ऑपरेशन सिंदूर सफल, न्याय हो गया, जय हिन्द !

बुधवार (7 मई 2025) की सुबह 1:44 बजे से कुछ पहले भारतीय सेना ने एक्स पर पोस्ट किया- ‘स्ट्राइक के लिए तैयार। जीत के लिए प्रशिक्षित।’ और इसके बाद पाकिस्तान व पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के 9 ठिकाने धुआं धुआं हो गये, जिनमें वह 2 ठिकाने भी थे, जो बालाकोट एयर स्ट्राइक (फरवरी 2019) के दौरान छूट गये थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस सफल ऑपरेशन सिंदूर, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रातभर की निगरानी में अंजाम दिया गया, में लगभग 90 आतंकी ढेर हुए। सैन्य स्ट्राइक की पुष्टि के बाद भारतीय सेना ने एक्स पर पोस्ट किया- ‘न्याय हो गया। जय हिन्द!’ आतंकियों व उनके आका (पाकिस्तान) को सबक सिखाने वाली इस कामयाब स्ट्राइक, जिसकी आवश्यकता भी थी व भारतीयों को शिद्दत से प्रतीक्षा भी, का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एकदम सही रखा गया; क्योंकि यह उन 26 महिलाओं की उजड़ी मांगों का बदला था, जिनके निर्दोष पतियों की सीमा पार से आये आतंकियों ने 22 अप्रैल 2025 को नाम पूछकर हत्या कर दी थी, जब वह पहलगाम में पर्यटन के इरादे से थे। 
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने जिन 9 आतंकी अड्डों को अपना निशाना बनाया वह हैं- 1, बहावलपुर में जेईएम का मुख्यालय, जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किमी के फासले पर है। 2. सीमा से 30 किमी दूर संबा के सामने लश्कर का कैंप। 3. पूंछ-राजौरी में नियंत्रण रेखा से 35 किमी दूर गुलपुर। 4. सवाई में लश्कर का कैंप जो पीओके के तंगधार सेक्टर में 30 किमी के फासले पर है। 5. जेईएम का लांचपैड- बिलाल कैंप। 6. लश्कर का कोटली कैंप जो राजौरी के सामने नियंत्रण रेखा से 15 किमी दूर है। 7. राजौरी के सामने नियंत्रण रेखा से 10 किमी के फासले पर बरनाला कैंप। 8. जेईएम का सर्जल कैंप जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 8 किमी दूर संबा-कठुआ के सामने है। 9. सियालकोट के निकट, अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 15 किमी दूर मेह्मूना कैंप, जो हिज़बुल मुजाहीदीन का ट्रेनिंग कैंप है। यह सब ऐसी जगह हैं जहां आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है और वहां से हिंसक वारदातें करने के लिए भारत में भेजा जाता है। 
बहरहाल, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से दो महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं। क्या यह नवीनतम स्ट्राइक युद्ध में बदल जायेगी? दूसरा यह कि क्या इससे सीमा पार से आतंक निर्यात होना बंद हो जायेगा? पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत ने एयर स्ट्राइक तो अनेक बार डा. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी की थीं, गोकि उनको प्रचारित नहीं किया गया और अब से पहले नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ही दो बार एयर स्ट्राइक की जा चुकी हैं। लेकिन इनसे आतंक पर काबू नहीं पाया जा सका है। कज़र् में डूबे हुए पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को अतिरिक्त तंग करने की आवश्यकता है। भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार पर प्रतिबंध तो लगाया है, लेकिन ज़रूरत इस बात कि भी है कि पाकिस्तान के टेक्सटाइल व अन्य उद्योगों को अर्थहीन बनाया जाये, नई दिल्ली अरब देशों से अपने अच्छे संबंधों का फायदा उठाते हुए सुनिश्चित करे कि वह पाकिस्तान को बेलआउट न करें (जब तक वह आतंक का समर्थन करना बंद नहीं करता) और भारत अपने रक्षा व एफडीआई समझौतों में ‘पाकिस्तान को नहीं’ प्रावधान शामिल करे। जब तक पाकिस्तान की आर्थिक कमर नहीं तोड़ी जायेगी तब तक आतंक पर विराम नहीं लगेगा। 
भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर अब तक जितनी भी एयर स्ट्राइक की हैं, उनका विस्तार युद्ध में नहीं हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर में भी भारत ने यह ख्याल रखा है कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर कोई हमला न किया जाये, शायद इसलिए कि बात युद्ध तक न पहुंचे लेकिन जब गोलियां चलती हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं रहती है कि टकराव क्या रूप धारण कर लेगा या जो पहले नहीं हुआ वह आगे नहीं होने का। भारतीय एयर स्ट्राइक के बाद नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना ने सीज़फायर का उल्लंघन जारी रखते हुए गोलीबारी पहले से तेज़ कर दी है, जिसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है कि भारतीय वायु सेना ने भारतीय एयर स्पेस में रहते हुए अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार मुरीदके व बहावलपुर में और नियंत्रण रेखा के पार कोटली व मुज़फ्फराबाद (पीओके) में स्टैंड ऑ़फ हथियारों का प्रयोग करते हुए टारगेट्स पर हमला किया है। यह स्वीकार करते हुए कि इन स्ट्राइक्स में कुछ लोग हताहत हुए हैं, पाकिस्तान ने कहा है, ‘अपनी पसंद की जगह व समय के अनुसार पाकिस्तान उचित प्रतिक्रिया व्यक्त करने का अधिकार रखता है।’ ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपनी एयर स्पेस को साफ कर दिया। फ्लाइट राडार नक्शे अचानक साफ एयरस्पेस दिखा रहे हैं और अनेक फ्लाइट्स का रुख मोड़ दिया गया है। 
पाकिस्तान कोई ओछी हरकत न करे इसलिए भारत न सिर्फ पूरी तैयारी किये हुए है बल्कि वह समुद्र से हवा तक अपनी ताकत का प्रदर्शन भी कर रहा है। मसलन, ऑपरेशन सिंदूर के कुछ घंटे बाद ही भारतीय वायु सेना ने राजस्थान में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट बड़ी एयर कॉम्बैट एक्सरसाइज की, जिसमें फ्रंटलाइन फाइटर्स जैसे राफेल, मिराज 2000, सुखोई-30 एमकेआई आदि का प्रयोग किया गया। उत्तरी अरब सागर में भारतीय नौ सेना ने भी ड्रिल किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 7 मई, 2025 को सभी राज्यों में मोक ड्रिल का भी आयोजन किया गया ताकि ‘किसी भी हमले’ की स्थिति में नागरिकों को मालूम हो सके कि एयर रेड वार्निंग साईरन के बजने पर उन्हें अपनी सुरक्षा किस तरह से करनी है। बुधवार (7 मई, 2025) को पंजाब व जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूलों को बंद रखा गया। सिविल डिफेंस की तैयारी को बरकरार रखना विवेकपूर्ण है। 
एक अन्य महत्वपुर्ण घटनाक्रम में इस्लामाबाद का दौरा करने के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची बुधवार को नई दिल्ली पहुंचे, भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि से पहलगाम हमले के बाद भारतीय उपमहाद्वीप की तनावपूर्ण स्थिति पर चर्चा करने के लिए। ईरान, भारत व पाकिस्तान के बीच ‘आपसी वार्ता’ पर बल दे रहा है ताकि युद्ध को रोका जा सके। आगे क्या होगा? कुछ कहा नहीं जा सकता। स्थिति विस्फोटक है। मंगलवार (6 मई 2025) को भारत-पाकिस्तान की सेनाएं डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑ़फ मिलिट्री ऑपरेशंस) हॉटलाइन पर बात करती हैं और बुधवार (7 मई 2025) की सुबह पौ फटने से पहले ही ऑपरेशन सिंदूर सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया जाता है। 

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 
 

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