क्या पढ़ना है, इससे तय करें कि क्या बनना है ?

11वीं में एडमिशन लेते समय कई छात्र बहुत कनफ्यूज हो जाते हैं कि वे क्या पढ़ें? कई बार इस कनफ्यूजन के पीछे कुछ तात्कालिक संयोग होते हैं। मसलन उन्होंने पहले तो सोच रखा होता है कि साइंस पढेंगे, लेकिन 10वीं में इंग्लिश लिटरेचर और इकोनोमिक्स में डिक्टेंशन आ जाती है तो बड़ी बुआ के लड़के से लेकर बैंक में बाबू चाचा तक एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि इकोनॉमिक्स से आनर्स करो नौकरी सिक्योर है। इसी तरह मन तो कॉमर्स पढ़ने का होता है; लेकिन एक तो 10वीं में मैथ साइंस में धोखे से नंबर अच्छे आ गये, साथ ही रिश्तेदारों में इंजीनियरों की भरमार। ऐसे में न चाहते हुए भी साइंस लेनी मजबूरी हो जाती है। लब्बोलुआब यह कि मम्मी पापा और बड़े भैय्या का दबाव न भी हो तो भी कई बार 11वीं में हम गलत विषय चुन लेते हैं। सवाल है हम 11वीं में पढ़ने के लिए सही विषय कैसे चुनें, जो हमारे लिए पूरी तरह से उपयुक्त हों? इसका एक ही तरीका है, हम यह तय करें कि हमें जिंदगी में बनना क्या है यानी करियर क्या चुनना है? हम किन विषयों को पढ़ें इसकी सबसे सटीक वजह हमारे सपनों या उम्मींदों का करियर ही हो सकता है। इसलिए आइये जानें 11वीं में क्या बनने के लिए क्या विषय चुनें?

फीजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स (पीसीएम)

साइंस के इस कंबीनेशन में एडमिशन तब लें जब 100 प्रतिशत कॅरियर के रूप में नॉन मैडीकल क्षेत्र चुनना हो। वास्तव में आमतौर पर पीसीएम पढ़ने वाले युवाओं का टार्गेट इंजीनियरिंग होता है। इसकी प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। इसमें 12वीं के मैरिट प्रतिशत का भी एडवांटेज मिलता है। इंजीनियरिंग में नि:संदेह कॅरियर की काफी संभावनाएं होती हैं। लेकिन इंजीनियरिंग के अलावा भी पीसीएम से पढ़ाई का मतलब होता है कि हम इन क्षेत्रों में कॅरियर बनाना चाहते हैं- फार्मेसी, कृषि, हार्टीकल्चर, डेयरी टेक्नालॉजी, बॉयो टेक्नोलॉजी, बॉयो इंर्फोमेटिक्स, जेनेटिक्स आदि। वास्तव में इन सभी क्षेत्रों में कॅरियर बनाने के लिए गैर मैडीकल साइंस विषयों के साथ 12वीं करना ज़रूरी होता है। इन विषयों को पढ़ने के बाद हम बीसीए कर सकते हैं और इसके बाद  एमसीए भी किया जा सकता है। नॉन मैडीकल विषयों से 12वीं के बाद एनडीए की परीक्षा भी दी जा सकती है। पीसीएम विषय के विद्यार्थियों के लिए सेना के तीनों अंगों में भी तमाम अवसर होते हैं। पीसीएम विषय के विद्यार्थियों के लिए मरीन इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम, माइनिंग जैसे विशेष क्षेत्रों के दरवाजे भी खुले होते हैं। पीसीएम पढ़ने वाले छात्रों की अगर ड्राइंग में रुचि हो तो वे आर्किटेक्ट भी बन सकते हैं।

फिजिक्स, केमेस्ट्री बायोलॉजी (मैडीकल)

साइंस का यह कंबीनेशन उन छात्रों के लिए है, जिन्हें 12वीं के बाद मैडीकल क्षेत्र में जाना होता है। जिन छात्रों को एमबीबीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, बी. फार्मेसी, डी. फार्मेसी आदि क्षेत्रों में कॅरियर बनाना है, उन्हें इस ग्रुप के विषयों की पढ़ाई करनी पड़ेगी। आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, सिद्धा, यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में भी कॅरियर बनाने के लिए इन्हीं विषयों की पढ़ाई करनी पड़ेगी। इसके अलावा डेयरी टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, हार्टीकल्चर तथा बायोटेक्नोलॉजी के भी कई उपक्षेत्र ऐसे हैं, जहां मैडीकल ग्रुप के पढ़े छात्रों को आसानी से जगह मिलती है। माइक्रोबायोलॉजी हाल के सालों में कॅरियर के लिहाज से सबसे उभरता हुआ उर्वर क्षेत्र है। पैरा मैडीकल और फिजियाथैरेपी के क्षेत्र में भी इन विषयों की पढ़ाई करने के बाद जाया जा सकता है। इन क्षेत्रों में आमतौर पर या तो प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन मिलता है या फिर 12वीं में हासिल अंकों के आधार पर। नर्सिंग, मैडीकल टूरिज्म और हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का 5 सालों का डिप्लोमा भी इन विषयों वाले छात्रों के लिए आसानी से संभव होता है। 

कॉमर्स

10वीं के बाद बिजनेस, फाइनेंस, एकाउंट्स आदि विषयों की पढ़ाई उन छात्रों को करनी चाहिए, जो आगे चलकर सीए यानी चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहते हों। इसके अलावा इन विषयों की पढ़ाई करने के बाद आप बीकॉम, एमकॉम, बीबीए, एमबीए जैसे प्रोफेशनल डिग्री कोर्स कर सकते हैं। जहां तक नौकरी का सवाल है तो बैंकिंग क्षेत्र की सभी नौकरियां इन विषयों में पढ़ाई करने वालों के लिए उपलब्ध होती हैं। इस क्षेत्र में सिर्फ फाइनेंस एकाउंट्स और बिजनेस ही नहीं होता बल्कि मैथ्स, इंर्फोमेटिव प्रैक्टिस, अर्थशास्त्र और लैंग्वेज जैसे विषयों की भी पढ़ाई करनी पड़ती है। 
मानविकी
जिन छात्रों को 12वीं के बाद फैशन डिजाइनिंग, होटल मैनेजमेंट, मास कम्युनिकेशन, के क्षेत्र की पढ़ाई करनी है या सभी तरह की संघ लोकसेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेना है अथवा हिस्ट्री, जियोग्राफी, सोशियोलॉजी, साइकोलॉजी और इकनॉमिक्स के क्षेत्र में पढ़ाई करनी हो, उन्हें भी 10वीं के बाद आर्ट्स विषयों की पढ़ाई करनी चाहिए। इस तरह अगर हम देखें कि 10वीं के बाद हमें क्या पढ़ना चाहिए तो यह बहुत आसानी से तय हो सकता है कि अगर हम इस बात को लेकर स्पष्ट हो जाएं कि हमें कॅरियर क्या चुनना है?     


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