खतरनाक तूफान और इसकी किस्में

 

प्यारे बच्चो! आंधी, तूफान या चक्रवात कोई राक्षस जैसे नहीं होते, सिर्फ आपको घर के अंदर रखने के लिए एक डरावा ही होता है, क्योंकि तेज़ आंधी-तूफान में बारह निकलना बच्चों के लिए चोट या अन्य किसी संकट का कारण बन सकता है। ...और आओ, हम जानते हैं कि यह तूफान कैसे पैदा होता और कितनी किस्मों का होता है।
आप भलिभांति जानते हैं कि जून, जुलाई के महीने में बहुत गर्मी पड़ती है। ज्यादा गर्मी के कारण जब वातावरण में तापमान बढ़ जाता है तो हवा गर्म-हल्की हो कर ऊपर की तरफ उठती है, जिसके कारण वहां हवा का दबाव काफी कम हो जाता है। दूर-दराज के ज्यादा दबाव वाले क्षेत्र की हवा जब कम दबाव की तरफ तेज़ गति से चलती है, तो वातावरण में अवरोध पैदा करती है तो इसको आंधी तूफान कहा जाता है। तेज़ गति के साथ चलने के कारण यह अपने साथ गदर, धूल, मिट्टी उड़ाते धूल भरे तूफान का रूप धारण कर लेते है।
‘टोरनैडोज़’ और ‘हरिकेन’ चक्रवर्ती तूफान की खतरनाक किस्मों के नाम है जो तेज़ गति से चलते हुए अक्सर घुमते हवा चक्करों का रूप लेकर बहुत ही नुकसान करते है। टोरनैडो नामक तूफान का प्रभावित क्षेत्र चाहे थोड़ा ही होता है, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत तेज़ (करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा) होती है। साइक्लोन या चक्रवात तूफान भी बहुत खतरनाक किस्म का होता है, जिसका प्रभाव क्षेत्र बड़ा होता है। यह भी तेज़ गति और घुमकर चलने के कारण बहुत नुकसान करता है और कई बार अपने साथ तेज़ बारिश भी लेकर आता है।
हुरिकेन तूफान का ब्यास आमतौर पर 80 से 300 किलोमीटर क्षेत्र तक हो सकता है। यह ज्यादातर ध्रुवी क्षेत्रों में आता है। इसके प्रभाव क्षेत्र में 120 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के साथ तेज़ हवाएं चलतीं है। हरिकेन का केन्द्रीय भाग जोकि 5 से 15 किलोमीटर ब्यास का होता है, इसकी आंख कहलाता है। आंख वाला हिस्सा जब किसी विशेष क्षेत्र में पहुंचता है तो एक बार तो ऐसे लगता है जैसे हवा की गति रूक गई और तूफान समाप्त हो गया। लेकिन जैसे ही यह आंख वाला भाग आगे बढ़ता है और केन्द्रीय भाग के आने के कारण फिर जबरदस्त तूफान शुरू हो जाता है, जिसके प्रकोप से कई वृक्ष जड़ से उखड़ जाते है, बिजली के खंबों का नुकसान हो जाता है और रोज़ाना जनजीवन भी प्रभावित होता है।
प्यारे बच्चो! जब आंधी-तूफान चल रहा हो तो कभी भी सीढ़ियों या घर की छत पर न खड़े हों, साइकिल आदि न चलाएं। यदि आप इस समय स्कूल या घर में हो तो कमरे में बैठ जाओ। किसी वृक्ष, खम्बे, तारों, शैड आदि से उचित दूरी बनाए रखें। तूफान रुकने और अभिभावक, अध्यापकों की हिदायतों के अनुसार ही घर या स्कूल से बाहर जाएं।

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