि अरुणाचल प्रदेश के लगभग एक दर्जन गांवों का नाम चीन ने बदल दिया है और उनको तिब्बती नाम दे दिया है। भारत के लिए यह बेहद शर्मनाक बात थी कि चीन ने भारत की न सिर्फ  जमीन कब्जाई, बल्कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करके भारतीय क्षेत्रों के नाम भी बदल दिए, लेकिन ताजा मामला ज्यादा शर्मनाक है। 
भाजपा के सांसद रहे सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्विट करके बताया है कि पिछले दिनों उज़्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ की जो बैठक हुई उसमें चीन का यह आधिकारिक नक्शा बांटा गया। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र्र मोदी भी गए थे। स्वामी का दावा है कि वह नक्शा प्रधानमंत्री मोदी को भी मिला था, जिसमें लद्दाख और अरुणाचल को चीन का हिस्सा दिखाया गया है और उनका चीनी नाम रखा गया है। इसके बाद स्वामी ने सवालिया लहजे में पूछा है कि क्या मोदी ने इसका विरोध किया था? उन्होंने कहा है कि इससे पहले कि देर हो जाए, इसका विरोध होना चाहिए।
अमूल को भी है गुजरात की चिंता 
पहले चुनाव नज़दीक आते ही सरकारें चिंतित हो जाया करती थीं। आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ना कम हो जाते थे। केंद्र सरकार पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों पर लगाम कस देती थी, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि निजी कम्पनियां भी सरकार की चुनावी चिंता में भागीदारी करने लगी है। यह मोदी के होने से सब कुछ मुमकिन होने का एक सबूत है। गुजरात कोऑपेटिव मिल्क मार्केटिंग फैडरेशन ने हाल ही में अपने उत्पाद अमूल दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की हैं, लेकिन उसने गुजरात को इस बढ़ोतरी से मुक्त रखा है। इससे पहले अमूल दूध की कीमतें पूरे देश में एक साथ बढ़ती थीं। उसका विज्ञापन भी टेलीविजन पर आता है कि ‘अमूल दूध पीता है इंडिया’। हैरानी की बात है कि जो दूध पूरा इंडिया पीता है, उसने अपनी कीमतों में बढ़ोतरी की तो गुजरात को छोड़ दिया। फुल क्रीम दूध और गाय के दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। उसके तुरंत बाद मदर डेयरी ने भी अपने दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। मदर डेयरी का दूध चूंकि उत्तर भारत में ही ज्यादा बिकता है, इसलिए उसको गुजरात की चिंता करने की ज़रूरत नहीं पड़ी। गुजरात में अगले महीने के अंत तक या दिसम्बर में चुनाव होने वाले हैं। इसलिए अमूल दूध बनाने वालों ने गुजरात में कीमत नहीं बढ़ाने का फैसला किया। बाकी देश में साल में तीसरी बार दूध के दाम बढ़े हैं। 
राम रहीम को चुनाव से पहले फिर पैरोल 
डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख रहा गुरमीत राम रहीम फिर पैरोल पर रिहा हो गया है। हत्या और दुष्कर्म के मामले में सज़ा काट रहे राम रहीम को इस साल तीसरी बार पैरोल मिली है और इस बार पैरोल 40 दिन की है। इस साल के शुरू में जब पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने थे, तब भी राम रहीम को 21 दिन के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था। तब उसने अपने डेरे के अनुयायियों से भाजपा को वोट देने की अपील भी जारी की थी। हालांकि पंजाब में भाजपा सिर्फ  दो ही सीट जीत पाई लेकिन अकाली दल से अलग होकर लड़ रही भाजपा को डेरा प्रेमियों के वोट अच्छी खासी संख्या में मिले। अब हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है और राज्य में दूसरे चरण के स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि राम रहीम अपने डेरे से जुड़े विवादों को निबटाने के साथ-साथ भाजपा के पक्ष में गोपनीय अपील भी जारी कर सकता है। 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के वक्त भी उसे पैरोल पर छोड़ा गया था और उसने भाजपा के पक्ष में अपील जारी की थी। गौरतलब है कि हरियाणा में डेरा के सबसे ज्यादा अनुयायी हैं और उनके बीच राम रहीम अब भी लोकप्रिय है। बहरहाल, जेल प्रशासन नियमों का हवाला दे रहा है कि हर सज़ायाफ्ता कैदी को पैरोल का अधिकार है लेकिन राम रहीम का मामला अन्य कैदियों से अलग और खास है।
दिल्ली आने से कतरा रहे हैं अफसर
आम तौर पर अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी यानि आईएएस, आईपीएस, आईएफएस आदि कॅरिअर में आगे बढ़ने के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आने की हसरत रखते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से अचानक ऐसे अधिकारियों का दिल्ली से मोहभंग हो गया है। राज्यों में तैनात अधिकारी केंद्रीय डेपुटेशन पर दिल्ली आने से कतरा रहे हैं और न किसी अन्य जगह केंद्रीय डेपुटेशन चाह रहे हैं। केंद्र सरकार इस स्थिति को बदलने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। पिछले साल इसका नियम भी बदला गया। यह प्रावधान किया गया कि अधिकारी राज्य सरकार की मंजूरी के बगैर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं। इसके बावजूद स्थिति नहीं बदली।
 पिछले दिनों राज्यों के प्रधान सचिवों की एक बैठक में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने यह बात रखी और दिल्ली आने में अधिकारियों की हिचक को दूर करने का प्रयास किया, लेकिन अधिकारियों की हिचक कायम है। यहां तक कि भाजपा शासित राज्यों के अधिकारी भी प्रदेश छोड़ कर केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर नहीं आना चाहते। इसका नतीजा यह हुआ है कि केंद्र सरकार के पास अधिकारियों की कमी हो गई है। केंद्र में 1472 आईएएस और 872 आईपीएस अधिकारियों की कमी है। इस वजह से दूसरी सेवाओं के अधिकारियों को केंद्र में तैनात किया जा रहा है या लैटरल एंट्री के जरिए सेवा से बाहर के विशेषज्ञों को केंद्र में उच्च पदों पर नियुक्त किया जा रहा है।