प्रभावशाली और सफल कार्रवाई
बुधवार प्रात: भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में 9 आतंकवादी केन्द्रों को निशाना बना कर नष्ट करने की बड़ी ही प्रभावशाली और सफल कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) और पश्चिम पंजाब में दशकों से अलग-अलग आतंकवादी संगठनों ने अपने पांव जमाये हुए हैं। तत्कालीन सरकारों और सेना द्वारा उनका संरक्षण करते हुए उन्हें आधुनिक हथियारों से प्रशिक्षण दिया जाता है। इन केन्द्रों पर बड़ी राशि खर्च की जाती रही है। इनका उद्देश्य भारत को रक्त-रंजित करना ही रहा है। पाकिस्तान में सैन्य तानाशाह ज़िया-उल-हक के सत्ता सम्भालने के बाद सैन्य प्रमुखों ने भारत के विरुद्ध ऐसी नीति धारण की थी।
जम्मू-कश्मीर में ही नहीं, पंजाब सहित देश के अन्य राज्यों में भी इन संगठनों ने अपना रक्तिम खेल जारी रखा हुआ है। यहां तक कि नई दिल्ली में भारत की संसद पर हमला करके भी इन्होंने देश की प्रभुसत्ता को चुनौती दी थी। लम्बी अवधि के दौरान भारत द्वारा कई बार इन संगठनों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाइयां भी की गईं परन्तु इस बार हुई कार्रवाई ने विश्व भर की आंखें ज़रूर खोल दी हैं। इसके साथ ही यह संदेश भी गया है कि भारत आगामी समय में ऐसी गतिविधियों को और बर्दाश्त नहीं करेगा। सेना की इस कार्रवाई द्वारा बेहद समुचित ढंग से मिसाइलों और सैंट्रल ग्रिड सिस्टम द्वारा आतंकवादियों के ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह किया गया है।
जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अज़हर और लश्कर-ए-तैयबा के नेता हाफिज़ सईद के ठिकानों को तबाह करके आतंकवादी संगठनों को एक बड़ी चुनौती दी गई है। इसके साथ ही कोटली आतंकवादी शिविर के कमांडर कारी मोहम्मद इकबाल और बिलाल संगठन के याकूब मुगल सहित 13 बड़े आतंकवादी कमांडरों के मारे जाने का समाचार भी सामने आया है। 9 आतंकवादी ठिकानें जिन्हें निशाना बनाया गया है, वे बहावलपुर, मुरीदके, कोटली, भिम्बर, गुलपुर, मुज़फ्फराबाद और सियालकोट आदि में स्थित थे। इस सफल कार्रवाई के संबंध में पाकिस्तान के लैफ्टीनैंट जनरल अहमद शऱीफ चौधरी ने इन हमलों में बहुत-से लोगों के मारे जाने और दर्जनों के घायल होने की पुष्टि की है। लैफ्. चौधरी ने यह भी कहा कि भारत द्वारा बहावलपुर के अहमदपुर में मरकज़ सुभान अल्लाह को निशाना बनाया गया, वहां 4 हमले किए गए और 31 पाकिस्तानी (आतंकवादी) मारे गए। उसने यह भी माना कि हमले में प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता मदरसा और एक मस्जिद पूरी तरह तबाह हो गई।
इसी ही तरह इन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की जाती मुज़फ्फराबाद की बिलाल मस्जिद को भी निशाना बनाया गया। कोटली स्थित प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल की जाती मस्जिद को निशाना बनाने के लिए 5 हमले किए गए, मुरीदके में 4 हमले और सियालकोट ज़िले के कोटली लुहारां गांव में 2 हमले हुए। मौलाना मसूद अज़हर लम्बी अवधि से जैश-ए-मोहम्मद का नेता रहा है। उस पर पुलवामा घटनाक्रम का साजिशकर्ता होने का आरोप भी लगता रहा है। हाफिज़ सईद को मुम्बई हमलों का साजिशकर्ता भी माना जाता है। मसूद अज़हर ने इस हमले के बाद एक बयान में यह कहा है कि उसके परिवार के 10 सदस्य और चार और बेहद नज़दीकी इन हमलों का शिकार हुए हैं। विश्व भर में इन आतंकवादी ठिकानों पर हुए हमले की बड़ी चर्चा हुई है। चाहे पाकिस्तान के नेता आज भी आतंकवादियों के अपने ज़मीन पर अड्डे होने से इन्कार कर रहे हैं, परन्तु इस संबंध में पाकिस्तान पूरी तरह बेनकाब हो गया है तथा अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर भी अलग-थलग हो गया दिखाई देता है। वहां के प्रधानमंत्री शहबाज़ शऱीफ द्वारा पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् की बैठक के बाद सेना को भारत के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए अधिकार ज़रूर दिए गए हैं और भारत द्वारा हमले को युद्ध की कार्रवाई भी बताया गया है परन्तु दूसरी ओर रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आस़िफ ने भारत की कार्रवाई के बाद यह कहा है कि यदि भारत तनाव कम करता है तो पाकिस्तान भी ऐसा करने के लिए तैयार है। उसने यह भी कहा कि वह पिछले 2 सप्ताह से लगातार यह कह रहे हैं, कि हम कभी भी भारत के विरुद्ध कोई दुश्मनी वाली कार्रवाई नहीं करेंगे, चाहे दोनों देशों में इस समय तनाव बेहद बढ़ चुका है।
आगामी समय में यदि पाकिस्तानी सेना और इसके नेताओं को अपनी पिछली गलत नीतियों का अहसास होता है, तो यह घटनाक्रम कोई ऐसा सकारात्मक मोड़ भी अपना सकता है, जो कि बड़े यत्नों से मौजूदा तनाव को कम करने में सहायक हो सकता हो।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द