क्या समुद्र में डूबे जहाज़ इसके तल तक नहीं जाते?

 

बहुत से नाविकों का मानना है कि समुद्र में जो जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, वह इसके तल तक नहीं डूबते हैं बल्कि एक खास गहराई पर लटक जाते हैं, जहां ‘ऊपरी परतों के दबाव (प्रेशर) के कारण पानी का घनत्व (डेंसिटी) उचित हो जाता है’।
‘ट्वेंटी थाउजेंड लीग्स अंडर द सी’ के लेखक भी इस बात को सही मानते थे। एक जगह जूल्स वर्न जहाज़ के टुकड़ों का समुद्र की गहराई में स्थिर लटके होने का वर्णन किया है। एक दूसरे अध्याय में वह याद दिलाते हैं कि ‘पानी में मुक्त लटके हुए जहाज़ सड़ रहे थे’।
क्या यह बात सही है?
आप सोच रहे होंगे कि इस प्रकार के वक्तव्यों का कोई कारण तो अवश्य होगा क्योंकि गहराई में समुद्र के पानी का दबाव वास्तव में बहुत अधिक होता है। दस मीटर की गहराई में डूबी हुई वस्तु पर पानी का दबाव प्रति वर्ग सेंटीमीटर एक किलोग्राम होता है, जो 20 मीटर पर 2 किलोग्राम, 100 मीटर पर 10 किलोग्राम और 1,000 मीटर पर 100 किलोग्राम हो जाता है।
हम यह जानते हैं कि अनेक जगहों पर समुद्र की गहराई 11 किमी तक पहुंच जाती है। आप कल्पना कीजिये कि पानी और उसमें मौजूद हर चीज़ पर कितना अधिक दबाव पड़ता होगा। 
आप एक खाली बोतल लीजिये और उसे कॉर्क करके समुद्र में गहराई तक पहुंचा दीजिये। जब आप उसे बाहर निकालेंगे तो कॉर्क बोतल के अंदर पहुंची होगी और बोतल में पानी भरा होगा। इससे गहराई में पानी के ज़बरदस्त दबाव का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। ‘द ओषन’ में जॉन मर्रे ने एक प्रयोग के बारे में लिखा है। अलग-अलग साइज़ की तीन गिलास टियूब ली गईं, उनके दोनों सिरों को सील करके कपड़े में लपेटकर तांबे के एक सिलैंडर में रख दिया गया, जिसमें पानी जाने के लिए छेद थे। सिलैंडर को पांच किमी नीचे तक समुद्र में पहुंचाने के बाद वापस खींचा गया। जब कपड़े को हटाया गया तो अंदर गिलास के टुकड़े मिले जो बर्फ जैसे प्रतीत हो रहे थे। इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि गहराई में पानी का जबरदस्त दबाव उसे इतना घना कर देता है कि भारी चीज़ें भी उसमें आगे डूबती नहीं बल्कि जिस तरह लोहा पारे (मरकरी) में नहीं डूबता उसी तरह लटकी रहती हैं। लेकिन यह पूर्णत: गलत धारणा है। सभी लिक्विडस की तरह पानी भी कॉम्प्रेस बहुत ही कम करता है। पानी में लोहा तैरने लगे, इसके लिए पानी को आठ गुना अधिक घना करना पड़ेगा। लेकिन समुद्र में उसे दो गुना घना करने के लिए 11,000 किमी/सीएम 2 का दबाव डालना होगा, जोकि 110 किमी की गहराई पर ही संभव है। समुद्र की इतनी गहराई होती नहीं है। इसलिए दुर्घटनाग्रस्त जहाज़ समुद्र के तल तक डूब जाते हैं, समुद्र की बीच गहराई में लटके नहीं रहते हैं। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर