जब ज़िंदगी की जंग में अकेली पड़ीं प्रीति ज़िंटा 

वह 30 मार्च 2014 का दिन था। दोपहर बाद के कोई 5 बजे होंगे। वानखेड़े स्टेडियम में किंग्स इलेवन पंजाब का मैच होना था। टीम की को-ओनर प्रीति ज़िंटा पहले से ही अपनी टीम को सपोर्ट करने पहुंच चुकी थीं। उन्हें अपनी टीम की जीत का बेसब्री से इंतजार था। टीम के दूसरे मालिक यानी को-ओनर नेस वाडिया काफी देर से स्टेडियम पहुंचे। 
तब तक प्रीति अपने दोस्तों के साथ ड्रेसिंग रूम में बैठक जमा चुकी थीं। इसलिए जब नेस स्टेडियम पहुंचे तो वीआईपीज़ सीटें भरी हुई थीं। यूं तो नेस के लिए यह समस्या नहीं थी। मगर उन्हें परेशानी इसलिए हुई क्योंकि आज स्टेडियम में उनकी मां और भतीजे भी आने वाले थे। जाहिर है उनके लिए खाली सीटें बचाकर रखी जानी थीं।  लेकिन सीटें खाली न देख नेस टीम मैनेजमेंट के पास पहुंचे और कहा, ‘मेरे दोस्त व परिवार के कुछ लोग आ रहे हैं, वो कहां बैठेंगे?’ लेकिन मैनेजर ने कहा, ‘सॉरी सर। आपने जो 35 सीटें अपने और 15 सीटें अपने को-ऑनर के लिए ली थीं, वे भर चुकी हैं। इसमें आपके ही जानने वाले लोग हैं। हम उन्हें कैसे हटा सकते हैं?’ जवाब सुनकर नेस आगबबूला हो गये। फिर भी संयम बरतते हुए कहा, ‘कुछ एडजेस्ट करो’। लेकिन ऐसा हो न सका।
असल में आज नेस वाडिया का जन्मदिन था। इसी खुशी में उन्होंने स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में ही अपने दोस्तों की एक पार्टी रखी थी और इरादा यह था कि पार्टी इंज्वॉय करते हुए अपनी टीम का मैच देखा जाए। इस पार्टी के लिए नेस ने 50 सीटें अपने घरवालों व दोस्तों के लिए बुक करायी थीं। मां मौरीन वाडिया भी आज यह मैच देखने आने वाली थीं। लेकिन जब स्टेडियम पहुंचकर नेस ने देखा कि उनके लिए तो सीटें ही नहीं हैं, इस पर वह गुस्से से तिलमिला उठे। वह अभी टीम मैनजमेंट से इस संबंध में उलझे हुए ही थे कि उनकी मां मौरीन वाडिया, भतीजे जेह और भतीजी सेलिना वाडिया के साथ स्टेडियम पहुंच गयीं। लेकिन सीट तो कोई थी ही नहीं। क्योंकि सीटों में तो प्रीति ज़िंटा के साथ उनके दोस्त जमे हुए थे। हालांकि करीब 20 मिनट की जद्दोजहद से 3 सीटों का इंतजाम हो गया था। लेकिन इस सबमें नेस गुस्से से भर चुके थे। वह प्रीति के पास पहुंचे और उसका हाथ खींचते हुए लगभग झकझोरकर कहा, ‘ये सब क्या है, तुमने सारी सीटें ले ली?’ ‘मुझे पता था कि तुम आओगे?’  ‘तुम जानती थी कि आज मेरा जन्मदिन है और मेरी मां को यहां आना था, वो 71 साल की हैं और पिछले आधे घंटे से खड़ी हैं। लेकिन तुम्हें जरा भी फर्क नहीं पड़ा। अपना असली चेहरा दिखा दिया न।’ गुस्से से नेस लगभग चीख रहे थे। 
‘तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे इस तरह बात करने की।’ प्रीति ज़िंटा ने तिलमिलाते हुए कहा। ‘क्योंकि तुम ऐसे ही शब्दों के लायक हो।’ गुस्से से अब भी नेस उबल रहे थे।  देखते ही देखते प्रीति और नेस वाडिया की यह जबरदस्त तू तू मैं मैं भयंकर लड़ाई में तब्दील हो गयी। प्रीति ने इस संबंधी टीम मैनेजमेंट से शिकायत की। लेकिन फिर मौके की नजाकत को देखते हुए वहां से चली गई। लेकिन उसने मन ही मन ठान लिया था कि वह इस बात को यहीं दफन नहीं होने देगी।
इस प्रसंग को देखकर कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि कभी प्रीति और नेस वाडिया एक दूसरे से जरा भी ऊंची आवाज़ में नहीं बोलते थे और एक-दूसरे के लिए प्यार में पूरी दुनिया कुर्बान किये फिरते थे। जबकि नेस की मां मौरीन वाडिया इससे कभी खुश नहीं थीं। एक बार उन्होंने गुस्से और व्यंग्य में कहा भी था, ‘मेरा बेटा चाहे तो जेबरा के साथ डेटिंग करे या प्रीति जिंटा के साथ, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’ प्रीति के लिए यह बेहद अपमानजनक था। लेकिन प्यार हर चीज भुला देता है। उसने यही किया। मौरीन की बातों पर कभी गौर नहीं किया। 
उसे अपने प्यार पर विश्वास था। वह जानती थी कि अगर नेस उसका हाथ थामे रहेगा तो उसके लिए दुनिया की सारी मुश्किलें हल हो जाएंगी। नेस और प्रीति की लव स्टोरी 2005 में शुरु हुई थी। तब प्रीति बॉलीवुड की बबली हीरोइन थी और नेस वाडिया देश का बड़ा बिजनेस मैन। यूं तो नेस की आर्थिक पृष्ठभूमि बेहद मजबूत थी, लेकिन प्रीति भी किसी मायने में कम नहीं थी। वह सेल्फमेड बॉलीवुड हीरोइन थी। उसने अपने संघर्ष के दम पर बॉलीवुड में जगह बनायी थी। 
उस समय प्रीति का कॅरियर उफान पर था और नेस उसका दीवाना था। यूं तो उनकी मुलाकात इत्तफाक से हुई थी, लेकिन प्यार को सिर्फ एक चिंगारी की ज़रूरत होती है, प्रीति और नेस के साथ यही हुआ था। वे दोनों एक मुलाकात के बाद हर जगह साथ-साथ दिखने लगे। प्रीति मन ही मन मिसेज वाडिया बनने के ख्वाब देख रही थीं, तो नेस भी प्रीति को अपनी जीवन संगिनी बनाने के सपने सजा रहे थे। डेटिंग के इन शुरुआती दिनों में जब पहली बार प्रीति का जन्मदिन आया, तो नेस ने उसके लिए एक पार्टी ऑर्गनाइज की और प्रीति को इसकी भनक तक नहीं लगी। नेस ने अपने दिल में प्रीति के लिए छिपे प्यार को छिपाया नहीं, कदम दर कदम इसका खुलासा करता रहा। प्रीति इस सरप्राइज पार्टी को कभी नहीं भुला पायी। इसके बाद ऐश्वर्या राय की शादी में दोनों का हाथों में हाथ डालकर जाना, नेशनल न्यूज बन गया। वे दोनों जल्द ही छुट्टियां बिताने विदेश जाने लगे। प्रीति हमेशा इस सबसे सातवें आसमान में उड़ती रहतीं। 
सन् 2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई तो दोनों ने मिलकर एक टीम खरीदने का फैसला किया और यह टीम थी किंग्स इलेवन पंजाब। आईपीएल के दौरान भी उनका प्यार फलता फूलता रहा। लेकिन साल 2009 शायद उनकी किस्मत का सबसे मनहूस साल था। लव स्टोरी में डूब जाने के कारण प्रीति का कॅरियर करीब-करीब निपट चुका था। ऐसा नहीं था कि इस बीच उसने कोई सुपर हिट फिल्म ही न दी हो। लेकिन फिल्म वीर जारा के बाद प्रीति जिंटा के पास हिट मूवीज की सूची करीब-करीब समाप्त हो गई थी। अब प्रीति की फिल्में चल नहीं रही थीं। ऐसे में आईपीएल की फ्रेंचाइजी के साथ कॅरियर को नया शेप देना ज़रूरी था। जबकि नेस ने अभी अपने कॅरियर की शुरुआत की थी।
दोनों की सेटल होने की चाहतें एक-दूसरे से भिन्न थीं। प्रीति तुरंत सेटल होना चाहती थीं, तो नेस को वक्त चाहिए था। इस कारण धीरे-धीरे उनके रिश्ते में कड़वाहट घुलने लगी। कुछ ही दिनों बाद दोनों के अलग होने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बटोरने लगीं। अंतत: वह दिन आ गया, जब दोनों एक-दूसरे से अलग हो गये, प्रीति इससे बुरी तरह से टूट गईं। लेकिन अपनी टीम किंग्स इलेवन पंजाब को लेकर दोनों एक दूसरे के साथ जुड़े रहे। लेकिन जब दिल से प्यार खत्म हो जाता है तो कारोबारी रिश्ते भी नहीं चलते। प्रीति इस सबसे बहुत चिड़चिड़ी हो गई थीं। वह तमाम कोशिशों के बावजूद फिल्मों में कमबैक नहीं कर सकीं। न ही बतौर प्रोड्यूसर और न ही बतौर एक्टर। नेस उनके जीवन से जा चुके थे। कॅरियर भी खत्म हो चुका था। इससे वह बहुत हताश थीं। 
इसी हताशा के मंजर में साल 2014 में प्रीति ज़िंटा ने नेस वाडिया पर बिजनेस में धोखा देने, मारपीट करने और यौन शोषण का आरोप लगाया। लेकिन नेस वाडिया के वकीलों की फौज के कारण प्रीति का केस बॉम्बे हाईकोर्ट से खारिज हो गया। प्रीति का उस समय बॉलीवुड के किसी भी एक्टर ने साथ नहीं दिया। जबकि वह शाहरुख, सलमान और आमिर खान के साथ काम कर चुकी थीं। सैफ अली खान ने तो उल्टा यहां तक कहा कि नेस एक जेंटलमैन हैं और प्रीति के अच्छे दोस्त भी। कुल मिलाकर संदेश यह था कि नेस ने प्रीति का शोषण नहीं किया बल्कि अपने डी-कनेक्शन की वजह से प्रीति ज़िंटा उन्हें हैरेस कर रही हैं। उस समय बॉलीवुड में विद्या बालन एकमात्र ऐसी हीरोइन थीं, जिन्होंने कहा कि प्रीति अपने हक के लिए लड़ रही है। यह अच्छी बात है और मैं उनके साथ हूं। सचमुच प्रीति ज़िंटा इस लड़ाई में बिल्कुल अकेली पड़ गई थीं। 
उन्हीं दिनों संयोग से या सचमुच में किसी कनेक्शन की वजह से नेस के पिता नुसली वाडिया को डी-कंपनी से फोन आया और यह कहा गया कि उस लड़की को परेशान मत करो, नहीं तो अच्छा नहीं होगा। हालांकि प्रीति ज़िंटा इन सब बातों से अंजान थीं। 
बाद में उन्होंने मीडिया से गुहार लगायी कि उनके ब्रेकअप को किसी कहानी का नाम न दिया जाए। लेकिन प्रीति ज़िंटा ऐसी टूटी कि फिर न फिल्मों से जुड़ सकीं और न ही हिंदुस्तान में किसी और से प्यार कर सकीं। साल 2015 में प्रीति ज़िंटा अपने किसी रिश्तेदार के यहां अमरीका गई थीं, वहीं उनकी मुलाकात उनसे 10 साल छोटे जीन गुडइनफ से हुई। पहले दोस्ती हुई, फिर यह दोस्ती प्यार में बदल गई। जीन, प्रीति के साथ उन दिनों हिंदुस्तान भी आये, लेकिन किसी को उनकी लव स्टोरी की कानों कान खबर नहीं हुई। 2015 में आईपीएल के फाइनल में प्रीति के साथ गुडइनफ स्टेडियम में बैठे दिखे, लेकिन किसी का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया। क्योंकि उनके बारे में कुछ जानता ही नहीं था। गुडइनफ के बारे में लोगों को तब पता चला जब यह खबर आयी कि 29 फरवरी 2016 को प्रीति और गुडइनफ ने लॉस एंजेल्स में एक प्राइवेट सेरेमनी में शादी कर ली है। 
प्रीति ज़िंटा जो कभी अपने धाकड़ आत्मविश्वास और पढ़े लिखे होने की वजह से बॉलीवुड में जानी जाती थीं, वह नेस वाडिया के विश्वासघात से इस कदर टूट गईं कि उन्होंने शादी करने के बाद छह महीने तक किसी जानने वाले को हिंदुस्तान में इसकी खबर तक नहीं दी। शादी की वर्षगांठ भी 4 साल बाद मनाया। आज बॉलीवुड की यह बबली अमरीका में अपना खुशियों से भरा जीवन गुजार रही हैं और अपने अतीत को किसी खौफनाक सपने की तरह हर दिन भूलने की कोशिश करती है।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर