ये हैं हमारे पार्टी प्रवक्ता!

पार्टी की मीटिंग चल रही थी। पार्टी के विस्तार के लिए बड़ी गंभीरता से मंथन चल रहा था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष,उपाध्यक्ष, सचिव और कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे। पार्टी संबंधी एक-एक समस्या पर बड़ी बारीकी से बहस चल रही थी। पिछले चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन जबरदस्त रहा था इसलिए उपस्थित सभी पदाधिकारी बेहद खुश थे और चर्चा में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे।   अध्यक्ष...देखिये, केन्द्रीय स्तर पर हमारी पार्टी अच्छा काम कर रही है। ऐसा ही परिणाम हमें विभिन्न प्रदेशों से भी मिलना चाहिए। विभिन्न प्रदेशों के जो पार्टी प्रभारी बनाये गये हैं उनमें कोई फेरबदल करना हो तो बोलिए।
सचिव-उडीसा और छतीसगढ़ अपेक्षाकृत शांत प्रदेश है परन्तु मेरा ऐसा मानना है कि बंगाल और बिहार में हमें प्रभारी बदलने की ज़रूरत है। उपाध्यक्ष...क्या मतलब है आपका जरा खुलकर कहिये...? सचिव...मेरा मत है कि इन दोनों प्रदेशों की स्थिति को देखते हुए यहां प्रभारी ही नहीं बल्कि प्रादेशिक अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को जुझारू होना चाहिए, एक दम जैसा का तैसा मुंहतोड़ जवाब देने वाला।
अध्यक्ष-ठीक है, अपनी पार्टी में तीन-चार बाहुबली नेता हैं, एक तो बंगाल के मुखर्जी मोशाय, दूसरे बिहार के ठाकुर भीमसिंग और तीसरे यू.पी. के अग्नि देव यादव। इनके अपने खूंखार गैंग के साथ शूटर्स भी हैं। ये अपने-अपने प्रदेशों को कुशलता के साथ सम्भाल लेंगे। इन्हीं को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त कर देते हैं (पदाधिकारियों ने मेजें थपथपाकर खुशी-खुशी सहमति दर्शायी।)
उपाध्यक्ष...देखिये, आज के जमाने में पार्टी को आगे बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका धन की होती ही। पार्टी फंड में जितना पैसा होगा पार्टी को आगे बढ़ाने में उतनी ही सहूलियत होगी। पार्टी को कदम-कदम पर रुपयों की ज़रूरत पड़ेगी। नेताओं को कभी-कार में कभी हवाईजहाज और कभी हेलीकाप्टर  में यात्रा करनी पड़ेगी। अक्सर विदेश-यात्रा में भी जाना पड़ता है। बड़े होटलों में रुकना पड़ेगा! मीटिंग लेनी पड़ेगी इसलिए प्रदेश-स्तर पर जम के चंदा उगाही होनी चाहिए। इसके लिए बड़ी-बड़ी कम्पनियों, उद्योगपतियों की होशियारी से नब्ज़ पकड़ना पड़ेगा। उपसचिव-कोषाध्यक्ष को जहां म़ौका पड़े तो प्यार-मनुहार से नहीं तो धमकी-चमकी से भी काम निकालने वाला होना चाहिए! मैं इसके लिए गाजी मोहम्मद का नाम प्रस्तावित करता हूँ। वे पांच-सात साल जेल में भी रहे हैं। जेल से वसूली गैंग चलाने का उनका सुदीर्घ अनुभव है। (सभी पदाधिकारियों ने फिर मेजें थपथपाकर खुशी-खुशी सहमति प्रगट की।)
उपाध्यक्ष-हाँ, एक बात पर विचार करने से हम चूक रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता हम किनको बनाएं जो इलेक्ट्रानिक मीडिया टी.वी. अखबारों में दमखम के साथ पार्टी की विचारधारा को रख सकें और विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकें।
अध्यक्ष... हो सकता है मेरे मत से आप सहमत न हो...? मैं पिछले एक साल से बड़ी गहराई से अनुभव कर रहा हूँ कि हमारे अधिकांश पदाधिकारी और सदस्य पार्टी के लिए जी लगाकार काम कर रहे हैं परन्तु कुछ सदस्य हैं, जो काम से जी ही नहीं चुराते बल्कि पार्टी कार्यालय में केवल अनाप-शनाप बकबक करने में ही पूरा दिन खराब करते हैं। चांद खां, कल्लू केशरवानी, घुंघरू दुबे, बब्बू शाह ये कुछ नाम हैं, क्यों न इन्हीं में से कुछ को पार्टी-प्रवक्ता बना दिया जाये ताकि मीडिया में जाकर आयोजकों और विरोधी दल के प्रवक्ता की अच्छी तरह से खोपड़ी चांटें। (एक बार फिर सभी सदस्यों ने अपनी-अपनी मेजें थपथपाकर सहमति प्रगट की। अध्यक्ष जी ने इस प्रस्ताव के समर्थन के साथ ही मीटिंग समाप्ति की घोषणा कर दी!)

#ये हैं हमारे पार्टी प्रवक्ता!