आपराधिक गिरोहों की भी राजधानी बनती जा रही है दिल्ली
भारत की राजधानी आपराधिक गिरोहों की भी राजधानी बन गई है और ऐसा लग रहा है कि इस राजधानी का हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति किसी न किसी गिरोह का शूटर है। प्रतिदिन अखबारों में नए गैंग और गैंगेस्टर का नाम छपता है और किसी कंपनी के प्रोफाइल की तरह छपने वाले उसके प्रोफाइल में बताया जाता है कि उस गैंगेस्टर ने कैसे-कैसे कारनामे किए हैं, उस पर कितने मुकद्दमे हैं, वह इस समय किस जेल में या किस देश में है और उसके पास कितने शूटर हैं, जो उसके एक इशारे पर किसी पर भी गोली चला सकते हैं। 700 ज्यादा शूटर वाला गिरोह इस समय सबसे बड़ा है, लेकिन 100-200 शूटरों वाले भी कई गिरोह हैं। राजधानी दिल्ली में लगभग हर दिन कहीं फायरिंग होने और कहीं वसूली की धमकी दिए जाने की खबर आ रही है। पता नहीं असली बॉस यानी गैंगेस्टर को पता भी है या नहीं लेकिन उसके नाम से लोगों को धमकी भरे फोन किए जा रहे हैं। ऐसा भी होता है कि अपना नाम बनाने के चक्कर में किसी न किसी पर गोली चला दी जाती है या हत्या कर दी जाती है और बाद में कोई बड़ा गैंगेस्टर इसकी ज़िम्मेदारी ले लेता। बेरोज़गार नौजवानों का एक विशाल समूह दिल्ली, मुम्बई जैसे महानगरों में घूम रहा है, जिससे गैंगेस्टरों को आसानी से कच्चा माल मिल रहा है। वे पैसे और ऐश-मौज मस्ती वाले जीवन का लालच देकर नौजवानों को फंसा रहे हैं।
फिरौती मांगने का नया ढंग
‘साइबर फ्राड’ या ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके लूटने के साथ-साथ अब लूट का उससे थोड़ा आसान और साधारण तरीका सीधे फोन करके धमकी देने का है। पूरे देश में और खास कर भाजपा शासित राज्यों में ऐसे कारनामों का दौर जारी है। चाहे नेता हो, अभिनेता हो या कारोबारी हो, उन्हें सीधे धमकियां मिल रही हैं। धमकी देने वालों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे संबंधित व्यक्ति को धमकी देने की बजाय सीधे आसपास के थाने में ही फोन कर पुलिस को ही अपनी मांग बता रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस वाले संबंधित व्यक्ति को जानकारी देकर रंगदारी की रकम वसूलने में मदद करेंगे। क्या पता कहीं-कहीं ऐसा होता भी हो। पिछले दिनों एक व्यक्ति ने मुम्बई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में फोन किया और अभिनेता शाहरुख खान से 50 लाख रुपये की मांग की। शाहरुख खान बांद्रा इलाके में ही रहते हैं। दाद दीजिए फिरौती मांगने वाले की हिम्मत पर! इससे पहले सलमान खान को फिरौती के लिए कई फोन आ चुके हैं। पिछले दिनों बिहार के सांसद पप्पू यादव को फोन करके किसी ने धमकी दी थी। अभी खबर आई है कि भोजपुरी की अभिनेत्री अक्षरा सिंह को किसी ने फोन करके धमकी दी है। दिल्ली में ज्वेलर्स की दुकानों पर सरेआम गोली चला कर रंगदारी मांगने की कई घटनाएं हुई हैं। कुछ समय पहले देश के सबसे अमीर कारोबारी के घर के पास विस्फोटक रख कर धमकाने का मामला भी सामने आया ही था।
भाजपा का बेसुरा राग
झारखंड में एक बार फिर रांची और कराची का मुद्दा उठाया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पर हमला करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों ने राजधानी रांची को कराची बना दिया है। कहने का मतलब है कि कांग्रेस और जेएमएम ने रांची में मुस्लिम आबादी भर दी है। यह बात पूरे झारखंड के लिए कही जा रही है और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस नैरेटिव के चैंपियन बने हुए हैं। यह बात महाराष्ट्र और खास कर मुम्बई के बारे में भी कही जा रही है। हालांकि मुम्बई से कराची की तुकबंदी नहीं बनती है तो उस अंदाज़ में नहीं कहा गया लेकिन भाजपा के किरीट सोमैया ने प्रेस कॉन्फ्रैंस करके कहा कि 2050 तक मुम्बई में सिर्फ 54 फीसदी हिंदू रह जाएंगे। बहरहाल, रांची और कराची का राग झारखंड में पहली बार नहीं अलापा जा रहा है। भाजपा के पुराने संस्करण भारतीय जनसंघ के नेता भी झारखंड में चुनावों के वक्त इस तरह का राग अलापते थे। एक चुनाव में नारा लगा था, ‘अबकी जिताओ रांची से, अगला चुनाव कराची से’ यानी पाकिस्तान पर कब्ज़ा कर लिया जाएगा। हालांकि इस नारे का कोई खास असर नहीं हुआ था। अब भाजपा नेता इस नारे को नए रूप में पेश कर रहे हैं। इस बार भाजपा राज्य की जनसंख्या संरचना बदलने के नैरेटिव पर चुनाव लड़ रही है। नाम लेकर मुस्लिम नेताओं से छुटकारा दिलाने की बात हो रही है।
अडानी की भूमिका
अपने राजनीतिक अस्तित्व के संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब शिव सेना और भाजपा के संबंधों में मुख्यमंत्री पद को लेकर गतिरोध पैदा हुआ और वैकल्पिक सरकार बनाने की कोशिश शुरू हुई तो भाजपा और एनसीपी के बीच एक बैठक हुई थी, जिसमें गौतम अडानी भी शामिल हुए थे। अजित पवार ने बताया कि बैठक में शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फडनवीस और वह खुद भी मौजूद थे। उनका कहना है कि इसके बाद ही उन्होंने अपने चाचा शरद पवार के कहने पर भाजपा के साथ सरकार बनाई। अजित के मुताबिक उस बैठक के बाद एक दिन तड़के आनन-फानन में राज्यपाल ने देवेंद्र फडनवीस और उन्हें शपथ दिलाई थी, वह शरद पवार का ही खेल था, लेकिन बाद में शरद पवार पीछे हट गए तो अजित को भी 80 घंटे के अंदर वापिस लौटना पड़ा। हालांकि एनसीपी इसे खारिज कर रही है। बहरहाल अगर अजित पवार की बात को सही माने तो इस बार चुनाव के बाद सरकार बनाने में गौतम अडानी ज्यादा बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश करेंगे। वह चाहेंगे कि किसी तरह से कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की सरकार नहीं बने, क्योंकि राहुल गांधी तो उनके पीछे पड़े ही हैं और उद्धव ठाकरे भी कह चुके हैं कि सरकार बनी तो अडानी समूह को धारावी के रिडिवैल्पमेंट का जो प्रोजेक्ट दिया गया है, वह छीन लेंगे तथा उनको दी गई ज़मीन भी वापिस ले ली जाएगी।
भाजपा के रास्ते पर जेएमएम-कांग्रेस
आम तौर पर विपक्षी पार्टियां भाजपा की शिकायत चुनाव आयोग से करती हैं, जिन पर ज्यादातर मामलों में कोई सुनवाई नहीं होती है, लेकिन झारखंड में उलटा हो रहा है। भाजपा के नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस की शिकायत चुनाव आयोग से कर रहे हैं। मामला यह है कि जेएमएम और कांग्रेस की राज्य सरकार ने कुछ दांवपेंच भाजपा से सीख लिए हैं, जो भाजपा नेताओं को रास नहीं आ रहे हैं। अब जेएमएम और कांग्रेस के नेता भी मतदान के दिन बगल के क्षेत्र में रैलियां करते हैं और मतदान को प्रभावित करने वाले सरकारी या गैर-सरकारी फैसलों का ऐलान करते हैं। सरकारी योजनाओं के तहत लोगों को नकद पैसा भी भेजते हैं। असल में 13 नवम्बर को पहले चरण की 43 सीटों पर मतदान से एक दिन पहले राज्य सरकार ने ‘मइया सम्मान योजना’ के 1100 रुपये महिलाओं के खाते में भेजे। भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की कि यह पैसा महीने के पहले हफ्ते में भेजने का नियम है, लेकिन मतदान से ठीक एक दिन पहले भेजा गया। इस पर जेएमएम के नेता याद दिला रहे हैं कि जिस दिन हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था, उसी दिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा किसानों के खाते में ट्रांसफर हुआ था। भाजपा ने यह भी शिकायत की है कि कांग्रेस ने मतदान से एक दिन पहले अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें बड़े-बड़े वादे किए गए। अब देखना है कि चुनाव आयोग इस पर क्या करता है?