निकटवर्ती निहारिका का ब्लैक होल सचमुच है

वर्ष 2023 में इवेंट होरिजन टेलीस्कोप (ई.एच.टी.) द्वारा हमारी नज़दीकी निहारिका एम87 में स्थित ब्लैक होल की पहली तस्वीर प्राप्त हुई थी। तस्वीर के बीच में एक गहरा काला धब्बा था और उसके चारों ओर प्रकाश का चमकीला छल्ला नज़र आ रहा था।
अब, ई.एच.टी. द्वारा ली गई इसी निहारिका की ताज़ा छवियों में ऐसा ही साया दिख रहा है, जो इस निहारिका में शक्तिशाली ब्लैक होल होने की पुष्टि करता है। यह ब्लैक होल सूर्य से तकरीबन 6.5 अरब गुना वज़नी है। लेकिन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजक्सि में प्रकाशित ताज़ा छवियों में साए के चारों ओर का चमकदार छल्ला थोड़ा घूमा हुआ नज़र आ रहा है, जो संभवत: यह बताता है कि गैसें ब्लैक होल के चारों ओर कैसे घूमती हैं। नई और पुरानी छवियों के विश्लेषण में यह भी देखा गया है कि दोनों ही तस्वीरों में कैद छायादार केंद्र का दायरा एक बराबर ही है, जिससे पुष्टि होती है कि वहां वास्तव में कोई ब्लैक होल है। ब्लैक होल का द्रव्यमान एक साल में उल्लेखनीय रूप से नहीं बढ़ा होगा, इसलिए तस्वीरों की तुलना इस विचार का भी समर्थन करती है कि ब्लैकहोल की साइज़ सिर्फ उसके द्रव्यमान से निर्धारित होती है।
हालांकि, ताज़ा तस्वीरों में ब्लैक होल के चारों ओर के छल्ले का सबसे चमकीला हिस्सा घड़ी की उल्टी दिशा में लगभग 30 डिग्री घूमा नज़र आ रहा है। ऐसा ब्लैक होल की विषुवत रेखा के चारों ओर के पदार्थ के बेतरतीब मथे जाने के कारण हो सकता है। ऐसा ब्लैक होल के ध्रुवों से निकलने वाली ज़ोरदार फुहारों में कमी-बेशी के कारण भी हो सकता है। इससे ऐसा लगता है कि ये फुहारें ब्लैक होल की धुरी की सीध में नहीं होती हैं, बल्कि इसके चारों ओर डोलती रहती हैं।  ब्लैक होल को देखने के लिए हमारी दूरबीन इनसे होने वाले रेडियो उत्सर्जन पर निर्भर हैं। वास्तव में ई.एच.टी. दूरबीन में आठ रेडियो टेलिस्कोप हैं जो पृथ्वी पर एक-दूसरे से दूर-दूर ऊंचे स्थानों पर स्थापित हैं। एक मायने में यह पृथ्वी के बराबर की दूरबीन है। इन्हीं के मिले-जुले डैटा से छवियां बनाई जाती है।
लेकिन ब्लैक होल के और बारीक अवलोकन एवं स्पष्ट तस्वीरों और दूर स्थित ब्लैक होल के अवलोकन के लिए शोधकर्ता दूरबीनों के इस नेटवर्क में और अधिक दूरबीनें जोड़ना चाहते हैं: चार स्थानों-व्योमिंग, कैनरी द्वीप, चिली और मैक्सिको में 9.9 मीटर की रेडियो डिश और एमआईटी स्थित हेस्टैक वेधशाला में 37 मीटर की डिश। डैटा प्रोसेसिंग को तेज़ करने के लिए नए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की भी ज़रूरत है, ताकि वर्षों की बजाय कुछ ही दिनों में परिणाम हासिल किए जा सकें। इसके लिए तकरीबन 7.3 करोड़ डॉलर की आवश्कता होगी।  अवलोकन में सटीकता और विश्लेषण में तेज़ी लाने से यह समझने में मदद मिलेगी कि ब्लैक होल का धुरी पर घूर्णन, उसका चुंबकीय क्षेत्र और पदार्थ की घूमती हुई डिस्क मिलकर किस तरह सुदूर अंतरिक्ष में कणों की फुहार फेंकते हैं।
ब्लैक होल के इर्द-गिर्द बने प्रकाशमान छल्लों के सूक्ष्म अवलोकन के लिए पृथ्वी से भी बड़ी एक आभासी रेडियो डिश की ज़रूरत है। क्योंकि पृथ्वी बराबर दूरबीन से अवलोकन की सीमा आ चुकी है। (स्रोत फीचर्स)