ड्रोन पायलट बन कर भरें कॅरियर की उड़ान

अगर आप 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण कर चुके हैं और ड्रोन पायलट बनकर इस क्षेत्र में अपना कॅरियर शुरु करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं। ड्रोन पायलट बनने के कई फायदे है। जिस तरह आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां कामकाज में कम्प्यूटर के इस्तेमाल से बचा जा सके, वैसा ही हाल आने वाले सालों में ड्रोन को लेकर भी होने वाला है। आने वाले सालों में हर क्षेत्र में ड्रोन पायलटों की ज़रूरत होगी। चाहे रियल एस्टेट का क्षेत्र हो, फिल्म और फोटोग्राफी का क्षेत्र हो, विभिन्न उत्पादों की डिलिवरी का क्षेत्र हो। बड़े पैमाने पर कृषि क्षेत्र में भी आने वाले दिनों में ड्रोन का इस्तेमाल होगा। वर्तमान में भी सबसे ज्यादा ड्रोन कृषि, निर्माण और फोटोग्राफी तथा शूटिंग क्षेत्र में ही इस्तेमाल हो रहे हैं। ड्रोन पायलट के लिए आने वाले सालों में कॅरियर की जबर्दस्त संभावनाएं हैं, खासकर अगर आप बतौर फ्रीलांसर ड्रोन पायलट बनना चाहें।
दरअसल ड्रोन छोटे स्तर पर इंसान के लिए तमाम जोखिम भरे काम करते हैं। इनसे यह काम ड्रोन पायलट लेते हैं। अगर आप ड्रोन पायलट बनना चाहते हैं तो आपको डीजीसीए से मान्यता प्राप्त किसी संस्थान से इसकी ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेनिंग के बाद आपको परीक्षा में भाग लेना होगा और परीक्षा पास करने के बाद आपको ड्रोन पायलट का लाइसेंस मिल जायेगा। चूंकि ड्रोन तकनीक का पूरी दुनिया में तेजी से विकास हो रहा है, इसलिए आने वाले दिनों में करीब-करीब हर क्षेत्र में ड्रोन इस्तेमाल होते दिखेंगे। इसलिए आने वाले दिनों में ड्रोन पायलटों की मांग के कई सौ गुना बढ़ने की संभावना है। सिनेमा, मैडीकल, कृषि ये ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें अभी भी ड्रोन बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं और आने वाले दिनों में इसमें और बढोत्तरी होगी। 
ड्रोन के माध्यम से कोई ड्रोन पायलट एक ही जगह पर बैठकर कम समय में ज्यादा काम और ज्यादा क्षेत्र को कवर कर सकता है। ड्रोन पायलट रिमोट के माध्यम से ड्रोन को उड़ाता है। वास्तव में ड्रोन एक मानवरहित हवाई उपकरण या यूएवी है, जो कम्प्यूटर द्वारा संचालित है। वर्तमान में कई तरह के ड्रोन कार्यरत हैं- मल्टीरोटर, फिक्स्ड-विंग, सिंगल-रोटर हेलीकॉफ्टर, वीटीओएल और ड्रोन इन ए बॉक्स या स्वायत्त ड्रोन। इन सभी ड्रोन का अपना एक अलग और विशिष्ट कार्य होता है। किसी क्षेत्र विशेष की निगरानी करना, मानचित्रण करना, फोटोग्राफी करना, आपदा के समय खोज और बचाव अभियान में शामिल होना तथा दुर्गम क्षेत्रों में डिलीवरी पहुंचाना। ये वो कई क्षेत्र हैं, जहां इन दिनों ड्रोन का खूब इस्तेमाल हो रहा है। 
साल 2026 तक ड्रोन बाज़ार का कारोबार 12,000 से 15,000 करोड़ रुपये वार्षिक पहुंचने की उम्मीद है। भारत सरकार ने ड्रोन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरु की हैं और इसका लक्ष्य देश को वैश्विक ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में स्थापित करना है। भारत में धीरे-धीरे ड्रोन प्रशिक्षण और शिक्षा बाज़ार में भी तेज़ी से अपनी महत्ता बढ़ा रहा है। साल 2022 में ड्रोन प्रशिक्षण और शिक्षा बाजार का अनुमान 12 मिलियन था, जिसके 2030 तक बढ़कर 35 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। जहां तक ड्रोन पायलट बनने के लिए योग्यता का सवाल है तो जैसा कि हमने ऊपर ही कहा 10वीं, 12वीं तक पढ़ाई करने वाले लोग भी ड्रोन पायलट का लाइसेंस हासिल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें ऐसे ट्रेनिंग संस्थान से ट्रेनिंग लेनी होगी जो डीजीसीए से एफिलेटेड हो। भारत में 52 ऐसे ड्रोन सेंटर हैं जो डीजीसीए से रजिस्टर्ड हैं। 
ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम दो हिस्सों में बंटा होता है, सिद्धांत और कौशल। ड्रोन प्रशिक्षण का सैद्धांतिक नियम वही है, जो उड़ान का है। इसमें रेडियो टेलीफोनी, हाइब्रिड रोटरक्राफ्ट और हवाई जहाज की वायु गतिकी के सिद्धांत लागू होते हैं। उम्मीदवार को ग्राउंड ट्रेनिंग पूरी करनी ही होती है। किसी डीजीसीए एफिलेटेड संस्थान में आपका नामांकन हो सकता है, अगर आप 10वीं 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण हैं और आपकी न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। प्रशिक्षण को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। ये श्रेणियां हैं-बेसिक, स्पेशल और एडवांस। बेसिक श्रेणी में अधिकतम टेकऑफ वजन 25 किलोग्राम होता है। विशेष श्रेणी में यह 150 किलोग्राम से कम होता है, जबकि उन्नत श्रेणी में इसके टेकऑफ का वजन 150 किलोग्राम से अधिक होता है। लेकिन 25 किलोग्राम से कम टेकऑफ वजन वाला ड्रोन केवल 400 फीट ऊर्ध्वाधर सीमा वाले ग्रीन जोन में ही काम कर सकता है। लेकिन अगर 150 किलोग्राम से कम टेकऑफ वाली श्रेणी के ड्रोन की बात है, तो यह 400 फीट ऊर्ध्वाधर सीमा से ऊंचे भी उड़ सकता है और उन्नत श्रेणी यानी 150 किलोग्राम से अधिक टेकऑफ वजन के ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम से आप रिमोट के जरिये वैमानिकी बैंडविड्थ में भी काम करने की उम्मीद कर सकते हैं। भारत सरकार ड्रोन को एक मजबूत कॅरियर विकल्प के रूप में उभारने की कोशिश कर रही है। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर