क्या दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव अगले वर्ष समय पर होंगे ?
दिल्ली सिख गुरुद्वारा एक्ट 1971 के अधीन गठित दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मुख्य उदेश्य दिल्ली के गुरुद्वारों एवं इनकी सम्पत्तियों की देख-रेख करना है। 200 करोड़ से अधिक की वार्षिक आय वाली दिल्ली कमेटी मौजूदा समय में दिल्ली के ऐतिहासिक तथा अन्य गुरुद्वारों के अतिरिक्त कई स्कूलों, कालेजों, पोलीटैक्निक, तकनीकी तथा प्रबंधन संस्थानों, अस्पतालों, चिकित्सा केन्द्रों तथा बुजुर्ग आश्रम का प्रबंध एंव देख-रेख कर रही है। यह कमेटी पहली बार 28 अप्रैल, 1975 को अस्तित्व में आयी थी। हालांकि दिल्ली सरकार पर यह चुनाव हर 4 साल के बाद करवाने की जिम्मेवारी है परन्तु साल 1975 के बाद यह चुनाव 28 अक्तूबर 1979, 9 जुलाई 1995 (लगभग 16 साल बाद), 30 जून 2002, 14 फरवरी 2007, 27 जनवरी 2013, 26 फरवरी 2017 तथा 22 अगस्त 2021 को करवाये गये थे। गत 2021 के गुरुद्वारा चुनाव के बाद कार्यकारी बोर्ड का गठन काफी जद्दोजहद के बाद 22 जनवरी 2022 को हुआ था। इस लिए दिल्ली गुरुद्वारा एक्ट के अनुसार आगामी चुनाव 22 जनवरी 2026 तक होने लाज़िमी हैं। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी में 46 वार्डो से चुने 46 सदस्यों तथा 9 नामज़द किये सदस्यों सहित 55 सदस्य होते हैं, हालांकि नामज़द किये 4 तख्तों के जत्थेदार साहिबान को वोट देने का अधिकार नहीं होता है। उल्लेखनीय है कि तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो पंजाब को 5वें तख्त के तौर पर दिल्ली गुरुद्वारा एक्ट में शामिल करने का मामला केन्द्र सरकार के पास सालों से लंबित है, जबकि इसकी मंजूरी दिल्ली विधानसभा ने पहले ही दे रखी है। यह गंभीर चिन्ताजनक बात है कि इन चुनावों के लिये नई मतदाता-सूचियां 42 साल पूर्व 1983 में तैयार की गयी थीं, परन्तु समय-समय पर जारी अदालती आदेशों के बाद भी अब तक गत 6 चुनाव पुरानी मतदाता-सूचियों में संशोधन करके ही करवाये गये हैं।
अगर साल 2021 के दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव की बात की जाये तो उस समय मतदाता सूचियों में संशोधन के दौरान 92 हजार सिख वोटरों को मतदाता सूचियों से हटाया गया था, वहीं केवल 48 हजार नये सिख वोटर ही शामिल किये गये थे। इस प्रकार साल 2017 में 3 लाख 86 हजार सिख वोटरों के मुकाबले साल 2021 के चुनावों में लगभग 3 लाख 42 हजार वोटर थे जिनमें से केवल 37 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट हक का इस्तेमाल किया था। साल 2021 के गुरुद्वारा चुनावों में 7 पार्टियों को सुरक्षित चुनाव चिन्ह दिये गये थे, जिन्होंने 180 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे तथा 22 चुनाव चिन्ह 130 निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा इस्तेमाल किये गये थे। इन चुनावों में बादल गुट को 27 तथा परमजीत सिंह सरना तथा उनकी सहयोगी पार्टियों के 19 प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई थी। 130 निर्दलीय प्रत्याशियों जिन में से सब ने मिलकर पूरी दिल्ली में कुल 2160 वोट हासिल किये थे, में से 129 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी। इसके अतिरिक्त 3 सुरक्षित चुनाव चिन्ह वाली पार्टियों अर्थात पंथक सेवा दल को 1 प्रतिशत, सिख सद्भावना दल को 3 प्रतिशत तथा पंथक अकाली लहर को 2 प्रतिशत मत हासिल होने के कारण इन पार्टियों की मान्यता रद्द हो गयी थी। इन चुनावों में बादल गुट को 53 हजार वोट-27 प्रत्याशी विजयी, सरना पार्टी को 36 हजार वोट-14 प्रत्याशी विजयी, मनजीत सिंह की जागो पार्टी को 21 हजार वोट- 3 प्रत्याशी विजयी तथा पंथक अकाली लहर को 4 हजार वोट- 1 प्रत्याशी विजयी हुआ था, जबकि केवल एक निर्दलीय प्रत्याशी को जीत प्राप्त हुई थी। 22 जनवरी 2022 को नई कार्यकारिणी का गठन होने के तुरन्त बाद दिल्ली की सिख राजनीति में एक नया मोड़ आया जब शिरोमणि अकाली दल के 30 विजयी सदस्यों ने सुखबीर सिंह बादल गुट से किनारा करके ‘शिरोमणि अकाली दल दिल्ली स्टेट’ के बैनर तले बनी नई पार्टी का दामन थाम लिया था। मामला यहीं पर ही नहीं रुका क्योंकि बादल दल का सालों से विरोध करने वाले परमजीत सिंह सरना तथा मनजीत सिंह जी.के. ने अपनी पार्टी का अस्तित्व समाप्त करके सुखबीर सिंह बादल के अकाली दल में शामिल होने में जरा भी देर नही लगायी।
यह दिल्ली सरकार एवं दिल्ली के माननीय उप-राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में है कि आगामी दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव अपने निर्धारित समय जनवरी 2026 में करवाये जाते हैं अथवा इनको अनिश्चित समय के लिये टाला जाता है। परन्तु इस बात की सख्त आवश्यकता है कि आगामी चुनावों से पूर्व 42 साल पुरानी मतदाता सूचियों को दरकिनार करके नई सूचियां तथा इसके आधार पर सभी 46 गुरुद्वारा वार्डों की पुन: हदबंदी करवाई जाये। हालांकि इस संबंधी ‘दशमेश सेवा सोसायटी (रजि.) द्वारा साल 2011 से अब तक दिल्ली सरकार को समय-समय पर पत्र भेजने के अतिरिक्त माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों द्वारा आगाह किया जा रहा है। अब यह देखना होगा कि दिल्ली सरकार आगामी दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव नई हदबंदी तथा नई मतदाता सूचियों के आधार पर करवायेगी अथवा समय की कमी का पुराना राग अलाप कर पुरानी मतदाता सूचियों का इस्तेमाल करके अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास करेगी।
-पूर्व सदस्य, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव मामलों के जानकार
मो. 9971564801