उत्तर प्रदेश में राहुल बेरोज़गारी तथा जातीय जनगणना पर दे रहे हैं ज़ोर 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिनकी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश में दाखिल हुई थी, लोकसभा चुनावों में भाजपा के समर्थन आधार में सेंध लगाने के लिए अपने भाषणों में ओ.बी.सी., एस.सी. तथा एस.टी. तथा जातीय जनगणना आदि मुद्दों पर ज़ोर दे रहे हैं। गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में लगातार सार्वजनिक रैलियों को सम्बोधित करने के दौरान सुपर मार्किट के मंच पर विजय मौर्य नामक बेरोज़गार नौजवान को बुलाया। राहुल ने विजय को एकत्र हुई भीड़ को अपनी कहानी बताने के लिए कहा, परन्तु नौजवान रोने तथा घबराहट महसूस करने लग पड़ा। 
राहुल ने उसे दिलासा देते हुए कहा कि वह किसी से न डरे तथा लोगों को बताए कि उसे नौकरी क्यों नहीं मिल रही है। विजय ने जवाब दिया, ‘मैं समर्थ हूं, परन्तु यह सरकार अयोग्य लोगों को रोज़गार दे रही है, क्योंकि यह सिर्फ उनके लिए काम करती है, जो उनके लोग हैं, न कि उन नौजवानों के लिए जो प्रतिभावान तथा योग्य हैं।’ इस पर राहुल ने कहा कि यह समस्या तब हल होगी, जब देश भर में जातीय जनगणना होगी। 
तेजस्वी का निशाना नितीश  
राष्ट्रीय जनता दल (आर.जे.डी.) के नेता तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने 20 फरवरी को मुजफ्फरपुर से अपनी 11 दिवसीय जन विश्वास यात्रा शुरू की और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि उनमें राज्य के लिए दूरदर्शिता की कमी है। दौरे के दौरान तेजस्वी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनकी पार्टी सिर्फ ‘एम.वाई.’ (माई अर्थात मुस्लिम-यादवों) की नहीं है, अपितु ‘बी.ए.ए.पी. (बाप)’ की भी है। आर.जे.डी. नेता ने ‘बाप’ शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि ‘बी का अर्थ है बहुजन (पिछड़े तथा दलितों सहित जनता), ‘ए’ का अर्थ है अगड़े (आम या अगड़ी अर्थात ऊंची जाति वाले),‘ए’ का अर्थ आधी आबादी (आधी आबादी या महिलाएं तथा लड़कियां) तथा ‘पी’ का अर्थ ‘पूयर’ यानि गरीब लोग। दौरे में सार्वजनिक बैठकें व रैलियां, जो आर.जे.डी. के लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत थी, ‘इंडिया’ गठबंधन (इंडियन नैशनल डिवैल्पमैंटल एंक्लूसिव अलायंस) का कार्यक्रम बन गईं, क्योंकि आर.जे.डी. के साथ कांग्रेस तथा वामपंथी नेताओं ने भी मंच साझा किया और इसमें उनकी पार्टियों के झंडे भी लहराए गए। अपनी यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव बिहार के सभी 38 ज़िलों को कवर करेंगे और 32 सार्वजनिक बैठकों को भी सम्बोधित करेंगे, जिसमें उनकी पिछली महागठबंधन सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने की सम्भावना है। यह यात्रा एक मार्च को सम्पन्न होने वाली है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी 3 मार्च को आयोजित होने वाली महारैली के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, सी.पी.आई. (एम) के महासचिव सीता राम येचुरी, सी.पी.आई. नेता डी. राजा तथा सी.पी.आई. (एम.एल.) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य के साथ मंच साझा करेंगे। 
 कमल हासन की पार्टी  
मक्कल निधि मायम (एम.एन.एम.) पार्टी द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के नेतृत्व वाले डी.एम.के. से हाथ मिलाने तथा आम चुनाव मिल कर लड़ने की सम्भावना है जबकि अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने तथा एम.एन.एम. पार्टी के संस्थापक कमल हासन ने कहा कि तमिलनाडु में ‘इंडिया’ गठबंधन से बातचीत आगे बढ़ रही है, परन्तु विपक्षी गठबंधन में शामिल होने पर अभी तक कोई निर्णायक फैसला नहीं हुआ है। कमल हासन जो अब तक किसी भी पार्टी से दूर रहे हैं, हाल ही में ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी तथा तमिलनाडु के सत्तारूढ़ डी.एम.के. से तालमेल बिठा रहे हैं। 
कांग्रेस का लक्ष्य
कर्नाटक में अधिक से अधिक लोकसभा सीटें प्राप्त करने की कोशिश में कांग्रेस रणनीतिक तौर पर आगामी संसदीय चुनावों के लिए पार्टी के कुछ पुराने नेताओं तथा कैबिनेट मंत्रियों को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने की योजना पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। सूत्रों के अनुसार पार्टी तुमकरू संसदीय सीट के लिए सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना या गृह मंत्री जी. परमेश्वर की उम्मीदवारी पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री सिधारमैया के बेटे यतिन्दर के साथ-साथ समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा को मैसूर-कोडागू संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा है। बेलगावी चुनाव क्षेत्र के लिए लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली के नाम पर विचार किया जा रहा है। ए.आई.सी.सी. तथा कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी अलग-अलग सर्वेक्षण करवाएंगे और उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देंगे।