भारतीय क्रिकेट टीम का सितारा शुभमन गिल

शुभमन गिल की कप्तानी भारत के लिए एक बहुत ही बुलंद हौसले और भविष्य को नई दिशा देने वाला कदम है। उसकी नौजवान पीढ़ी के लिए उच्च सोच, जोशीली खेल खेलने वाली शैली, रणनीतिक समझ उसको एक देश के लिए आशावादी सरदार बनाती है, लेकिन विदेशी मैदानों पर उसकी बल्लेबाज़ी और टेस्ट क्रिकेट की उलझनों को संभालने की कला उसकी वास्तविक परीक्षा होगी। इंग्लैड के खिलाफ न सिर्फ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरूआत होगी बल्कि गिल के कड़े नेतृत्व में अग्नि परीक्षा भी होगी जो उसके करियर पर सोने पर सुहागा साबित होगी और उसकी टीम के नौजवानों का जोश, सीनियर खिलाड़ियों के तजुर्बे के सुमेल, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 के लिए भारत को मज़बूत स्थिति में ले जा सकता है।
यदि शुभमन गिल के जीवन पर एक नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि शुभमन गिल की पृष्ठभूमि पंजाब के ज़िला फाज़िल्का से है और इसका जन्म एक सिख परिवार में 8 सितम्बर, 1999 को गांव जैमल सिंह वाला में पिता लखविंदर सिंह के घर हुआ जो पेशे से किसान थे और क्रिकेट में रूचि रखते थे और इसकी बड़ी बहन शहनील गिल ने भी छोटी आयु में ही क्रिकेट में दिलचस्पी दिखाई थी और पिता लखविंदर सिंह रोज़ाना उसकी 500 से 700 गेंदों के साथ प्रैक्टिस करवाते थे और इसी कारण पिता ने अपने पूरे परिवार को 2007 में मोहाली में पंजाब क्रिकेट स्टेडियम के निकट शिफ्ट कर दिया ताकि बच्चों को क्रिकेट की अच्छी कोचिंग दिलाई जा सके और क्रिकेट में उनका अच्छा भविष्य बनाया जा सके।
जब शुभमन गिल 12 साल का हुआ तो इसकी भी रूचि क्रिकेट की ओर थी और इसको करसन घावरी के अंडर 19 साल आल इंडिया पेस बालिंग कैंप के लिए नामांकन कर दिया गया और इसके बाद ही गिल ने पंजाब की अंडर 14 साल पीसीए टीम में जगह पक्की कर ली पर इसके बाद वह क्रिकेट की बुलंदियों को छूता चला गया। आज उसने भारतीय क्रिकेट टीम की कमान अपने हाथ में ले ली है जोकि पंजाब और देश के लिए सम्मान की बात है। शुभमन गिल को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है और गिल जो कि टी-20 एक दिवसीय में अपनी सफलता का झंडा लहरा चुका है, जब भी टेस्ट क्रिकेट में मुश्किल की घड़ी भारत पर आएगी और उसको पार लगाने की हिम्मत भी गिल अपने बलबूते पर रखता है। 
नया कप्तान होने के कारण यदि भारतीय खेल प्रेमियों के मनों में सवाल पैदा होता है कि गिल भारत के लिए एक शुभ और सफल कप्तान साबित होगा तो शुभमन गिल अपनी अच्छी खेल से इसको सफल और सूझवान कप्तान बनकर सिद्ध करने का यत्न करेगा। शुभमन गिल एक नौजवान जोश का सुमेल है और इसने अपने छोटे से करियर में भारतीय क्रिकेट मैदान में एक अलग पहचान बनाई है और इसने 2025 में गुजरात टाइम्ज़ को प्ले आ़फ वे तक ले जाने और पांच टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में भारत की कप्तानी संभालना उसके अच्छे नेतृत्व का सबूत है। गिल ने 25 टेस्टों में 1492 रन बनाए और इसमें 4 शतक और 6 अर्धशतक गिल की बल्लेबाज़ी की सफल बुनियाद है। परन्तु इसके साथ ही विदेशी पिचों के प्रदर्शन कई सवाल भी खड़े करता है और उसमें भी कप्तान ज़रूर सुधार करने के लिए यत्नशील होगा। गिल का शांत स्वभाव और खेल को सही नज़र से पढ़ने की रूचि उसकी बड़ी ताकत है। उसका सबूत उस समय ज़रूर मिलता है जब बीसीसीआई के साथ लम्बे समय से जुड़े हुए सांसद राजीव शुक्ला जो पूर्व आईपीएल चेयरमैन और इस समय बीसीसीआई के सर्वसम्मति के साथ चुने गये उप प्रधान हैं, की नज़र बहुत समय से शुभमन गिल पर टिकी हुई थी, उन्होंने गिल की तारीफ में ज़िक्र किया कि वह खेल की बारीकियों को समझने का गुर रखता है और खेल के दबाव में अपनी बुद्धि को शांत और एकाग्र रख कर काम करता है। कप्तान गिल की युवा आयु, टीम का अच्छा नेतृत्व करने की संभावना के कारण ही वह बीसीसीआई की पहली पसंद बना है और अब टेस्ट क्रिकेट के मैदान में खासतौर पर इंग्लैंड की स्विंग और भारी पिचों पर उसकी अग्नि परीक्षा होगी। राजीव शुक्ला का यह विचार है कि वह मंसूर अली खां पटौदी, सौरव गांगुली, एम.एस. धोनी और विराट कोहली जैसे महारथी की क्रिकेट की खेल विरासत को अच्छी तरह से संभाल कर रखेगा और भारत का नाम विश्वभर में रोशन करेगा। सभी भारत वासी उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। 
गिल का भारत में टेस्ट औसतन 45.20 है, लेकिन विदेशी पिचों पर उसकी औसतन सिर्फ 25.33 है। इसके अलावा जसप्रीत बुमराह, के.एल. राहुल और रविचंद्रन जैसे सीनियर खिलाड़ियों के साथ टीम का प्रबंध चुनौतीपूर्ण होगा और उनके समर्थन की इस समय सख्त ज़रूरत है। गिल की धमाकेदार बल्लेबाज़ी की शैली जो भारत में शानदार रही, वह विदेशी पिचों पर अब हावी हो सकती है, परन्तु उसमें गिल को और तकनीकी सुधार लाने की ज़रूरत है और उसकी बढ़िया सोच भारत को टेस्ट क्रिकेट में नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है। 20 जून से शुरू होने वाली इंग्लैंड सीरीज़ न सिर्फ उनकी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की शुरूआत होगी, बल्कि यह शुभमन गिल की अपनी टीम की योग्य अगुवाई करने की ताकत को साबित करने के लिए एक अच्छा मौका भी होगा। इंग्लैंड के खिलाफ आने वाले 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ (20 जून, 2025) से शुरू हो रही है। इसलिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुभमन गिल को नया कप्तान बनाया है जिसके कंधों पर यह बड़ी ज़िम्मेदारी है कि वह कोहली, रोहित जैसे दिग्गज़ भारतीय क्रिकेटरों की विरासत को आगे बढ़ा सके। इस समय देश वासियों को शुभमन गिल से बहुत बड़ी उम्मीदें हैं।
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