महत्वपूर्ण है पांचवां चरण

तीव्र गर्मी के दिनों में लम्बे समय से हो रहे लोकसभा चुनावों के दौरान 5वां चरण मुकम्मल हो गया है। इसके साथ 23 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को मिलाकर 428 सीटों पर चुनावों का काम पूरा हो गया है। अब 6वां और 7वां चरण बाकी है। एक जून तक मतदान करने का काम पूरा हो जाएगा और 4 जून को परिणाम सामने आने लगेंगे। सोमवार को 6 राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर मतदान हुआ है, जिनमें लद्दाख्र और जम्मू-कश्मीर की एक-एक सीट भी शामिल है। उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि राज्यों में इस बार भी वोट प्रतिशतता पिछले चरणों के आस-पास ही रही है।
इस बार के चुनावों में कुछ सीटों परराजनीतिक क्षेत्रों की अधिक दिलचस्पी दिखाई देती है। इनमें उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के साथ जुड़ी अमेठी और रायबरेली सीटें भी शामिल हैं। इन दोनों सीटों पर पिछले कई दशकों से नेहरू-गांधी परिवार का ही कब्ज़ा रहा है। पिछले चुनावों में दिलचस्प बात यह रही थी कि अमेठी से राहुल गांधी हार गये थे। उनको भाजपा की स्मृति ईरानी ने हराया था। इस बार राहुल रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनकी माता सोनिया गांधी भी चुनाव लड़ती रही हैं। पिछली बार उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बुहत प्रभावशाली प्रदर्शन किया था। ज्यादातर सीटें उनके खाते में गई थीं। इस बार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों पार्टियां इस प्रदेश में इकट्ठे चुनाव लड़ रही हैं। चाहे कांग्रेस के हिस्से में बहुत कम सीटें आई हैं और समाजवादी पार्टी ज्यादा सीटों से चुनाव लड़ रही है लेकिन पिछले लम्बे समय से अपनी राजनीतिक स्थिति को देखते हुए कांग्रेस ने कम सीटों पर लड़ना स्वीकार कर लिया था। इससे पहले चौथे चरण में 69.16 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पहले तीन चरणों से कुछ अधिक था। अब इस चरण में जिन 49 सीटों पर मतदान हुआ है, उनमें से कांग्रेस को वर्ष 2019 में सिर्फ रायबरेली की सीट ही मिली थी। अलग-अलग राज्यों में 41 सीटों पर भाजपा तथा उसके सहयोगियों को जीत प्राप्त हुई थी और शेष सीटों पर तृणमूल कांग्रेस तथा बीजू जनता दल को सफलता मिली थी। इस बार के पांचवें चरण में राहुल गांधी के अतिरिक्त मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ से तथा नैशनल कांफ्रैंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बारामूला से चुनाव लड़ा है। इसी प्रकार 25 मई को 6वें चरण में 8 राज्यों में 58 सीटों पर मतदान होगा। 1 जून को पंजाब सहित 8 राज्यों के लिए 7वें चरण में मदतान होगा। चाहे इस बार कुछ स्थानों पर गड़बड़ होने की शिकायतें मिली हैं और अनेक स्थानों पर ई.वी.एम. में त्रुटियां पड़ने के समाचार भी मिले हैं, परन्तु बड़ी सीमा तक इस चरण में भी सही ढंग-तरीके से मतदान का कार्य पूर्ण हो गया है। इससे यह प्रभाव मिलता है कि चुनाव आयोग बखूबी अपने फज़र् निभा रहा है। 
अब तक चुनावों संबंधी उसके पास हज़ारों अलग-अलग प्रकार की शिकायतें पहुंच चुकी हैं, जिन्हें संतुलित बना कर उसने निपटाने का यत्न किया है। चाहे प्रत्येक तरह के चुनावों से पहले ई.वी.एम. की कारगुज़ारी पर प्रश्न चिन्ह उठते रहे हैं, परन्तु इस बार सुप्रीम कोर्ट ने इनके संबंध में अपना स्पष्ट फैसला सुना दिया था, जिससे मतदाता का विश्वास चुनाव प्रक्रिया में बड़ी सीमा तक बढ़ा है। इस समय लोकसभा की 543 सीटें हैं, जिनमें से अधिकतर पर मतदान का काम निपटाया जा चुका है। चुनावों की इन गतिविधियों के दौरान भिन्न-भिन्न स्तर पर लगातार अनुमान लगाए जाते रहे हैं, परन्तु कोई निर्णायक फैसला तो 4 जून को मतों की गिणती के बाद ही हो सकेगा। नई सम्भावित बनने वाली सरकार से यह आशा रखनी अवश्य बनती है कि वह लोकतांत्रिक भावनाओं को प्राथमिकता देते हुए सब को साथ लेकर देश का प्रत्येक पक्ष से विकास करने में सफल हो। 

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द