तैरती मछली
बच्चो! यह तो आपको मालूम है कि मछली जल की रानी है यानी वह पानी में रहती है और तैरती भी है। लेकिन आज मैं जिस प्रयोग के बारे में आपको बताने जा रहा हूं उसमें हम असली मछलियों का इस्तेमाल नहीं करेंगे बल्कि मछलियों का स्कैच बनाकर उसे पानी में स्विम करायेंगे और ऐसा लगेगा जैसे मछलियां तैर रही हों। इस प्रयोग से आप सोलुबिलिटी (किसी चीज़ का दूसरे पदार्थ में घुलना) और डेंसिटी (घनत्व) के बारे में भी जानेंगे।
अब सबसे पहले यह करना है कि एक ग्लास प्लेट या ट्रे लें। उस पर ड्राई-इरेज़ मार्कर से मछलियों की आउटलाइन बना दें। अपनी ड्राइंग को एक बार फिर से मार्कर फेरें यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी लकीरें आपस में जुड़ी हुई हैं। एक या दो मिनट तक इस ड्राइंग को सूखने दें।
इसके बाद प्लेट या ट्रे को सादे पानी से भर दें। पानी भरते समय इस बात का ख्याल रखें कि पाइप प्लेट या ट्रे के एक कोने में बस थोड़ा सा ही अंदर को हो। पानी को बहुत धीरे-धीरे भरना है और वह भी केवल इतना कि पूरा तला कवर हो जाये। इस बात का ख्याल रखें कि पानी सीधा आपकी ड्राइंग पर न पड़े या उसके पास उसकी छींटें न पड़ें। पानी आखिरकार आपकी ड्राइंग तक पहुंच जायेगा और उसे ढक भी देगा। देखो क्या होता है। अगर पानी छपाक से पहुंचता है या पहली कोशिश में बात नहीं बनती है तो प्लेट या ट्रे को खाली कर दें, ड्राइंग को मिटा दें, पेपर तौलिये से, प्लेट या ट्रे को सुखा लें और फिर से कोशिश करें।
बहरहाल, अगर पहली कोशिश (या उसके बाद के प्रयास में) बात बन गई है तो प्लेट या ट्रे को एक तरफ से दूसरी तरफ टिल्ट करें यानी झुकाएं। क्या होता है? उसे नोट कर लें।
ड्राई-इरेज़ मार्कर में इंक या रोशनाई को इस तरह से इंजिनियर किया जाता है कि वह स्लिप करे यानी फिसले। यह ऐसे केमिकल (रसायन) से बनी होती है जो आसानी से सतह से उखड़ जाता है। ध्यान रहे कि परमानेंट मार्कर ऐसे केमिकल से बने होते हैं, जिससे इंक सतह से चिपक जाती है। इसलिए अपने प्रयोग में परमानेंट मार्कर का इस्तेमाल न करें बल्कि ड्राई-इरेज़ मार्कर का ही इस्तेमाल करें।
चूंकि जिस इंक से आपने अपनी ड्राइंग बनायी है वह सतह पर चिपकी नहीं रहती, इसलिए आपकी मछलियां पानी में तैरने लगती हैं। इसके दो प्रमुख कारण हैं-
1. ड्राई-इरेज़ मार्कर की इंक घुलती नहीं है, जिसका अर्थ है कि वह पानी में घुलने की नहीं है।
2. ड्राई-इरेज़ मार्कर की इंक पानी से कम घनी होती है यानी उसका घनत्व पानी से कम होता है। इसलिए वह बोयएंट हो जाती है, जिसका अर्थ है वह तैरने लगती है। जब आप प्लेट या ट्रे को टिल्ट करते हैं तो मछलियां पानी की सतह पर तैरने लगती हैं। है न मज़ेदार प्रयोग?
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर