सावधान... बदल गए हैं जॉब इंटरव्यू के तौर-तरीके

 

जॉब इंटरव्यू के तौर तरीके बदलते रहते हैं। यह स्वभाविक भी है। जैसे-जैसे सोसायटी में एक्सप्रेशन चेंज होता है, इंट्रैक्शन के तौर तरीके बदलते हैं। वैसे-वैसे ही इंटरव्यू लेने के तौर तरीके भी बदल जाते हैं। क्योंकि इंटरव्यू अंतत: एक इंट्रैक्शन का तरीका ही है। आजकल इंटरव्यू का नया ट्रेंड यह है कि इंटरव्यू खत्म होने के पहले इंटरव्यूअर प्रत्याशी से पूछते हैं क्या आपको हमसे कुछ जानना है? क्या आप हमसे कुछ पूछना चाहते हैं? यह सुनकर ज्यादातर इंटरव्यू देने वाले कुछ क्षणों के लिए ब्लैंक हो जाते हैं, उन्हें कुछ समझ में ही नहीं आता कि वे इस सवाल का क्या जवाब दें? क्योंकि उन्होंने तो कल्पना ही नहीं की होती कि वो खुद इंटरव्यूअर से कोई सवाल पूछेंगे। 
लेकिन ध्यान रखिए कि यह भी आपकी पर्सनैलिटी को परखने का इंटरव्यू पैनल का एक तरीका ही है यानी यह सवाल भी इंटरव्यू का हिस्सा है। इसलिए अगर आप कहते हैं नहीं, मुझे आपसे कुछ नहीं पूछना, तो यह अच्छा जवाब नहीं है। क्योंकि वे आपकी प्रश्न कला और आपके अंदर किसी बातचीत के दौरान किस तरह की विचार प्रक्रिया चलती है, इसे जानना चाह रहे होते हैं। इसलिए ऐसे सवाल से ब्लैंक होने या नर्वस होने की कोई ज़रूरत नहीं है। न ही कॉलगेटी मुस्कान के साथ यह कहने की ज़रूरत है, ‘नो थैक्स’। अब सवाल यह पैदा होता है कि इंटरव्यूअर्स से किस तरह के सवाल पूछे जाएं? अगर यह इंटरव्यू कारपोरेट सेक्टर में दे रहे हों, तो वहां आखिर किस तरह के सवाल पूछें जाएं जिससे प्रत्याशी की छवि प्रभावशाली बने? वास्तव में प्रत्याशी ऐसे सवाल पूछने चाहिए, जिससे उसकी रूचियों का गहराई से इंटरव्यू लेने वालों को पता चले। उदाहरण के तौर पर ऐसे में इंटरव्यूअर पैनल से पहला सवाल यह पूछा जाना चाहिए कि मेरे पिछली नौकरी के अनुभव और योग्यताओं के आधार पर क्या आपको लगता है कि मैं आपकी कंपनी में रहकर आपकी अपेक्षाओं पर पूरा उतर पाऊंगा? 
अपने इस सवाल के जरिये आप इस बात को जान सकते हैं कि आपसे इंटरव्यू करने वाला अपनी कंपनी की कार्य संस्कृति और भूमिका में आपको कहां फिट पाता है और कहां अनफिट। क्योंकि आपसे काफी देर तक इंटरव्यू लेने के बाद इंटरव्यू पैनल या सिंगल इंटरव्यूअर के दिमाग में आपकी एक छवि सौ प्रतिशत निर्मित हो चुकी होगी। इसलिए ऐसे मौके पर वह जो जवाब देगा, वह निश्चित रूप से आपके उस पर पड़े प्रभाव का सटीक आईना होगा। इस सवाल के अलावा उन सवालों को भी आप इंटरव्यूअर से बेहिचक पूछ सकते हैं, जो आपको इस बात को समझने में मदद करें कि इस संस्थान की वास्तविक स्थिति क्या है? क्योंकि ज्यादातर इंटरव्यू लेने वाले इसका जवाब देने के लिए मानसिक रूप से खुद ही तैयार होते हैं। वे कंपनी की आगामी विकास और विस्तार की योजनाओं में आपको शामिल करके आपसे उन विषयों पर सहमति की दरकार रखते हैं।
इस मौके का इस तरह से भी फायदा उठाएं कि आप इंटरव्यूअर से ऐसे सवाल करें, जो आपको उनकी नज़र में इंटेलीजेंट साबित करें। इससे इंटरव्यूअर के दिमाग में आपकी अच्छी छवि बनती है। कई बार आपके इस प्रयास में इंटरव्यूअर मन ही मन अपने ले चुके फैसले को भी बदल सकते हैं। क्योंकि वो अपने सवालों से आपमें जो कुछ नहीं तलाश पाए होते, वह आपके सवालों से तलाशने लगते हैं। लेकिन इस पूरे क्रम में यह तो ध्यान रखें ही कि किस तरह के सवाल पूछ जाए, उससे भी ज्यादा ज़रूरी है कि आपको यह भी पता हो कि ऐसे मौके पर किस तरह के सवाल न पूछ जाए। मसलन कभी भी इंटरव्यूअर से छुट्टियां के संबंध में कंपनी की नीति क्या है और अन्य लाभ तथा भत्तों के बारे में न पूछें। इसके लिए पहले से ही कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सूचना जुटा लें। क्योंकि ऐसे अपरिपक्व किस्म के सवाल आपके बारे में नकारात्मक निर्णय तय कर सकती हैं। 
याद रखिए यह क्लास रूम के सवाल जवाब का सिलसिला नहीं है। कई बार इंटरव्यू देने वाला इंटरव्यू लेने वाले से इस तरह के सवाल पूछते है। जैसे किस काम को कैसे करना या किसी काम को करने की क्या प्रक्रिया है या फिर इस तरह के सवाल कि वे अपने आपमें कैसे सुधार कर सकते हैं और फीड बैक के लिए उन्हें क्या करना चाहिए? किसी कंपनी में जाने के दौरान इस तरह के तमाम सवाल एक गलत नजरिए का परिचायक है, जिसका प्रत्याशी की छवि पर नकारात्मक असर हो सकता है जो इस बात को भी दर्शाता है कि आपमें आत्मविश्वास की कमी है। इसलिए ऐसे सवालों से बचे।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर