हादसों की पटरी पर दौड़ता भारतीय रेलवे 

रेल हादसों की कड़ी टूटने का नाम नहीं ले रही है पिछले एक साल में डेढ़ दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं रेलवे संचालन में बरती जा रही हद दरजे की लापरवाही को रेखांकित कर रही है। सोमवार को दार्जलिंग के पास एक बड़ा हादसा हुआ है। एक मालगाड़ी की एक्सप्रेस ट्रेन से टक्कर हो गई है। हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। वहीं, कई लोगों के घायल होने की खबर आ रही है। 9 गंभीर रूप से घायल हैं। इस हादसे में मारे जाने वाले लोगों में 3 रेलवे कर्मचारी भी हैं। बीते एक साल के भीतर 19 रेल हादसे हुए हैं जिनमें करीब साढ़े तीन सौ लोगों की अकाल मौत हुई है। सवाल यह है कि आखिर कब तक भारतीय रेल हादसे दर हादसे का शिकार बनती रहेगी। कंचनजंगा रेल हादसे ने पिछले साल की भीषण रेल दुर्घटना की याद ताजा करा दी है आप को याद है बीते साल 2023 में देश के भीषण ट्रेन हादसों में से एक बालासोर ट्रेन हादसा भी जून महीने में हुआ था। इस हादसे ने करीब 300 लोगों की जान ले ली थी, जबकि हजार के करीब लोग घायल हुए थे। आपको बता दें कि पिछले एक साल में देश ने दर्जनों रेल हादसे देखे हैं, जिसमें कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ गई। पिछले साल से लेकर अब तक करीब 19 रेल हादसे हुए हैं। 
पिछले साल 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर में उस समय बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, जब 3 ट्रेनें आपस में टकरा गईं। कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12841) फुल स्पीड से चल रही थी। इस बीच बहनागा बाजार स्टेशन के पास वह मुख्य लाइन की जगह पासिंग लूप में चली गई जिससे ट्रेन वहां पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस बीच कोरोमंडल एक्सप्रेस हावड़ा से होकर चेन्नई रेलवे स्टेशन तक जा रही थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस की तेज गति के कारण ट्रेन के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से 3 डिब्बे पास के ट्रैक पर आ रही एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12864) से टकरा गए। इस हादसे में कुल 296 लोगों की मौत हो गई जबकि 1200 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। 
23 अगस्त 2023 को पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में कम से कम 26 मजदूरों की मौत हो गई। राजधानी आइजोल से करीब 21 किलोमीटर दूर सैरांग के पास पहाड़ी इलाके में बैराबी-सैरांग लाइन पर कुरंग नदी पर निर्माणाधीन रेलवे पुल (ब्रिज संख्या 196) टूटकर नदी में गिर गया, जिससे 26 मजदूर की मौत हो गई। मारे गए सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले से आए हुए थे। हादसे के बाद जांच के लिए समिति का गठन किया गया था। मिजोरम में हादसा होने के 3 दिन बाद ही एक और दुखद ट्रेन हादसा हो गया। 26 अगस्त 2023 की सुबह करीब 5 बजे मदुरै जंक्शन के पास खड़ी लखनऊ-रामेश्वरम भारत गौरव ट्रेन में अचानक से आग लग गई। हादसे में 10 लोगों की जान चली गई जबकि 20 लोग घायल हो गए। हादसे के बारे में पता चला कि श्रद्धालु ट्रेन में गैस सिलेंडर लेकर जा रहे थे और कोच में खाना बना रहे थे, तभी आग लग गई। 
11 अक्तूबर 2023 की रात एक ट्रेन हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 70 से अधिक लोग घायल हो गए थे। रात 9:50 बजे बिहार के बक्सर में दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन जब रघुनाथपुर स्टेशन के पास पहुंची तो उसके 6 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे यह बड़ा हादसा हो गया। ट्रेन की पटरी से उतरने के कारण कम से कम 2 एसी टियर डिब्बे पलट गए, जबकि 4 अन्य डिब्बे पटरी से उतर गए। 
29 अक्तूबर, 2023 रात को हावड़ा-चेन्नई लाइन पर आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग जख्मी हो गए। विजयनगरम ज़िले के कोट्टावलासा जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास विशाखापत्तनम-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन, विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन से टकराने के बाद पटरी से उतर गई। विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर के लोकोपायलट ने सिग्नल को पार कर गया और एक ही ट्रैक पर आगे चल रही विशाखापत्तनम-रायगढ़ पैसेंजर ट्रेन को टक्कर मार दी। 
इसी साल 2024 में पहला बड़ा रेल हादसा फरवरी में हुआ। 28 फरवरी की शाम झारखंड के जामताड़ा ज़िले में बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। रांची से 140 किलोमीटर दूर कालझरिया में यह हादसा हुआ। शाम 7 बजे के करीब अंगा एक्सप्रेस (12254) विद्यासागर और कासितार के बीच चेन पुलिंग की वजह से ट्रेन रूक गई। इस बीच 2 लोग ट्रैक को पार कर रहे थे, लेकिन अचानक से वे दोनों मेमू ट्रेन की चपेट में आ गए। 
 ताजा हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी और रंगापानी स्टेशनों के बीच अगरतला से सियालदाह जा रही थी। मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मारी, जिससे उसके पिछले दो डिब्बे पटरी से उतर गये। हादसे वाली जगह पर वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंच चुके हैं। एसडीआरएफ व एनडीआरएफ राहत बचाव में जुटे गये। वार रूम से रेलमंत्री मामले पर नज़र बनाए हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन एक्सीडेंट की घटना पर एक पोस्ट करते हुए दु:ख व्यक्त किया है। बोर्ड की चेयरमैन और सीईओ जया वर्मा ने इस मामले पर कहा कि पायलट ने सिग्नल पर गाड़ी नहीं रोकी। शुरुआती जांच से उन्हें पता चला है कि रुकने का सिग्नल था, लेकिन पायलट ने गाड़ी नहीं रोकी, जिसके चलते यह बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे में लोको पायलट की भी मौत हुई है।  
सवाल है कि रेलवे हादसों की झड़ी क्यों लग रही है? एक साल के भीतर 19 हादसे और करीब साढ़े तीन सौ लोगों की मौत रेलवे के संचालन में बरती जा रही लापरवाही अनियमितता और कुप्रबंधन को चीख चीख कर बयान कर रहे हैं सवाल उठता है कि क्या हम इसी निचले दर्जे के लापरवाही भरे कुप्रबंधन के बूते पर बुलेट ट्रेन जैसी महत्वाकांक्षी योजना को अंजाम देने का सपना देख रहे हैं यदि यह हादसे सुपरफास्ट या बुलेट ट्रेन के साथ होते तो मंजर कितना खतरनाक भयानक व कितना जिंदगियों के लिए आखिरी सफर बन सकता है। रेलवे को और अधिक मज़बूत सुरक्षा तंत्र की तकनीक से जोड़ने की ज़रूरत है तभी रेल प्रगति का नया अध्याय जोड़ सकती है।