नया साल मुबारक
आई नई बहार चमन में महक रहे हैं फूल, मुबारक साल नया।
रौशन हो हर प्यारा मुखड़ा पड़े न ़गम की धूल, मुबारक साल नया।
कैसी शाम सुहानी आई, कैसी रात उजाली।
सब की आंख में तारे चमके हर मुखड़े पे लाली।
हम को भी अपनों में समझो हमें न जाना भूल। मुबारक साल नया।
हर साल आये यह शुभ दिन हर साल मनायें खुशियां।
जश्न-ए-बहारां हर दिन हो हर रोज़ खिलें यह कलियां।
स़ाफ है अब जीवन का रास्ता दूर हो गये शूल। मुबारक साल नया।
़खशी छलकती है बातों से शम्मअ है दिल की रौशन।
़खुशबू लेकर पुरवा आई महक गया हर आंगन।
यह कविता भी है इक तोह़फा कर लो इसे कबूल। मुबारक साल नया।
मो. 94170-91668
#नया साल मुबारक