प्रेरक प्रसंग ईश्वर का स्थान

 

एक बार ईश्वर ने सभी देवताओं की सभा बुलायी। देवगण सोचने लगे सृष्टिकर्ता ने हम लोगों को क्यों बुलाया है। जब सब देवता जमा हो गए तो ईश्वर ने मानव और सृष्टि की समस्याओं के निवारण के लिए अपनी समस्याएं बतायीं। देवगण बोले-‘प्रभु, आप समुद्र, गुफा आदि में छिप जाएं, वहां आपको कोई न खोज पायेगा। लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि आने वाले कल में विज्ञान की प्रगति होने पर सबसे पहले तो अमरीका खोज लेगा, बाद में अन्य देश। नारद सबकी बातें सुनकर बोले-‘प्रभु, आप मानव हृदय में छिप जाएं। वहां कोई नहीं ढूंढ़ पायेगा। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा में खोजता फिरेगा। मृग तृष्णा में इधर-उधर खोजता फिरेगा।’
प्रभु को बात अच्छी लगी। वह मानव हृदय में छिप गए। उसके बाद मानव ईश्वर को खोजने लगा। अनावश्यक मार-काट, जाति-धर्म के नाम पर लड़ रहा है, लेकिन अपने हृदय में झांक कर नहीं देखता कि ईश्वर तो उसी के हृदय में हैं, लड़ाई क्यों? सबके हृदय में उन्हीं का निवास है। अफसोस, हम समझ पाते। (सुमन सागर)