अभी भी नहीं मिला विपक्ष का नेता

कांग्रेस के गुजरात अधिवेशन के बाद भी अभी तक हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष के बारे में कांग्रेस आलाकमान कोई फैसला नहीं कर पाई है। हरियाणा कांग्रेस के लिए नए प्रभारी बीके हरिप्रसाद भी मोर्चा संभाल चुके हैं और कांग्रेस नेताओं व सांसदों और विधायकों की बैठकें भी कर रहे हैं। हरियाणा में कांग्रेस पार्टी पिछले 11 सालों से अपने संगठन का गठन भी नहीं कर पाई है। इसी के चलते पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी।
 प्रदेश विधानसभा के दो महत्वपूर्ण सत्र निकल जाने के बाद भी अभी तक कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। नेता प्रतिपक्ष की गैर-हाजिरी में कांग्रेस की विधानसभा में भूमिका भी बेहद कमजोर रही है। कांग्रेस के ज्यादातर विधायक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक हैं और वे भूपेंद्र हुड्डा को ही नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के पक्षधर हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस आलाकमान भूपेंद्र हुड्डा के स्थान पर किसी अन्य कांग्रेसी नेता को प्रदेश कांग्रेस की कमान देना चाहता है। इसी बात को लेकर मामला अटका हुआ है और नेता प्रतिपक्ष के नाम का निर्णय नहीं हो पा रहा है। अब देखने वाली यह है कि हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता के लिए किसकी लॉटरी निकलती है और कब यह मुहूर्त निकलेगा, यह तो समय बताएगा लेकिन फिलहाल सभी की नजरें इस ओर लगी हुई हैं।
विनेश फौगाट को भाजपा सरकार देगी 4 करोड़ और प्लॉट 
हरियाणा की महिला पहलवान और कांग्रेस विधायक विनेश फौगाट को प्रदेश की भाजपा सरकार 4 करोड़ रुपए और प्लॉट देने के लिए तैयार हो गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विनेश फौगाट को 4 करोड़ नकद व प्लॉट देने के लिए फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। विनेश फौगाट को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की तरफ से प्लॉट दिया जाएगा। विनेश फौगाट पैरिस ओलम्पिक में पदक जीतने से उस समय चूक गई थीं जब मुकाबले से पहले उनका भार 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और उन्हें मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। उस समय विनेश फौगाट के साथ जो हुआ, उसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी हुईं और विवाद भी खड़े हुए। उस समय इस मामले में पूरे देश में विनेश के प्रति विशेष हमदर्दी देखने को मिली थी। 
उसी दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि विनेश फौगाट हरियाणा की बेटी हैं और उनकी उपलब्धि को ओलम्पिक रजत पदक विजेता बराबर माना जाएगा। जो पुरस्कार रजत पदक विजेता को दिया जाता है, वह सारा सम्मान विनेश को दिया जाएगा। ओलम्पिक मुकाबलों के बाद विनेश जब भारत लौटीं तो विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं। कांग्रेस ने विनेश को जुलाना विधानसभा क्षेत्र से टिकट दे दिया। चुनाव में विनेश जीत गईं और इस समय जुलाना से कांग्रेस विधायक हैं। पिछले विधानसभा के बजट सत्र में विनेश ने नायब सिंह सैनी को उनका वायदा याद दिलाया था लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इस बारे में कुछ नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने वायदे के अनुसार विनेश को ओलम्पिक रजत पदक विजेता खिलाड़ी के बराबर सम्मान देंगे। हालांकि यह मामला सरकार की खेल नीति के अंतर्गत नहीं आता था, इसके बावजूद खेल विभाग ने विनेश से यह पूछा कि खेल नीति के अनुसार उन्हें जो सम्मान दिया जा सकता है, उसमें 4 करोड़ रुपए और शहरी विकास प्राधिकरण के प्लॉट के अलावा सरकारी नौकरी भी दी जा सकती है। लेकिन विनेश जो इस समय कांग्रेस की विधायक हैं उसने सरकारी नौकरी की बजाय 4 करोड़ और प्लॉट लेने के लिए हामी भर दी। इसके बाद मंत्रिमंडल ने विनेश के केस को विशेष मामला मानते हुए यह पुरस्कार देने का फैसला किया। नायब सिंह सैनी सरकार की इस बात के लिए भी तारीफ हो रही है कि विनेश फौगाट कांग्रेस पार्टी की विधायक होने के बावजूद भाजपा सरकार ने विनेश से किया अपना वायदा निभाया है। 
कांग्रेस को मिलेगा नया अध्यक्ष
नेता प्रतिपक्ष का नाम फाईनल होने के बाद ही हरियाणा के नए कांग्रेस अध्यक्ष का नाम भी तय होगा। नया कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए जातीय समीकरणों का भी ख्याल रखना पड़ेगा। जब तक नेता प्रतिपक्ष तय नही होता, तब तक नया प्रदेश अध्यक्ष भी तय नहीं होगा। इस समय उदयभान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और उनकी गिनती हुड्डा समर्थकों में होती है। उदयभान पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान खुद अपना चुनाव हार गए थे और अभी तक पार्टी संगठन भी खड़ा नहीं कर पाए। इसी के चलते उदयभान के स्थान पर नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कई संभावित नामों को लेकर चर्चा हो रही है।
गोकुल के बगावती तेवर
सिरसा से कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया इन दिनों पार्टी से नाराज नजर आ रहे हैं। वह एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी की खुलेआम आलोचना करते नजर आते हैं, वहीं वह न सिर्फ मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए नजर आ जाते हैं बल्कि भाजपा के मंचों पर भी अकसर देखे जाते हैं। गोकुल सेतिया पहली बार विधायक बने हैं और उनकी गिनती युवा विधायकों में होती है। 2019 के चुनाव में गोकुल सेतिया ने सिरसा से निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा था और गोपाल कांडा के मुकाबले मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। 2024 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें कांग्रेस की टिकट भी मिल गई। कांग्रेस टिकट मिलते ही गोपाल कांडा को हराकर गोकुल सेतिया चुनाव जीत गए। 2024 में माना जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आ सकती है। 
कांग्रेस सत्ता से चूक गई और भाजपा ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बना कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। गोकुल सेतिया के नाना पूर्व मंत्री लक्ष्मण दास अरोड़ा हरियाणा के एक लोकप्रिय पंजाबी नेता रहे हैं और वह सिरसा से कई बार विधायक चुने गए और मंत्री भी रहे। अब गोकुल सेतिया का कांग्रेस की आलोचना करना और भाजपा के मंचों पर मुख्यमंत्री की तारीफ करने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इससे जहां कांग्रेस पार्टी की फजीहत हो रही है, वहीं भाजपा नेता काफी खुश नजर आ रहे हैं। 
बालिका पंचायत का गठन
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव बरसीन में बालिका पंचायत का गठन किया गया है। यह प्रदेश में पहली बालिका पंचायत है और इसका गठन एक पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर किया गया है। बालिका पंचायत का गठन उचित मतदान के माध्यम से किया गया, जिसमें 11 से 21 साल तक की बेटियों ने चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेकर अपनी जीत दर्ज की। जिला की उपायुक्त मनदीप कौर ने मुख्यातिथि के तौर पर कार्यक्रम में शिरकत की और बालिका पंचायत के नवनिर्वाचित सरपंच और पंच सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए। फतेहाबाद जिले में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर गठित की गई इस बालिका पंचायत के बाद जिले के प्रत्येक गांव में बालिका पंचायत का गठन किया जाएगा जो बेटियों के हित में काम करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान और लिंग समानता है। यह बालिका पंचायत बेटियों व महिलाओं को उनके अधिकारों बारे जागरूक करेगी और इन्हें महिलाओं के विरुद्ध अपराधों बारे जागरूक करना, कौशल व सैनिटेशन के बारे में भी और इसकी प्राथमिकता होगा। 
बालिका पंचायत के पास संवैधानिक और वित्तीय शक्तियां नही होेंगी, लेकिन ये ग्राम सभा में भाग ले सकेंगी और अपना सुझाव देंगी। बालिका पंचायत शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वच्छता और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर काम करेगी व ग्राम पंचायत के साथ तालमेल में काम करते हुए उनकी बैठकों में हिस्सा लेगी। बालिका पंचायत के सदस्यों को शासन, नेतृत्व और सामाजिक मुद्दों पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

मो.-9855465946
 

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