क्या दिल्ली के पास भी कोई हिल स्टेशन है ?

‘दीदी, कितनी ज्यादा गर्मी पड़ रही है।’
‘गर्मियों में गर्मी तो होगी ही, लेकिन इस बार अभी से कुछ अधिक ही गर्मी पड़ रही है।’ ‘काश! दिल्ली के पास भी कोई हिल स्टेशन होता, जहां ट्रेन से आसानी से पहुंचा जा सकता तो मज़ा आ जाता।’
‘अरे, दिल्ली के पास भी अनेक हिल स्टेशन हैं जहां ट्रेन से कुछ ही घंटों में पहुंचा जा सकता है।’
‘कौन कौन से?’
‘एक तो शिमला ही है, हिमाचल प्रदेश में। कालका से शिमला के लिए टॉय ट्रेन पकड़ो और देवदार के जंगलों, ब्रिटिश युग के आकर्षण, धुंधभरी सुबह और जीवंत माल रोड की ज़िंदगी का आनंद लो। ट्रेन के मामूली सफर की दूरी पर ही अनंतकाल से मौजूद पहाड़ हैं, उनकी ठंडक का मज़ा लो।’
‘इससे मुझे याद आया कि नैनीताल भी तो दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं है।’
‘दिल्ली से ट्रेन के ज़रिये काठगोदाम पहुंच जाओ और फिर वहां से नैनीताल जाकर झील में नौका यात्रा करो, माल रोड पर चहलकदमी करो और पहाड़ियों के ऊपर से प्राकृतिक नज़ारे देखो। यह तो परिवार के लिए ही नहीं बल्कि अकेले व्यक्ति के लिए भी शानदार हिल स्टेशन है। लेकिन मसूरी तो नैनीताल से भी कम दूरी पर है, दिल्ली से।’ ‘उसे तो मैं भूल ही गया था।’
‘दिल्ली से ट्रेन से देहरादून पहुंचो और फिर वहां से ड्राइव करते हुए मसूरी जाकर झरनों, आरामदायक कैफे, कोलोनियल बिल्डिंग्स और धुंधभरी वाक का आनंद लो। मसूरी की गर्मियां ऐसी हैं जैसे ठंड ने उन्हें गले 
लगा लिया हो, वहां तुम बार-बार जाना चाहोगे।’ ‘वैसे गर्मियों में हिल स्टेशनों पर बहुत भीड़ हो जाती है। कोई ऐसी जगह बताएं जहां सुकून हो और फोटोग्राफी करने का भी आनंद आ जाये।’  ‘ट्रेन से पठानकोट उतर जाओ और वहां से डलहौज़ी चले जाओ। वहां देवदार के पेड़ों से ढके हुए पहाड़ मिलेंगे और शांति व सुकून भी। पास में ही खज्जियार है जो इतना सुंदर है कि तुम्हें अपना कैमरा एक तरफ रखने का मन ही नहीं करेगा। वैसे इसी तरह का एक हिल स्टेशन हिमाचल प्रदेश में कसौली भी है।’ ‘हां, मैंने उसे फिल्म दिल चाहता है में देखा था।’
‘कालका से कसौली के लिए ड्राइव करना होगा। कसौली में शांत वन, शांत चर्च व हेरिटेज स्टे हैं। यहां लोग कम जाते हैं, लेकिन गर्मी से बचने की यह परफेक्ट जगह है, जो दिल्ली से अधिक दूर भी नहीं है।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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