कमला हैरिस का उभार

इस समय विश्व के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश अमरीका में 5 नवम्बर को होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव पर दुनिया भर की नज़रें केन्द्रित हैं। अमरीका जैसे शक्तिशाली देश में चार वर्ष बाद होने वाले इन चुनावों में विश्व भर के देशों की दिलचस्पी रहती है। आधुनिक अमरीका का इतिहास कुछ सदियों ही पुराना है, परन्तु यह अक्सर दिलचस्पी भरपूर तथा अद्भुत रहा है। अंग्रेज़ों तथा अन्य यूरोपियन देशों से गए नागरिकों की ओर से प्राकृतिक खज़ानों से भरपूर इस विशाल धरती पर अनेक कालोनियां बनाई गईं। इन कालोनियों को इकट्ठा करने के लिए बहुत भयावह गृह युद्ध भी हुआ, जिसके बाद लोकतांत्रिक प्रणाली को स्थापित किया गया। यह देश आगे बढ़ता गया। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में इसके अनुसंधानकर्ताओं ने चमत्कार कर दिखाए। विश्व के हर पक्ष से आधुनिक दौर में पहुंचने के लिए अमरीका का बहुत बड़ा योगदान रहा है। 
इसकी लोकतांत्रिक परम्पराएं भी मज़बूत होती रही हैं। यूरोप एवं अन्य विश्व भर से आए लोगों ने अपनी अलग अमरीकन पहचान बनाई तथा मज़बूत की। समय-समय पर बने राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन, इब्राहिम लिंकन तथा आइज़नहॉवर ने इस देश को अनेक पक्षों से और मज़बूत करने में अपना योगदान डाला। अमरीका का राष्ट्रपति विश्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता रहा है। इसलिए ही विश्व इस चुनाव को उत्सुकता के साथ देखता है। पिछले समय में इस देश के इतिहास में अश्वेत नस्ल के व्यक्ति बराक ओबामा यहां के राष्ट्रपति बने। वह दो बार इस पद के लिए चुने गए क्योंकि अमरीका में दो बार तक ही राष्ट्रपति बने रहने की परम्परा लम्बी अवधि से बनी हुई है। बराक ओबामा को एक सफल राष्ट्रपति माना गया है। चाहे उसके बाद रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति रहे परन्तु वह अपने एक बार के कार्यकाल में ही बेहद विवादों में घिरे रहे। इसीलिए ही उनके बाद डैमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन राष्ट्रपति चुने गये। चाहे इस बार पहले तो जो बाइडन ही डैमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीद थे, परन्तु उनका प्रभाव कम हो जाने तथा कुछ स्वास्थ्य की समस्याएं होने के कारण अब उनके स्थान पर उनकी उप-राष्ट्रपति रही कमला हैरिस को अपनी डैमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार घोषित किया गया है। हैरिस की उम्मीदवारी इसलिए दिलचस्पी भरपूर होगी, क्योंकि यदि वह चुनाव में सफल होती हैं तो वह अमरीका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। दिलचस्प बात यह भी है कि कमला हैरिस की माता भारतीय मूल की तथा पिता जमाईकन मूल के अश्वेत व्यक्ति थे। इसलिए उन्हें इंडियन अमरीकी, एशियाई अमरीकी तथा अफ्रीकन अमरीकी भी कहा जा सकता है।
कमला के पति अमरीकी यहूदी हैं। कमला के चुनाव से पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से इस चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चुना गया था तथा वह जो बाइडन के मुकाबले इस दौड़ में आगे दिखाई देते थे, परन्तु बाइडन के स्थान पर अब कमला हैरिस के मैदान में कूदने के बाद उनका प्रभाव ट्रम्प से ज्यादा माना जाने लगा है। बराक ओबामा भी कमला की मदद में आ खड़े हुए हैं। आज रूस तथा यूक्रेन का युद्ध, इज़रायल तथा हमास युद्ध, चीन की बढ़ती हुई ताकत तथा किसी बड़े युद्ध की सम्भावना के बने माहौल में अमरीका के नये राष्ट्रपति का अन्तर्राष्ट्रीय घटना में बड़ा योगदान होगा। कमला हैरिस ने इस पूरे घटनाक्रम में अपनी प्राथमिकताएं पहले ही स्पष्ट कर दी हैं। खास तौर पर इज़रायल-हमास युद्ध में उन्होंने इज़रायल की ओर से फिलिस्तीनियों के नर-संहार की स्पष्ट एवं कड़ी आलोचना की है। डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल को अमरीकी देख चुके हैं। नि:संदेह कमला हैरिस का मैदान में उतरना अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर एक सार्थक संकेत देने की बड़ी सम्भावना रखता है। अमरीका की राजनीति में ऐसे किसी मोड़ का फैसला आगामी नवम्बर मास में ही हो सकेगा।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द