हमें ऑक्सीजन क्यों चाहिए ?

‘दीदी, पशु बिना फूड के कई सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं और बिना पानी के कई दिनों तक ज़िन्दा रह सकते हैं। मैं यह जानना चाहता हूं कि बिना ऑक्सीजन के वह कब तक रह सकते हैं?’
‘बिना ऑक्सीजन के तो कुछ ही मिनट में मर जायेंगे।’
‘क्यों?’
‘पहले ऑक्सीजन के बारे में जानो और फिर बताऊंगी कि हमें ऑक्सीजन क्यों चाहिए।’
‘ठीक।’
‘ऑक्सीजन रसायनिक तत्व है। यह पृथ्वी पर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है और हमारे इर्दगिर्द सब जगह पर है। हवा का लगभग पांचवां हिस्सा ऑक्सीजन है...।’
‘और शेष अधिकतर नाइट्रोजन है, यह मुझे मालूम है।’
‘ऑक्सीजन तकरीबन सभी तत्वों से मिल जाता है। जीवित प्राणियों में ऑक्सीजन हाइड्रोजन, कार्बन व अन्य पदार्थों से मिल जाता है। मानव शरीर में यह बॉडी वेट का दो-तिहाई होता है। सामान्य तापमान पर ऑक्सीजन अन्य तत्वों से बहुत धीमे मिश्रित होता है। जब ऑक्सीजन अन्य तत्वों से मिलता है तो नये पदार्थ बनते हैं जिन्हें ऑक्साइड्स कहते हैं।’
‘मुझे मालूम है कि इस प्रक्रिया को ऑक्सीडेशन कहते हैं।’
‘हां। जीवित प्राणियों में ऑक्सीडेशन हर समय चलता रहता है। फूड जीवित कोशिकाओं का ईंधन है। जब फूड ओक्सिडाईजड होता है तो एनर्जी रिलीज़ होती है। इस ऊर्जा का प्रयोग शरीर को हिलाने और नये बॉडी पदार्थों को बनाने के लिए किया जाता है। जीवित प्राणियों में जो धीमा ऑक्सीडेशन होता है उसे अक्सर आंतरिक रेस्पिरेशन कहते हैं।’
‘अच्छा।’
‘मानवों में ऑक्सीजन फेफड़ों के ज़रिये पहुंचता है। फेफड़ों से ऑक्सीजन खून में जाता है और फिर शरीर के सभी हिस्सों तक पहुंचता है। सांस लेने की प्रक्रिया कोशिकाओं को रेस्पिरेशन के लिए ऑक्सीजन सप्लाई करती है। इसलिए हमारे शरीर को एनर्जी के लिए ऑक्सीजन चाहिए ताकि वह काम करता रहे।’
‘और यह ऑक्सीजन टेंट्स क्या होते हैं?’
‘जिन व्यक्तियों को सांस लेने में दिक्कत होती है, उन्हें ऑक्सीजन टेंट्स में रखा जाता है, जहां की हवा में 40 से 60 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है ताकि वह कम ऊर्जा खर्च करके पर्याप्त ऑक्सीजन पा लें।’  -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर