रक्तदान कर किसी को दे सकते हैं नया जीवन

ब्लड डोनेशन यानी समय समय पर रक्तदान करना, यह रक्त, रक्तदान आयोजित करने वाले कैंप्स में ब्लड ग्रुप के अनुसार एकत्रित किया जाता है और जब किसी को रक्त की ज़रूरत हो, तो उसे यह चढ़ाया जाता है। हैरत की बात तो यह है कि रक्तदान करने के नाम पर हमारे समाज में कई मिथ या धारणाएं प्रचलित हैं कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी आ जाती है और अपने रक्त को किसी को यूं ही क्यों दान दे दिया जाए की सोच के चलते लोग रक्तदान करने से कतराते हैं। हकीकत में ऐसा नहीं है। रक्तदान करने का मतलब है किसी को जीवनदान देना। रक्तदान एक ऐसा दान है, जिसे कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है। क्या आपको पता है कि आपके एक यूनिट रक्तदान करने से तीन लोगों की जान बचायी जा सकती है। 
क्या है रक्तदान
रक्तदान करने से पहले रक्तदान करने वाले यानी डोनर के शरीर की कुछ विशेष किस्म की जांच की जाती है और उसके रक्त की गुणवत्ता की जांच करने के बाद ही उससे रक्तदान कराया जाता है, जिसमें डोनर के ब्लड के करीब ढाई सौ मिलीलीटर रक्त की मात्रा को मशीन की सहायता से एक बैग में जमा किया जाता है। इस बैग को परीक्षणों के बाद ब्लड बैंकों में स्टोर कर दिया जाता है और इस जमा ब्लड को मरीज की ज़रूरत के अनुसार दिया जाता है। 
कौन कर सकता है रक्तदान
रक्तदान करने के लिए रक्तदाता का सेहतमंद होना ज़रूरी है। उसका वजन कम से कम 50 किलोग्राम हो और उम्र कम से कम 18 और अधिकतम 65 साल होनी चाहिए। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने पर रक्तदान कर सकता है। यदि उस व्यक्ति के घर में किसी को इमरजेंसी में रक्त की ज़रूरत हो तो एक महीने के बाद भी डॉक्टर उसे रक्तदान की इजाजत दे देते हैं। रक्तदान करते समय रक्त देने वाले का ब्लड प्रेशर, तापमान और नाड़ी की गति सामान्य होनी चाहिए। केवल 12.5 हीमोग्लोबिन वाला व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है। 
कौन नहीं कर सकता रक्तदान
हैपेटाइटेस बी, सी, टीबी, लैप्रेसी, एचआईवी, अस्थमा के मरीज, दिल के मरीज रक्तदान नहीं कर सकते। यदि किसी महिला की डिलिवरी हुई हो या वह बच्चे को दूध पिला रही हो तो उसका भी रक्तदान स्वीकार नहीं होता। वैक्सीनेशन, एंटीबॉयाटिक, आयुर्वेद, होम्योपैथिक दवाईयों का नियमित सेवन करने वालों को भी रक्तदान के लिए पात्र नहीं समझा जाता। 
फायदे
विभिन्न अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि नियमित रक्तदान करने वालों में कोलेस्ट्रोल लेवल कम होता है। ब्लड प्रेशर में भी कमी आती है, जिससे हार्ट अटैक के खतरे कम होते हैं। यह कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के जोखिम को भी कम करता है। इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह होता है कि रक्तदान करने से पहले बहुत सारी जांचें की जाती है, जिससे शरीर में किसी भी किस्म के विकार का पता चल जाता है। रक्तदान का सबसे बड़ा लाभ तो यह होता है कि मन में फील गुड आता है कि हमने समाज के लिए कुछ अच्छा कार्य किया है और हमारे रक्त से अगर किसी की जान बच जाती है तो यह भी एक पुनीत कार्य है। 
यदि आप नियमित रूप से रक्तदान करना चाहते हैं तो इसके लिए समय-समय पर विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों द्वारा विभिन्न अस्पतालों में या डिस्पेंसरीज़ में रक्तदान के कैंप आयोजित किये जाते हैं। जहां जाकर आप रक्तदान कर सकते हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है। चिकित्सक मैडीकल चेकअप के बाद आपका ब्लड लेते हैं। इस प्रक्रिया में 10 से 15 मिनट लगते हैं, जिसके लिए डोनर को एक फॉर्म भरने के लिए दिया जाता है, जिसे उसे भरकर देना होता है। रक्तदान करने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, खाली पेट रक्तदान न करें। रक्तदान के बाद आपको जो ड्रिंक और स्नैक्स दिये जाते हैं, उसे तुरंत खाना चाहिए। इससे आपको कमजोरी नहीं आती। ...तो करिये रक्तदान क्योंकि यह है जीवनदान।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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