बाल पहेलियां

1. कटर पेंसिल पटरी कॉपी,
  और किताबें रखना तुम।
  पड़ लिखकर विद्वान बनो अब,
  नहीं किसी से डरना तुम।।

2.मध्य हटे तो ‘परी’ बनूं मैं,
  तीन अक्षर का नाम।
 जरा बताओ रामू चंदन,
 और बोलो घनश्याम।।                                                                      

3. रात का पंछी लोग कहें,
    जरा लगाओ ध्यान। 
   पूरी गर्दन मैं घुमाता,
     ये मेरी पहचान।।

4. सबको मंजिल तक पहुंचाऊं,
    लेकिन चल ना पाऊँ।
   तीन अक्षर का नाम हमारा,
    बोलो क्या कहलाऊं?

5. तीन अक्षर का नाम हमारा
     खट्टा मीठा स्वाद।
     प्रथम हटे तो ‘मली’ बनूँ मैं,
      कर लो मुझको याद।

6. हाथी, घोड़ा, ऊंट नहीं,
खाए न दाना, घास।
सदा ही धरती पर चले,
होए न कभी उदास।

7. काला मुंह लाल शरीर,
कागज़ को वह खाता
रोज शाम को पेट फाड़कर
कोई उन्हें ले जाता।

- डा. कमलेन्द्र कुमार
               मो. 9451318138

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