अमरीकी कहानी-मज़ाक

 03 अक्तूबर 1880 को अमरीका के मैनहट्न, कंसास के जन्में अल्फ्रेड डेमन रनयोन या सिर्फ डेमन रनयोन अखबार के फुलटाइम रिपोर्टर और लम्बे समय तक मुक्केबाजी व बॉस्केट बॉल जैसे खेलों की नियमित रिपोर्टिंग करने वाले खेल पत्रकार थे। लेकिन वह अपनी व्यंग्यपूर्ण शैली में लिखी गईं चौंकाने वाले अंत की लघुकथाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। एक जमाने में वह लघुकथाकार के रूप में न्यूयार्क सिटी के ही नहीं बल्कि अमरीका के सबसे लोकप्रिय लेखक बनकर उभरे थे। उन्होंने दर्जनों लघुकथाएं चोर, उचक्कों और तमाम तरह के दूसरे अपराधियों को पात्र बनाकर लिखी हैं। डेमन रनयोन अपने कथा कहने के अंदाज में हतप्रभ करते हैं। उनकी कई खासियतें हैं मसलन- वे दूसरे लेखकों से अलग अपनी कहानियां हमेशा वर्तमान काल में लिखते थे। साथ ही उनकी कहानी के हैरान करने वाले क्लाइमेक्स में एक मन को कसैला बना देने वाला ह्यूमर भी होता था। 10 दिसम्बर 1946 को इस दुनिया से हमेशा के लिए कूच कर जाने वाले डेमन रनयोन की कहानियां लम्बे समय तक दिमाग में फंसी रह जाती हैं। यहां प्रस्तुत है, उनकी ऐसी ही एक अपने अंत से हतप्रभ करने वाली कहानी-मजाक
जब ‘जो द जोकर’ का मजाक पूरा हो चुका, तो मैंने उससे बात शुरु की। ‘क्या भई जो, कामकाज कैसा चल रहा है?’
वह बोला, ‘बाजार का जैसा रंग-ढंग है, उसे देखते हुए धंधे को ठीक ही कहा जा सकता है।’ ‘जो द जोकर’ बीयर का धंधा करता है।
जब मैं उससे रोसा के बारे में पूछता हूं तो वह हंसने लगता है, ‘बात यह है कि रोसा और फें्रकी आजकल बहुत साथ-साथ घूमते हैं और यह भी सुनने में आया है कि दोनों जल्दी ही शादी करने वाले हैं।’ कहकर वह फिर हंसने लगा।
‘तुम्हारी बीवी किसी और से शादी करने वाली है और तुम हंस रहे हो। कमाल है!’ मैंने आश्चर्य से पूछा। 
‘बात हंसने की ही है, क्योंकि जब दोनों साथ-साथ रहने लगेंगे, तब फ्रेंकी को पता चलेगा कि उसने कैसा सफेद हाथी पाल लिया है, रोसा कितनी खर्चीली औरत है, यह सिर्फ मैं ही जानता हूं।’
यह मुझे ‘जो द जोकर’ से ही पता चला कि रोसा और फ्रेंकी का परिचय, जो और रोसा की शादी के पहले का था। वह तबसे उसे प्रेम करता चला आ रहा था, जब वह नाइट-क्लब में नाचा करती थी। यह प्रेम रोसा की शादी के बाद भी चोरी-छिपे चलता रहा, हालांकि ‘जो द जोकर’ से यह प्रेम छिपा नहीं था। यह प्रेम तब खुल्लमखुल्ला होने लगा, जब फ्रेंकी की आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगी और ‘जो द जोकर’ की स्थिति बदतर। रोसा के लिए अब एक निर्धन पुरुष के साथ रहना असह्य हो गया था।
‘अब क्या स्थिति है?’ मैंने पूछा।
‘अब स्थिति यह है कि रोसा एक तरह से फ्रेंकी के साथ ही रहती है। मुझे छोड़ने से पहले, वह मुझे एक नोट लिखकर छोड़ गई थी कि वह उसको छोड़कर जा रही है और मैं उसका इंतजार न करूं।’
मैंने सहानुभूति दर्शाते हुए ‘जो द जोकर’ से कहा, ‘भई, तुम्हारी कहानी सुनकर बड़ा अफसोस हुआ। मेरी हमदर्दी कबूल करो।’
‘अफसोस और हमदर्दी मेरे लिए जाहिर करने की ज़रूरत नहीं, मेरे दोस्त, उसकी ज़रूरत मेरे से ज्यादा फ्रेंकी को है और थोड़ी मात्रा में रोसा को भी।’ कहकर ‘जो द जोकर’ फिर जोर-जोर से हंसने लगा।
कुछ दिन बाद लोगों से एक समाचार सुनकर मुझे ‘जो द जोकर’ के भविष्य के बारे में डर लगने लगा। समाचार में बताया गया था कि अपने व्यावसायिक तथा अन्य प्रतिद्वंद्वियों को समाप्त करने के लिए फ्रेंकी ने एक नया और खौफनाक तरीका अपनाया है। वह अपने दुश्मनों को बोरों में बंद करके, सड़कों पर छोड़ देता है, और जब कोई उन्हें खोलता है, तो उसमें आलुओं या ऐसी ही कोई चीज की जगह एक आदमी को जिंदा या मरा पाकर चिल्लाता हुआ भाग जाता है, पुलिस के लिए यह जानना बड़ा मुश्किल हो जाता कि यह काम किसने और क्यों किया। जो जानते हैं कि यह काम किसका है, वे पुलिस को बताने से कतराते हैं, क्योंकि वे अच्छी तरह जानते हैं कि ऐसा करते ही वे भी जल्दी ही बोरे में बंद होकर, सड़क पर पड़े नज़र आएंगे।
कुछ दिन बाद सड़क पर ‘जो द जोकर’ के भाई फ्रेंडी की लाश बंद बोरे में सड़क पर पाई गई। यह फ्रेंकी का ‘जो द जोकर’ को सीधा इशारा था कि रोसा को जल्दी तलाक दे दे, ताकि फ्रेंकी उससे शादी कर सके। अगर उसने ऐसा नहीं किया, तो उसका भी वही हश्र होगा, जो उसके भाई का हुआ। मैंने ‘जो’ के दोस्तों से यह भी सुना कि वह रोसा को तलाक देने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं, ‘जो द जोकर’ को जब मैंने मिडी के रेस्तरां के सामने घूमते देखा, तो उसकी नज़रें बचाकर अलग निकल जाने की कोशिश की, क्योंकि मैं ऐसे आदमी के सामने नहीं जाना चाहता था, जिसके दिन करीब-करीब पूरे हो चुके हों।
लेकिन ‘जो द जोकर’ ने मुझे देख लिया और आवाज़ देकर अपने पास बुलाया। जब मैं उसके पास अनिच्छापूर्वक गया, तो पाया कि वह मुस्कुराता हुआ, अपने और फ्रेंकी के बारे में बताने लगा, ‘तुम बहुत दिनों से मिले नहीं, इसलिए तुम्हें बहुत-सी बातों का पता नहीं होगा। आओ, मैं तुम्हें नवीनतम घटनाओं से परिचित करा दूं। यह तो तुम जानते ही हो कि रोसा और फ्रेंडी की आपस में खूब बनती थी। रोसा ने फ्रेंडी को अपने पास बुलाया, ताकि वह उससे कहकर मुझे इस बात के लिए राजी कर सके कि मैं रोसा को तलाक दे दूं। फ्रेंडी का ख्याल था कि वह मेरे और रोसा से मिलने गया था। मालूम नहीं, उसकी रोसा से क्या बात हुई, लेकिन वह उसके अपार्टमेंट से ज़िंदा नहीं लौटा। उसकी लाश, एक बोरे में बंद कुछ दूर सड़क पर पाई गई। मैं इसके लिए फ्रेंकी और रोसा दोनों को जिम्मेदार मानता हूं। इसका बदला मैं उन दोनों से इस तरीके से लूंगा कि रोसा को तलाक देने को कभी तैयार नहीं होऊंगा।’
यह कहकर वह हंसने लगा। मुझे उसकी यह हंसी बहुत डरावनी लगी। कोई अपने भाई की क्रूर हत्या के बाद, कोई इस प्रकार कैसे हंस सकता है? भले ही वह ‘जो द जोकर’ जैसा मजाकिया स्वभाव का आदमी ही क्यों न हो? अपना हंसना खत्म करने के बाद उसने जो कुछ मुझसे कहा, उसे सुनकर मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ कि जो मैंने सुना है, क्या वह वाकई सच है? लेकिन, वह सच था, क्योंकि ‘जो द जोकर’ उसे पूरी ईमानदारी के साथ कह रहा था, हालांकि वह मजाक के लहजे में बात कर रहा था। (क्रमश:)
वह बोला, ‘मैं क्रूर फ्रेंकी के साथ गहरा मजाक करना चाहता हूं। बड़ा नायाब आइडिया आया है मेरे दिमाग में।’
मैं सन्न रह गया। मैंने कहा, ‘देखो भई ‘जो’, तुमने मुझसे कोई सलाह नहीं मांगी है, लेकिन मैं तुम्हें एक सलाह देना ज़रूरी समझता हूं। फ्रेंकी ऐसा आदमी है, जो न खुद किसी के साथ मजाक करता है और न ही पसंद करता है कि कोई उसके साथ किसी भी तरीके का मजाक करे। इसलिए बेहतर यही है कि तुम फ्रेंकी से कोई भी मजाक बिल्कुल न करो और उससे अलग ही रहो।’
मेरी सलाह के जवाब में ‘जो द जोकर’ फिर खिलखिला कर हंसने लगा और हंसते-हंसते बोला, ‘दोस्त, फ्रेंकी को तुमसे बेहतर मैं जानता हूं। सब उससे डरते हैं, लेकिन मैं उससे नहीं डरता। मैं उसके अंदर कोई चीज नहीं पाता, जिससे डरा जाए। तुम देखते जाओ बस, क्या-क्या होता है?’
‘आखिर तुम्हारा आइडिया है क्या?’
‘अरे, आइडिया तो ऐसा है दोस्त, सुनते ही फड़क उठोगे। मेरी यह योजना असफल नहीं हो सकती और इसके सफल होते ही, न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी। दूसरों को बोरों में बंद करके मारने वाला आदमी खुद जेल की कोठरी में बंद नज़र आएगा।’
‘मगर जो, तुम ऐसा कैसे कह सकते हो कि तुम्हारी यह योजना कभी भी असफल नहीं हो सकती?’ मैंने पूछा।
‘इसलिए असफल नहीं हो सकती कि इस योजना की कामयाबी में मेरे अलावा, फ्रेंकी के एक जिगरी दोस्त का भी हाथ रहेगा। रेप्स मुझसे मिल गया है। रेप्स फ्रेंकी का सबसे विश्वसनीय सहायक है और उसके सब शत्रुओं को बोरे में बंद करके सड़क पर मरने के लिए छोड़ देने की जिम्मेदारी उसी की है। फ्रेंकी ने उसे यह काम सौंप रखा है।’
‘तब तो तुम्हारे भाई फ्रेंडी को भी उसी ने बंद किया होगा।’ ‘नहीं, रोप्स मेरा भी पुराना मित्र है और उसने अपने बीवी-बच्चों की सौगंध खाकर मुझसे कहा है कि फ्रेंडी को उसने नहीं मारा। यह काम या तो फ्रेंकी का है या रोसा का।’ ‘तो यह रोप्स तुम्हारे साथ किस ढंग से सहयोग करेगा?’
‘हमारी योजना के अनुसार रोप्स जाकर फ्रेंकी से कहेगा कि वह मुझसे अर्थात् ‘जो द जोकर’ को बोरे में बंद करके उसके सामने पेश कर सकता है। जाहिर है कि फ्रेंकी को इसमें कोई हर्ज न होगा, फिर रोप्स मेरे पास आएगा और मैं एक बोरे में बंद हो जाऊंगा, ताकि रोप्स मुझे फ्रेंकी के पास ले जा सके।’
‘क्या कह रहे हो तुम? अव्वल तो तुम बोरे में बंद होने के आधा घंटे के अंदर ही खत्म हो जाओगे और अगर किस्मत से फ्रेंकी द्वारा बोरा खोलने के समय तक जीवित रहे भी गए, तो फ्रेंकी तुम्हें ज़िंदा नहीं छोड़ेगा। दोनों हालात में तुम्हारा अंत निश्चित है। क्यों जानबूझकर खुद को मौत के मुंह में झोंक रहे हो?’ मैंने आशंकित स्वर में उससे कहा।
‘रोप्स बोरे में डालने से पहले मुझे बांधेगा नहीं और हवा आने के लिए एक छेद खुला छोड़ देगा। इस प्रकार मैं फ्रेंकी के पास जीवित पहुंच जाऊंगा और फिर जैसे ही फ्रेंकी मुझे देखने के लिए बोरा खोलेगा, मैं अपने हाथ में छिपी पिस्तौल से उसे भूनकर रख दूंगा। रेप्स मुझे वहां से हिफाजत के साथ जाने देगा।’
कहकर ‘जो द जोकर’ सीटी बजाता हुआ वहां से चला गया। तब से मैं आज तक उससे नहीं मिला हूं। इसके आगे की कहानी मैंने एक ‘विश्वसनीय स्रोत’ से सुनी। कहानी इस प्रकार थी- रोप्स खुद बोरा लेकर नहीं आया। उसने किसी और के हाथ बोरा फ्रेंकी के पास भिजवाया। बोरे के साथ उसने यह संदेश भी भिजवाया कि वह बोरे को खोले नहीं, नहीं तो ‘जो’ उसे पिस्तौल से भून देगा। फ्रेंकी बोरे को लेकर अपने घर के तहखाने में पहुंचा और बोरे को जमीन पर रखकर उस पर दनादन गोलियां बरसा दीं। ....एक चीख के साथ बोरे में बंद रोसा हमेशा के लिए ठंडी हो गई।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर