ज़िंदगी को निगलने वाली झील ‘कराचिय’ 

बच्चो, रूस विश्व का सबसे बड़ा और बहुत शक्तिशाली देश है। यह देश विज्ञानिक तरक्की में हमेशा आगे रहता है। इसी विज्ञानिक तरक्की की दौड़ में इस देश में एक ज़िंदगी को निगलने वाली झील ने जन्म लिया। इस देश में ‘कराचिय’ झील विश्व की सबसे ज़हरीली झील है जो कई लोगों की जान ले चुकी है। इस झील के आगे एक घंटा खड़े रहने का मतलब मौत को बुलाना है। इस स्थान को विश्व का सबसे प्रदूषित स्थान माना जाता है। इस स्थान के आस-पास चलने फिरने से व्यक्ति की मौत हो सकती है। इस झील में तैरना तो सीधा मौत को दावत देना है। बताया जाता है कि इस झील के किनारे ‘दा मयंक प्रोडक्शन एसोसिएशन’ नाम का एक न्यूक्लियर प्लांट था। इस झील के पानी को न्यूक्लियर प्लांट को ठंडा रखने के लिए उपयोग किया जाता था। इसके अलावा 1951 से न्यूक्लियर प्लांट में से निकलने वाले सभी न्यूक्लियर वेस्ट भाव व्यर्थ रसायन को झील में फैंक दिया जाता था। कुछ समय के बाद इस झील का पानी बहुत ही ज्यादा प्रदूषित हो गया है। इसके आस-पास के गांवों में रहने वाले लोग खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ गये और कई लोगों की मौत हो गई। इनमें से बहुत से लोग कैंसर जैसी घातक बीमारी का शिकार हो गये। इस झील के पास बसे गांवों में जन्मे बच्चे ऐबनार्मल (असाधारण) पैदा हुए। गांवों के 80 प्रतिशत लोग इस प्लांट में से निकलने वाली रेडियो एक्टिव तरंगों के कारण चमड़ी रोगों के शिकार हो गये। 1990 तक इस प्लांट की जानकारी किसी को भी नहीं थी। लोगों के मरने का कारण किसी को पता नहीं चल रहा था। हालांकि सरकार ने 2003 में इस कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई की और इसको बंद करवा दिया लेकिन उस समय तक इस झील का पानी और इसके आस-पास की हवा इतनी ज़हरीली  हो गई थी कि यह लोगों की ज़िंदगी को कुछ पलों में ही खत्म कर सकती है।

-(लैक्चरार कैमिस्ट्री) स. स. सैकेंडरी स्मार्ट स्कूल गम्ग्गोबूआ (तरनतारन)