भारतीय फैशन इंडस्ट्री में है कॅरियर का शानदार भविष्य

आने वाले सालों में कॅरियर के लिहाज से कौन सा क्षेत्र सबसे ज्यादा फले फूलेगा? किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा डिमांड होगी? ऐसी लिस्ट बनाने वाली करीब करीब सभी संस्थाओं ने इंडियन फैशन इंडस्ट्री को अपनी सूची में रखा है। मतलब यह कि कॅरियर पर नज़र रखने वाली सभी संस्थाएं और इनके विशेषज्ञ यह मानते हैं कि आने वाले सालों में भारतीय फैशन इंडस्ट्री कॅरियर के लिहाज से शानदार मंजिल बनी रहेगी। ऐसा हो भी क्यों न, जब जर्मनी की स्टेटिक्स कंपनी स्तातिस्ता के आंकलन के मुताबिक भारतीय कपड़ा उद्योग साल 2023 में 101.40 अरब डॉलर की सीमा पार कर गया हो और बहुत कंजूसी से ग्रोथ रेट की भविष्यवाणी करने वाली इस कंपनी ने भारत के कपड़ा उद्योग का कंपाउंड ऐनुवल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) 3.85 बताया हो, जो कि अगले 2028 तक इसके मुताबिक लगातार बढ़ते क्रम में बना रहने वाला है। 
भारतीय कपड़ा उद्योग के विभिन्न अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं के फैशन का सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिसका वार्षिक टर्नओवर 38.88 अरब डॉलर पहुंच चुका है तथा इसमें लगातार 5 प्रतिशत से ज्यादा की रफ्तार से वृद्धि जारी रहेगी, ऐसा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है। दरअसल भारतीय फैशन उद्योग साल 2022 में दुनिया की छठवीं सबसे बड़ी फैशन इंडस्ट्री थी और साल 2025 में यह दुनिया की अमरीका के बाद दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री होगी। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि फैशन इंडस्ट्री आने वाले सालों में लगातार कॅरियर के लिए शानदार मंजिल बनी रहे। भारतीय फैशन उद्योग का इसलिए चमकदार भविष्य है, क्योंकि एक तरफ जहां भारत में बने कपड़ों की दुनिया के फैशन बाज़ार में जबरदस्त मांग है, वहीं दूसरी तरफ देश में भी लगातार डिजाइन वियर का बाज़ार बढ़ रहा है। 
देश में युवाओं की परचेजिंग पावर में पिछले एक दशक में लगातार इजाफा हुआ है। आज भारतीय युवाओं की जो क्रयशक्ति है, वह पिछली सदी के अंतिम दशक यानी 1990 के मुकाबले 400 प्रतिशत से ज्यादा हैं। अगर 1990 में औसतन एक भारतीय युवा के पास खर्च करने के लिए 400 रुपये होते थे, तो आज उसके पास 1600 से 2000 रुपये के बीच में हैं। कहने की ज़रूरत नहीं है कि पिछले एक दशक में डिजाइन किए हुए सिलेसिलाये कपड़ो की बिक्री में जो औसतन 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि लगातार बनी रही है, उसका सबसे बड़ा कारण युवाओं के पास इन्हें खरीदने के लिए पैसों का होना है। भारत में अब के पहले युवा इतने फैशनेबल कभी नहीं रहे। आज महानगरों में रहने वाला हर युवा अपने पर हर साल 3000 रुपये से ज्यादा अपनी पसंद के यानी फैशनेबल कपड़े खरीदने में खर्च करता है। यही वजह है कि भारत में फैशन वियर का समग्र टर्नओवर करीब 59 अरब डॉलर का हो चुका है। 
हालांकि आज भी भारत में मूलरूप से फैशन डिजाइनरों द्वारा डिजाइन किए हुए कपड़े पहनने वाले युवा 8 लाख से ज्यादा नहीं है। लेकिन एक बार किसी सेलिब्रिटी द्वारा पहने गये किसी खास डिजाइन के मशहूर हो जाने पर, उस डिजाइन की करोड़ों प्रतिकृतियां बिक जाती हैं। भारत के कपड़ा और फैशन उद्योग की इस भारी भरकम वृद्धि दर के कारण ही आज भारत में प्रत्यक्ष रूप से करीब 40 लाख लोगों को इन दोनों उद्योगों में रोज़गार हासिल है और अगर अप्रत्यक्ष रूप से कहें तो इन दोनों उद्योगों से करीब साढ़े तीन से चार करोड़ लोगाें को रोजी रोटी मिलती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारतीय फैशन उद्योग और भारतीय फैशन बाज़ार दोनों आने वाले सालों में 10 प्रतिशत से ऊपर की विकास दर हासिल करेंगे। विशेषकर फैशन मार्किट के बारे में तो एक्सपर्ट कहते हैं कि यह 11 से 12 प्रतिशत के बीच विकास दर साल 2025 तक हासिल कर लेगी और इसका वार्षिक बाज़ार अपने आपमें 115 से 125 बिलियन डॉलर का हो जायेगा। 
कहने का मतलब साफ है कि आने वाले सालों में कॅरियर के लिहाज से भारतीय फैशन उद्योग और फैशन बाज़ार में जबरदस्त स्कोप है। फैशन के क्षेत्र में जिन एक्सपर्ट की हाल के सालों में सबसे ज्यादा डिमांड रही है, उनमें हैं- फैशन डिजाइनर, फैशन स्टाइलिस्ट, फैशन इलेस्ट्रेटर, फैशन डायरेक्टर, फैशन कंसल्टंट, फैशन मंर्चेंटडाइजर, ज्वैलरी डिजाइनर, टेक्सटाइल डिजाइनर, फैशन इंफ्लूयंसर, पर्सनल स्टाइलिस्ट, फैशन एक्सेसरीज डिजाइनर, इंडिपेंडेंट फैशन डिजाइनर, जूनियर डिजाइनर, अपैरल डिजाइनर और फैशन जर्नलिस्ट जैसी नौकरियां इस क्षेत्र में स्किल्ड नौकरियां हैं। जबकि इस क्षेत्र में लाखों आम मजदूरों को सिलाई, कटाई, कढ़ाई जैसे काम मिलते हैं, जो गैर पढ़े लिखे होने पर भी किए जा सकते हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में दक्षता ट्रेनिंग के जरिये हासिल की जाती है। 
फैशन के क्षेत्र में शानदार कॅरियर बनाने के लिए बीएससी फैशन डिजाइनर का कोर्स बहुत ज़रूरी है। इसके लिए जहां सैकड़ों प्राइवेट इंस्टीट्यट मौजूद हैं, वहीं भारत सरकार का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी है, जहां प्रतिस्पर्धा के जरिये प्रवेश मिलता है और यहां से फैशन उद्योग, फैशन टेक्नोलॉजी, फैशन मैनेजमेंट आदि में अंडरग्रेजुएट डिग्री हासिल होती है। 12वीं के बाद हासिल की जाने वाली यह फैशन उद्योग में प्रवेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर