हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों का ऐलान
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पहले आम चुनावों की घोषणा कर दी गई है। अभी तक हरियाणा में गुरुद्वारों का काम-काज प्रदेश सरकार द्वारा गठित एडहाक कमेटी ही चलाती रही है। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की एडहाक कमेटी का गठन प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता रहा है। कुछ समय पहले भी हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव करवाने की घोषणा हुई थी, लेकिन इस हेतु लोकसभा चुनाव से पहले जिन तारीखों का ऐलान किया गया था, उन तारीखों को हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं होनी थीं। स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं व गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव की तारीखों का आपस में टकराव होने के चलते ये चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। अब हरियाणा गुरुद्वारा चुनावों के आयुक्त जस्टिस एच.एस. भल्ला ने चुनावों की घोषणा करते हुए बताया कि हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी के आम चुनाव 19 जनवरी को होंगे। इन चुनावों के लिए प्रदेशभर में 40 वार्ड बनाए गए हैं। इन चुनावों के लिए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा 18 दिसम्बर को सूचना प्रकाशित की जाएगी और 20 दिसम्बर से 28 दिसम्बर तक नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया चलेगी। इसके बाद 30 दिसम्बर को नामांकन पत्रों की छंटनी होगी और 2 जनवरी को दोपहर 3 बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। उसी दिन उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह अलॉट किए जाएंगे और अगर आवश्यक हुआ तो 19 जनवरी को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के लिए वोट डाले जाएंगे। मतदान पूरा होने के बाद संबंधित बूथों पर ही मतगणना करवाई जाएगी।
रेखा शर्मा का सांसद बनना तय
राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा का हरियाणा से राज्यसभा उपचुनाव में निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। रेखा शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा उपचुनाव में हरियाणा से नामांकन पत्र दाखिल किया है। उनके मुकाबले में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की ओर से कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया। वैसे भी भाजपा के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत होने के अलावा तीन निर्दलीय विधायकों का भी भाजपा सरकार को समर्थन हासिल है। राज्यसभा का यह उपचुनाव भाजपा के सांसद रहे कृष्णलाल पंवार द्वारा अपने पद से त्यागपत्र दिए जाने के कारण हो रहा है। कृष्णलाल पंवार प्रदेश में कई बार विधायक रहे और 2014 से 2019 तक वह मनोहर लाल खट्टर सरकार में परिवहन मंत्री रहे थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह चुनाव हार गए। तब उन्हें भाजपा की ओर से राज्यसभा में भेजा गया था। कृष्णलाल पंवार की गिनती हरियाणा के वरिष्ठ दलित नेता के तौर पर होती है। भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव में कृष्णलाल पंवार को राज्यसभा सांसद रहते हुए भी मैदान में उतारा था। वह इसराना से विधायक चुने गए और नायब सिंह सैनी सरकार में वह पंचायत एवं विकास मंत्री हैं। उन्होंने विधायक बनते ही राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। अब इसी खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव होने जा रहा है।
6वीं महिला राज्यसभा सांसद
भाजपा के किसी भी नेता अथवा प्रदेश के लोगों ने रेखा शर्मा के राज्यसभा उम्मीदवार बनने को लेकर कोई अनुमान नहीं लगाया था। रेखा शर्मा भाजपा की पुरानी व कर्मठ कार्यकर्त्ता हैं और 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद वह लंबे समय तक राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रही थीं। इस सीट के लिए भाजपा के अनेक बड़े नेता आस लगाए हुए थे। नामांकन पत्र वापस लेने के अंतिम दिन राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामित किए गए निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार मीणा द्वारा रेखा शर्मा को निर्विरोध निर्वाचित घोषित करते ही उन्हें चुनाव प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएगा। हरियाणा से राज्यसभा सांसद बनने वाली रेखा शर्मा छठी महिला होंगी। इससे पहले अप्रैल 1990 में भाजपा की ओर से सुषमा स्वराज और चौधरी देवीलाल व ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी की ओर से श्रीमती विद्या बैनीवाल राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुई थीं और दोनों ने 6 साल तक अपना कार्यकाल पूरा किया था। उसके बाद 2002 में इनेलो ने पूर्व मंत्री व प्रमुख पंजाबी नेता ओम प्रकाश महाजन की पत्नी श्रीमती सुमित्रा महाजन को राज्यसभा में भेजा था। हालांकि वह 6 साल के लिए राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुई थीं लेकिन उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनका निधन हो गया और वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं। 2014 में कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा को 6 वर्ष के लिए राज्यसभा में भेजा और उन्हाेंने बतौर राज्यसभा सांसद अपना कार्यकाल पूरा किया। इस समय वह सिरसा से लोकसभा सांसद हैं। इसी साल जून महीने में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बंसीलाल की पुत्रवधु पूर्व मंत्री श्रीमती किरण चौधरी अगस्त 2024 में हरियाणा की एक राज्यसभा सीट के हुए उपचुनाव में सांसद चुनी जा चुकी हैं। वह रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा द्वारा लोकसभा सांसद बनने के बाद राज्यसभा सीट से त्याग-पत्र दिए जाने के कारण खाली हुई सीट से सांसद बनी थीं। इसके बाद अब रेखा शर्मा हरियाणा से छठी महिला नेता होंगी, जो राज्यसभा सांसद बनने जा रही हैं।
कुलदीप बिश्नोई को लगा झटका
हरियाणा से राज्यसभा सांसद बनने के लिए जिन नेताओं के नाम चर्चा में थे, वे सभी रेखा शर्मा का नाम सामने आने के बाद निराश बताए जा रहे हैं। जो लोग राज्यसभा सांसद बनना चाहते थे, उनमें सबसे बड़ा झटका पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को लगा है। भजनलाल का परिवार लगातार 56 सालों तक आदमपुर से विधायक बनता रहा है। इसके अलावा भजनलाल फरीदाबाद, करनाल व हिसार से सांसद रहे थे और उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई भिवानी व हिसार से सांसद रह चुके हैं।
भजनलाल का परिवार हांसी से भी विधायक रह चुका है। भजनलाल के बड़े बेटे व पूर्व उप-मुख्यमंत्री चंद्रमोहन इस समय पंचकूला से कांग्रेस विधायक हैं जबकि कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई इस बार आदमपुर से चुनाव हार गए। कुलदीप बिश्नोई को उम्मीद थी कि जिस तरह से श्रीमती किरण चौधरी को भाजपा ने राज्यसभा में भिजवाने के साथ-साथ उनकी बेटी श्रुति चौधरी को भी हरियाणा में कैबिनेट मंत्री बनाया है, उसी तरह भाजपा उन्हें (कुलदीप बिश्नोई को) राज्यसभा भेजने का काम करेगी ताकि उनकी राजनीति चलती रह सके। उन्होंने राज्यसभा सीट पाने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के पास भी कई चक्कर काटे थे, लेकिन भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई को घास नहीं डाला और पार्टी की महिला नेत्री रेखा शर्मा को राज्यसभा भिजवाने का निर्णय लिया।