रूस पर आतंकवादी हमले के  हो सकते हैं भयावह परिणाम

विगत दिवस रूस की राजधानी मास्को के बाहरी क्षेत्र क्रोकस सिटी हाल में जहां भारी संख्या में लोग एक थिएटर शो देख रहे थे, कुछ बंदूकधारियों ने अपने स्वचालित हथियारों से हमला करके 143 लोगों को गोलियों से भून दिया था। इस हमले में सैकड़ों  घायलों में से ज्यादातर की हालत गम्भीर बनी हुई है। रूस में ऐसा हमला दो दशक के बाद ही हुआ है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गये हों। चाहे अ़फगानिस्तान से संबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट ने इसकी ज़िम्मेदारी ले ली है, परन्तु रूसी प्रशासन की ओर से इस हमले के लिए यूक्रेन पर भी उंगली उठाई जा रही है, क्योंकि पिछले दो वर्ष से इन दोनों देशों के मध्य भयावह युद्ध जारी है। इस युद्ध के दौरान रूस की ओर से यूक्रेन पर किये गये हमलों में हज़ारों लोग मारे गये हैं तथा यूक्रेन के ज्यादातर बड़े भाग में विनाश के मंज़र दिखाई दे रहे हैं। इस युद्ध के दौरान रूस ने यूक्रेन के कई महत्त्वपूर्ण ज़िलों पर कब्ज़ा भी कर लिया है परन्तु यूक्रेन ने अपनी ओर से थिएटर पर किए गए इस हमले को पूरी तरह नकार दिया है तथा इसमें यूक्रेन ने किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप न होने की बात की है।
पुतिन के लिए यह भयावह एवं दुखद घटना इसलिए भी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अभी पिछले दिनों ही उन्होंने रूस में चुनाव करवा कर पांचवीं बार स्वयं को पुन: राष्ट्रपति स्थापित कर लिया है। पुतिन ने लगभग पिछले 24 वर्ष से रूस के प्रशासन पर अपनी पकड़ बनाये रखी है। उन्होंने इस घटना पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए यह भी कहा कि इस हमले के आरोपियों को कड़ी सज़ाएं दी जाएंगी। इस्लामिक स्टेट संगठन की ओर से इसकी ज़िम्मेदारी लेने पर उस पर उंगली उठना इसलिए भी स्वाभाविक है, क्योंकि इस घटना  से लगभग दो सप्ताह पहले मास्को में स्थापित अमरीका के दूतावास की ओर से रूसी प्रशासन को यह बताया गया था कि वहां आगामी दिनों में कोई बड़ा आतंकवादी हमला हो सकता है। अमरीका की ओर से पुख्ता सूचना देने के बावजूद भी हमलावर अपने निर्धारित लक्ष्य में सफल हो गये। जहां तक इस्लामिक ग्रुपों का संबंध है, वे पहले भी रूस पर समय-समय गुरिल्ला हमले करते रहे हैं। वर्ष 2004 में एक इस्लामिक संगठन ने ही रूस के दक्षिणी भाग बेसलान में एक स्कूल पर हमला करके वहां विद्यार्थियों सहित बहुत-से लोगों को बंधक बना लिया था। इस घटना में हमलावरों सहित 380 लोग मारे गये थे। इसी तरह वर्ष 2010 में भी मास्को के एक भूमिगत रेलवे स्टेशन पर कुछ आतंकवादियों द्वारा हमला किया गया था, जिसमें 40 लोग मारे गये थे। इसी ही क्रम में वर्ष 2017 में रूस के दूसरे बड़े शहर सेंट पीटर्सबर्ग में भी एक भूमिगत प्लेटफार्म पर किये गये एक आत्मघाती हमले में 16 लोग मारे गये थे।
इस भयावह घटना के घटित होने के बाद पुतिन की ओर से दी गई धमकी के उपरांत घटनाक्रम क्या रुख धारण करता है, इसका अनुमान लगाया जाना कठिन है क्योंकि रूस पहले भी इस्लामिक स्टेट संगठन के निशाने पर रहा है। रूस के मुख्य प्रशासनिक केन्द्र क्रेमलिन की ओर से कड़ा रवैया धारण करने तथा मुस्लिम विरोधी नीतियां अपनाने के कारण इस्लामिक संगठनों ने रूस को धमकियां दी थीं। पुतिन को यूक्रेन में युद्ध के साथ-साथ ऐसे संगठनों की ओर से भी भारी चुनौती मिल रही है। रूस की आर्थिक स्थिति भी मौजूदा युद्ध ने बेहद कमज़ोर कर दी है परन्तु इसके बावजूद पुतिन की ओर से इस युद्ध को जारी रखने का प्रण लगातार दोहराया जा रहा है। घटित हो रहा ऐसा घटनाक्रम विश्व भर के लिए भी एक ़खतरे की घंटी माना जा सकता है, क्योंकि यूक्रेन से युद्ध के साथ-साथ पुतिन के समक्ष खड़ी चुनौतियां उन्हें और बड़े युद्ध में धकेलने के लिए विवश कर सकती हैं। ऐसे युद्ध के अन्तर्राष्ट्रीय रूप धारण कर लेने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द