हिमाचल सरकार रेल परियोजनाओं के निर्माण में प्रदान कर रही है पूर्ण सहयोग : मुकेश अग्निहोत्री
शिमला, 13 अगस्त (चमन शर्मा) - उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां कहा कि प्रदेश के विपक्ष के नेता हिमाचल प्रदेश में चल रही रेल परियोजनाओं को लेकर तथ्यहीन ब्यानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार इन परियोजनाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार को हर स्तर पर पूरा सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इन परियोजनाओं के निर्माण में अपनी जिम्मेदारी को निभाये।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा यह आरोप लगाना कि प्रदेश सरकार सहयोग नहीं कर रही, पूरी तरह तथ्यहीन और भ्रामक है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि हम राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं ।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश के आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये न केवल राज्य के दूरदराज़ क्षेत्रों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने में मदद करेंगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से भी अहम हैं। हिमाचल जैसे पहाड़ी व विशेष श्रेणी राज्य के लिए रेल संपर्क, सड़क और हवाई संपर्क की तरह ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन, चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन और नंगल-तलवाड़ा रेल लाइन परियोजनाएं समयबद्ध पूर्ण हों। इन परियोजनाओं में राज्य सरकार ने न केवल वित्तीय योगदान दिया है बल्कि भूमि अधिग्रहण, प्रशासनिक स्वीकृतियां और अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अब तक राज्य के हिस्से के रूप में 847 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। इस रेलवे लाइन का कार्य प्रगति पर है तथा 31 दिसम्बर, 2027 तक बिलासपुर तक इस कार्य के पूर्ण होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेल लाइन की लागत में राज्य सरकार द्वारा पहले ही अपना हिस्सा दिया गया है और शेष राशि समय-समय पर प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के क्रियान्वयन में देरी हुई है, इसलिए रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा सूचित परियोजना लागत 6.45 गुणा बढ़कर 6753.42 करोड़ रुपये हो गई है। अब राज्य का हिस्सा बढ़कर 2583.01 करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें भूमि अधिग्रहण लागत 1210.42 करोड़ रुपये शामिल है। इस प्रकार राज्य सरकार को कुल परियोजना लागत का 38.84 प्रतिशत हिस्सा व्यय करना पड़ रहा है।
चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन परियोजना का कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना को भारत सरकार द्वारा विशेष रेलवे परियोजना घोषित किया गया है। 1540.113 करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना की लम्बाई 30.28 किलोमीटर है। इसमें राज्य सरकार की हिस्सेदारी 363.50 करोड़ रुपये बनती है, जिसमें से 223.75 करोड़ रुपये उत्तरी रेलवे को दे दिए गए हैं। इस रेलवे लाइन का कार्य 30 अप्रैल, 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
नंगल-तलवाड़ा रेल लाइन का अधिकांश हिस्सा पूरा हो चुका है और इसे नंगल से दौलतपुर चौक तक यातायात के लिए खोला जा चुका है। इस परियोजना की पूरी लागत केंद्र सरकार वहन कर रही है, जिसमें प्रदेश सरकार ने भी सहयोगी की भूमिका निभाई है। इस परियोजना की लम्बाई 122.57 किलोमीटर है जिसमें से 60.03 किलोमीटर भूमि हिमाचल प्रदेश में और 62.24 किलोमीटर भूमि पंजाब में स्थित है। इस परियोजना का 59.325 किलोमीटर कार्य पूर्ण हो चुका है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि रेल परियोजनाएं संपूर्ण राष्ट्र के विकास में सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ये परियोजनाएं सामरिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण होती हैं। इसलिए केन्द्र सरकार का दायित्व है कि वह हिमाचल में रेल परियोजनाओं के निर्माण की पूर्ण लागत वहन करे, ताकि उन्हें समयबद्ध पूर्ण किया जा सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों से भिन्न हैं और यहां के आय संसाधन भी सीमित हैं। इसलिए केन्द्र सरकार को अपने नैतिक दायित्व का वहन करते हुए प्रदेश में निर्माणाधीन रेल परियोजनाओं की लागत स्वयं वहन करनी चाहिए।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं इन परियोजनाओं की समय-समय पर समीक्षा करते हैं और रेल मंत्रालय के साथ समन्वय बनाए रखते हैं ताकि कार्य में अनावश्यक देरी न हो। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे तथ्यों की पुष्टि के बिना बयानबाजी करने से बचें और प्रदेश के हित में मिलकर प्रयास करें।
उन्होंने दोहराया कि हिमाचल प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के साथ साझेदारी में रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है, ताकि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधा, तेज़ कनेक्टिविटी और नए आर्थिक अवसर प्राप्त हो सकें।