आतंकवादियों की पनाहगाह बन चुका है पाकिस्तान

ईरान द्वारा गत मंगलवार को पाकिस्तान की सीमा के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक कर बलोच आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल के ठिकानों पर बमबारी की गई। इस घटना के बाद से ही आतंक का पनाहगार पाकिस्तान पूरी तरह से तिलमिलाया हुआ है। इस बड़े घटनाक्रम के बाद से ही हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर यह बलोच आतंकी संगठन जैश-अल-अदल है क्या और ईरान से इसका क्या लेना-देना है? जानकारी के अनुसार यह वही संगठन है जो भारतीय व्यापारी कुलभूषण जाधव का अपहरण कर उसे ईरान से पाकिस्तान की सरहद के अंदर लेकर आया था।
कुलभूषण जाधव का अपहरण साल 2016 में हुआ था जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट जाधव को मौत की सज़ा सुना चुकी है हालांकि यह मामला बाद में अंतर्राष्ट्रीय अदालत में भी पहुंचा।  ईरान द्वारा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी आतंकवादी समूह के ठिकानों को निशाना बना कर अभूतपूर्व मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू करने के बाद जैश-अल-अदल फिर से सुर्खियों में है। इस हमले के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है। यह हमला मध्य पूर्व में गहराते संकट के बीच हुआ है, जहां इज़रायल का गाज़ा में फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के साथ युद्ध चल रहा है है।
जैश-अल-अदल पाकिस्तान के सिस्तान-बलूचिस्तान क्षेत्र में सक्रिय है। यह क्षेत्र ईरान और पाकिस्तान के बीच लगभग 900 किमी लम्बी साझा सीमा के पास पड़ता है और दोनों सरकारों के लिए लम्बे समय से चिंता का विषय रहा है। जैश-अल-अदल को केवल ईरान ही नहीं बल्कि अमरीका भी एक आतंकी संगठन मानता है। यह संगठन पाक-ईरान अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर सक्रिय है। पहले भी यह संगठन ईरानी की सेना पर कई बार हमले कर चुका है। बताया जाता है कि इस सुन्नी आतंकवादी संगठन के पास लगभग 500-600 लड़ाके हैं।
बहरहाल, इस हमले ने पाकिस्तान को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान की सरजमीं पर अपना ठिकाने बनाए आतंकी संगठन कैसे दुनिया भर के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। लगभग सवा साल पहले अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान को सबसे खतरनाक मुल्क बताया था। बाइडन ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है पाकिस्तान। उसके पास बिना किसी निगरानी के परमाणु हथियार हैं।’ पाकिस्तान आतंकियों के लिए सबसे सुरक्षित देशों में से हैं। संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेजों के मुताबिक 150 से ज्यादा आतंकी संगठन पाकिस्तान में मौजूद हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले साल बताया था कि उसने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन और आतंकियों को ब्लैकलिस्ट में डाल रखा है। इसमें हाफिज सईद, जकी-उर-रहमान लखवी, मसूद अज़हर और दाऊद इब्राहिम का नाम भी शामिल है। इस लिस्ट में किसी व्यक्ति या संगठन का नाम तभी जोड़ा जाता है जब उसके आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत हों।
साउथ एशिया टेररिज़्म पोर्टल के मुताबिक पूरे पाकिस्तान में आतंकी संगठन और आतंकवादी फैले हुए हैं। एक भी प्रांत ऐसा नहीं है, जहां कोई आतंकी संगठन न हो। दिसम्बर 2023 में अमरीकी संसद में पेश एक दस्तावेज में बताया गया था कि पाकिस्तान में पांच तरह के आतंकी संगठन काम करते हैं। पहला, जो दुनियाभर में हमले करते हैं। दूसरा, अफगानिस्तान में हमले करते हैं। तीसरा, कश्मीर में हमले करते हैं। चौथा, पाकिस्तान में ही हमले करते हैं और पांचवां जो शिया बहुल इलाकों पर हमले करते हैं।
पहला अल-कायदा जिसे 1988 में ओसामा बिन लादेन ने इसे शुरू किया। 1999 में इसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। अमरीका में 9/11 हमला करने के बाद मई 2011 में अमरीका की स्पेशल फोर्स ने ओसामा बिन लादेन को घर में घुसकर मार दिया था। 
दूसरा अल-कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट जिसे साल 2014 में आसिम उमर नामक आतंकी ने इसे शुरू किया। आसिम उमर भारतीय था, जिसे अमरीका और अफगानिस्तान की सेना के संयुक्त ऑपरेशन में मार दिया गया था। इसे 2016 में वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया था।
तीसरा इस्लामिक स्टेट खोरासन : इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक है जो इस्लामिक स्टेट खोरासन : इस्लामिक स्टेट ऑफ  इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से जुड़ा हुआ है। 2015 में अफगानिस्तान में यह संगठन शुरू हुआ और 2016 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया गया। इसमें लगभग 5 हजार से ज्यादा आतंकी शामिल हैं। ज्यादातर आतंकी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान से जुड़े हुए थे। यह मुख्य रूप से अफगानिस्तान का है, लेकिन पाकिस्तान में भी इसके ठिकाने हैं।
बता दें कि भारत और अमरीका पहले ही अब्दुल रहमान मक्की को अपने देश में कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित कर चुके हैं।