प्रेरक प्रसंग कमाई

 

उसने अपने मौजूदा हालात पर ग़ौर किया और उदास हो गया। उसने सोचा कि क्या उसे हमेशा ऐसा ही अभावग्रस्त और साधारण जीवन व्यतीत करना पड़ेगा? वह अच्छे कपड़े पहनना चाहता था। उसे अच्छे खाने का भी शौक था विशेषकर मिठाइयां। दोस्तों और रिश्तेदारों की आवभगत करके उसे बहुत ख़ुशी मिलती थी। वह अपने जीवन में ये सब ख़ुशियाँ हासिल करना चाहता था लेकिन कम आमदनी होने के कारण वह मन मसोस कर रह जाता था। उसने फैसला किया कि चाहे जो करना पड़े, वह इस स्थिति को बदल डालेगा। उसने न केवल अपने काम करने का ढंग बदल डाला अपितु अपनी सोच में भी काफी परिवर्तन कर लिया। वह जी तोड़ मेहनत करने लगा। उसका व्यवसाय बढ़ने लगा। उसकी आमदनी में भी इज़ाफा होने लगा। काम इतना बढ़ गया कि संभालना मुश्किल हो गया। वह दिन देखता न रात, बस काम तक ही उसका वास्ता रहता। व्यवसाय में वह न किसी का दोस्त था और न किसी का रिश्तेदार ही। उसका एकमात्र लक्ष्य था पैसा और अधिक आमदनी। परिवार के लिए ही नहीं, ख़ुद अपने लिए भी वक़्त निकालना मुश्किल हो गया था अब उस के लिए। 
वह अपने वर्तमान जीवन से एक बार फिर दुखी हो गया। उसने फिर अपने जीवन पर दृष्टिपात किया। उसके पास दौलत के अंबार लगे थे। फिर भी जीवन में ख़ुशियों का अभाव ही था। उसने देखा कि सिर्फ  दौलत की तरफ  भागना बेकार है। उसे अपने पहले लक्ष्य की याद आई। उसने फैसला किया कि जिस मक़सद के लिए दौलत कमाई है अब उस मक़सद को पूरा करेगा। वह अपनी सेहत पर ध्यान देगा। अच्छे-अच्छे कपड़े पहनेगा। अच्छे-अच्छे खाने और मिठाइयाँ खाएगा। दोस्तों और रिश्तेदारों को आमंत्रित कर उनकी खातिरदारी करेगा। उसने पाया कि उसकी सेहत जा चुकी है। इस जर्जर देह पर कीमती वस्त्रों का कोई औचित्य नहीं दिखलाई पड़ता था। तन ही नहीं मन से भी जर्जर हो चुका था वह। तनावपूर्ण जीवनशैली ने उसे खोखला कर डाला था। मधुमेह से ग्रस्त होने के कारण वह अब किसी मिठाई को छूने से भी डरता था। व्यवसाय में तरक्की करने तथा बेशुमार दौलत कमाने के लिए उसने जो रंग-ढंग अपनाए उससे वह तमाम दोस्तों और रिश्तेदारों से हाथ धो बैठा। अब कोई उसका अपना नहीं रह गया था सिवाय दौलत के अंबार के जिसका वह उपभोग नहीं कर सकता था। 

(सुमन सागर)