हिरण, चीता और जंगली कुत्ते

चंपकवन में एक खूंखार चीता रहता था। उसका काम जंगल के निरीह जानवरों को पकड़ कर खा जाना था। चीता से जंगल के हिरन भैंसा और नीलगाय बहुत परेशान थे और हमेशा चीते से डर-डर कर रहते थे। 
एक रोज़ चीता चंपक वन में घुम रहा था, तभी हरे घास के मैदान में एक हिरन को घास खाते देख कर उसके मुंह में पानी भर आया, उसने सोचा आज तो मैं इस हिरन को मार कर पेट भर इसका मांस खाऊंगा 
  घास मैदान से कुछ दूरी पर एक हाथी पेड़ से पत्ते तोड़ कर खा रहा था तभी उसकी नज़र चीता पर जा पड़ी और हिरन से बोला हिरन भाई तुम जल्दी से यहां से भाग जाओ वरना वह चीता तुमको पकड़ कर खा जाएगा। 
हाथी की बात सुनकर कर हिरन बोल हाथी भाई आज आप ने चीता से हमारी जान बचा कर बहुत नेक काम किया है इसके लिए मैं आप का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। मगर आज इस दुष्ट चीता का काम तमाम होने वाला है।
मैं आज यहां से कहीं नहीं जाऊंगा आज मेरे दोस्त जंगली कुत्ते इस दुष्ट चीता का अंत करने वाले हैं।
सारे जंगली कुत्ते सामने की झाड़ी में छुप कर बैठे हैं। 
जैसे ही चीता हमें खाने के लिए हमारे पास आएगा वैसे ही जंगली कुत्ते उस पर हमला कर देंगे। 
फिर सारे कुत्ते उस दुष्ट चीता को मार कर खा जाएंगे। 
और हमें हमेशा के लिए उस दुष्ट चीता से छुटकारा मिल जाएगा। 
इतने में चीता, हिरन को पकड़ने के लिए दौड़ पड़ा तभी झाड़ी में छुप कर बैठे सारे जंगली कुत्ते बाहर आ गए और चीता पर हमला बोल दिया। 
किसी ने चीता की गर्दन पकड़ लिया किसी ने पैर किसी ने पूंछ तो किसी ने पेट को पकड़ कर चीता को नोचने लगे। 
कुत्तों के हमले से चीता घबरा कर भागने लगा मगर कुत्तों ने चीता की गर्दन पकड़ कर जमीन पर गिरा दिया और उसका गला अपने मुंह से दबा कर जान से मार डाला फिर सभी कुत्तों ने मिल कर चीता के मांस को मिल बांट कर खाने लगे। 
चीते को मरा देख कर हिरन बहुत खुश हुआ और सभी कुत्तों को ढेर सारी बधाई दी। इधर हाथी भी हिरन की चालाकी से बहुत खुश होकर उसे बधाई दी।
चीते की मौत का समाचार पुरे जंगल में आग की तरह फैल गया। मौत की समाचार सुनकर सारे हिरन, भैंस, भैंसा और नीलगाय बहुत खुश हुए और सभी जंगली कुत्तों को बधाई देने लगे।

सुमन सागर)