एक और घिनौना अमानवीय कृत्य

कश्मीर में पहलगाम के निकट जिस तरह पर्यटकों पर आतंकवादियों द्वारा हमला किया गया और दो दर्जन से अधिक लोगों को चुन-चुन कर गोलियों से भून दिया गया, उसने जहां देश में एक बार फिर बेहद शोक की लहर पैदा कर दी है, वहीं विश्व भर ने किए गए इस भयानक कृत्य की कड़ी आलोचना की है। भारत के लिए एक बार फिर पाकिस्तान ने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। दशकों से पाकिस्तान में वहां के सैन्य शासन द्वारा खड़े किए गए संगठन भारत विरुद्ध के विरुद्ध ज़हर उगलते आ रहे हैं, उन्हें वहां पूरी सुरक्षा और प्रत्येक तरह के हथियारों का प्रशिक्षण और सप्लाई भी दी जाती है। वहां पोषित किए जाते ये आतंकवादी संगठन लगातार भारत को रक्त-रंजित करते आ रहे हैं।
समय-समय पर वहां निर्वाचित सरकारें भी बनती रही हैं। वे भारत के साथ दोस्ती और सहयोग के लिए हाथ मिलाने का यत्न भी करती रही हैं, परन्तु वर्ष 1947 में अस्तित्व में आने के बाद पाकिस्तान पर लगातार वहां की सेना का ही प्रभाव और दबाव बना रहा है। निर्वाचित सरकारें भी सेना द्वारा तय किए गए एजेंडे के अनुसार ही चलती रही हैं। इसी कारण भारत और पाकिस्तान की निर्वाचित सरकारों द्वारा समय-समय पर आपसी सहयोग बढ़ाने के किए गए यत्न बुरी तरह विफल होते रहे हैं। आज पाकिस्तान जिस हालत में विचरण कर रहा है उससे पूरी दुनिया अवगत है। आर्थिक रूप से वह दीवालिया हो चुका है। विश्व भर के आतंकवादी संगठनों का यहां जमावड़ा हो चुका है। यहां तक कि अपने पड़ोसी अ़फगानिस्तान में इसने पूरी सहायता करके जिस तालिबान का वहां कब्ज़ा करवाया है, वे आज इसके दुश्मन बने दिखाई देते हैं। उनकी सहायता से पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान नामक संगठन बन गया है, जो पाकिस्तान की सरकार के विरुद्ध है और वहां उसने लगातार हिंसक गतिविधियों से सरकार के नाक में दम करके रखा है। पाकिस्तान की सेना को भी वह भारी चुनौती दे रहा है। देश के सबसे बड़े क्षेत्रफल वाले प्रांत बलोचिस्तान में जिस तरह का हिंसक विद्रोह फैल चुका है और प्रांत से बाहरी लोगों को वहां जैसे मारा जा रहा है, उस स्थिति ने पाकिस्तान की अखंडता के लिए ही एक बड़ा ़खतरा पैदा कर दिया है। अ़फगानिस्तान के साथ लगते एक और प्रांत ़खैबर प़ख्तूनख्वा में भी इसके विरुद्ध लगातार विद्रोह फैल रहा है। यहां के ज्यादातर ब़ागी अ़फगानिस्तान में जाकर इसके विरुद्ध हिंसक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त लाखों ही अ़फगान शरणार्थियों को ज़बरन देश से निकालने के कारण पैदा हुए विद्रोह और रोष के कारण भी इसके सिर पर एक और ़खतरा मंडराने लगा है। चीन की सहायता से गवादर बंदरगाहों जैसे शुरू किए गए अरबों-खरबों के प्रोजैक्ट भी अधर में लटके दिखाई दे रहे हैं, ऐसी स्थिति में वहां की सेना में और बौखहालट पैदा हो चुकी है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में लगातार सुधर रहे हालात के कारण भी पाकिस्तान की बौखहालट और बढ़ी हुई दिखाई देती है। जिसका प्रमाण विगत दिवस वहां के सैन्य प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बयान से भी मिल जाता है। इस्लामाबाद में एक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए जनरल ने कहा था कि हिन्दू और मुसलमान कभी एक नहीं हो सकते। हम हमेशा से एक नहीं, दो राष्ट्र हैं। हमारा धर्म, हमारे रीति-रिवाज़, हमारी परम्पराएं और हमारी सोच सब कुछ हिन्दुओं से अलग है। कश्मीर हमारी गले की नस है, जिसे कभी भी कोई हमसे अलग नहीं कर सकता। जनरल ने यह भी कहा कि हमारे लोगों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी बार-बार अपने लोगों को यह समझाना पड़ेगा कि हिन्दू और मुसलमान कभी एक नहीं हो सकते। यदि एक देश का सेना प्रमुख ऐसी संकीर्ण सोच और धमकियों पर उतर आए तो इससे उस देश में पोषित हो रहे दर्जनों ही आतंकवादी संगठनों को उत्साह मिलना स्वाभाविक है।
पहलगाम में हुई भयानक गोलीबारी की घटना पाकिस्तान की सेना और आतंकवादियों की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है। देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस भयानक घटनाक्रम की कड़ी आलोचना की है। इस घटना से पाकिस्तान की भारत में धर्म के आधार पर विभाजित करने की नीति भी स्पष्ट हुई है। इसलिए इन आतंकवादियों ने एक समुदाय की पहचान निश्चित करके पर्यटकों को अपना निशाना बनाया है, परन्तु इसके साथ यह भी देखने वाली बात है कि कश्मीर घाटी में भी आतंकवादियों के इस कारनामे के विरुद्ध हज़ारों ही कश्मीरी सड़कों पर आकर प्रदर्शन करने लगे हैं। वहां कैंडल मार्च भी निकाला गया, हिन्दुस्तान के साथ खड़े होने की पूरी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की गई है, जो पाकिस्तान के लिए एक और सबक और नमोशीजनक बात कही जा सकती है। इस घटना से पहले कश्मीर के लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले लाखों पर्यटकों के प्रति अपना लगाव और उत्साह व्यक्त करते रहे हैं, जिसका वहां के लोगों की आर्थिकता पर भी अच्छा प्रभाव पड़ा है। नि:संदेह यह ताज़ा हिंसक घटना भारत के लिए एक ऐसी बड़ी चुनौती है, जिसका देर या सवेर जवाब देश को देना ही पड़ेगा।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द 

#एक और घिनौना अमानवीय कृत्य