भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई आवारा कुत्तों के मुद्दे पर करेंगे पुनर्विचार 

नई दिल्ली, 13 अगस्त- भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने आज दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया। मुख्य न्यायाधीश ने यह टिप्पणी एक वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की।

याचिकाकर्ता ने न्यायालय के समक्ष कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की एक याचिका भी प्रस्तुत की, जिसमें दावा किया गया था कि पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम, 2001, जो आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को कम करने के लिए नियमित नसबंदी और टीकाकरण कार्यक्रमों को अनिवार्य बनाता है, का पालन नहीं किया जा रहा है।

11 अगस्त को, सर्वोच्च न्यायालय ने कुत्तों के काटने और रेबीज के मामलों को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर उच्च न्यायालय को दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने 8 सप्ताह के भीतर सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से हटाकर आश्रय गृहों में भेजने का आदेश दिया था। न्यायालय ने इस कार्य में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई व्यक्ति या संस्था बाधा डालती है, तो मानहानि का मुकदमा चलाया जा सकता है। कोर्ट ने पशु और कुत्ता प्रेमियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या वे रेबीज़ से पीड़ित बच्चों को वापस ला पाएंगे? बच्चों को किसी भी कीमत पर रेबीज़ नहीं होना चाहिए।
 

#भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई आवारा कुत्तों के मुद्दे पर करेंगे पुनर्विचार