कैसे हुआ बास्केटबाल का आविष्कार ?

‘दीदी, हमारे यहां तो सबसे ज्यादा दर्शक क्रिकेट के हैं, लेकिन क्या आप बता सकती है कि अमरीका में सबसे ज्यादा दर्शक किस ख्ेल के हैं ?     
-‘बास्केटबॉल के। हालांकि यह अंतर्राष्ट्रीय खेल है क्योंकि दुनिया के हर सभ्य देश में यह खेला जाता है और इसकी दिलचस्प बात यह है कि अन्य ख्ेलों की तरह इसका विकास आहिस्ता-आहिस्ता सदियों से नहीं हुआ।
‘फिर ’ उसका आविष्कार 1891 में जेम्स ए नायस्मिथ ने किया। वह एक ऐसे खेल की तलाश में थे जिसमें स्प्रिंग फील्ड ट्रेनिंग स्कूल, स्प्रिंग फील्ड, मैसाध्ुसेट्स के छात्रा दिलचस्पी ले सकें। नायस्मिथ मूल रूप से कनाडा के थे और उन्होंने इंडियन गेम लेकरोसे और ब्रिटिश गेम सोकर को मिलाकर एक अच्दा इंडोर गेम बना दिया।
वह किस तरह ?
-‘लेकरोसे में गेंद को स्टिक द्वारा मारा जाता है, सोकर में पैरों से, नायस्मिथ ने गेंद को पास करने या ड्रिबल करने के लिए हाथ को प्राथमिकता दी और हाथ से ही सिंगल प्लेयर को गोल मारना था।’
‘तो फिर इसका नाम ‘बास्केटबॉल’ कैसे पड़ा ?’ 
ायस्मित ने जब यह गेम क्रिएट किया तो गोल के लिए उसने लकड़ी की पीच बास्केट का प्रयोग किया, इसलिए उसने इस खेल का नाम बास्केट बाल रख दिया। बास्केटबॉल में भी अन्य खेलों की तरह कौन-सा खिलाड़ी किस पोजीशन पर खेलगा यह उसके विशेष टैलेंट पर निर्भर करता है। जो प्वाइंट स्कोर करने में माहिर होते हैं, वह अमूमन विरोधी गोल के पास स्टैक करने के लिए आगे खड़े होते हैं। सेंटर में खेलने वाला व्यक्ति अक्सर लंबा होता है। सेंटर जम्प के दौरान उसमें बॉल को अपने साथी को टिप करने की क्षमता होनी चाहिए। वह अपने कद के जरिए बैकबोर्ड को भी नियंत्राण कर सकें। अगर शॉट नाकाम हो गया है और गेंद हूप में नहीं गयी है तो वह उस पर फि र से नियंत्राण पा सके। 
(सुमन सागर)