हिमाचल में मकान निर्माण के लिए सख्त होंगे नियम
शिमला, 25 अगस्त - हिमाचल प्रदेश में भवनों के निर्माण के लिए नियम और सख्त होने जा रहे हैं। अब मकान बनाने के लिए पक्की ज़मीन और भूवैज्ञानिक (जियोलॉजिस्ट) की मंजूरी रिपोर्ट अनिवार्य होगी। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए गठित कैबिनेट सब-कमेटी ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी हैं, जिसे जल्द ही कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस साल मंडी, कुल्लू, ऊना और शिमला जिलों में प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचाई, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ। सरकार ने अब तक 2,347 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है। प्रदेश में बेतरतीब भवन निर्माण एक बड़ी समस्या है। कई लोग बिना इंजीनियर की सलाह के ठेकेदारों के साथ मिलकर भवन बनाते हैं, जिसमें कॉलम की दूरी, सरिया और सीमेंट के उपयोग जैसे जरूरी मानकों का ध्यान नहीं रखा जाता। इससे भवनों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है।
बता दें कि हिमाचल सरकार ने प्रदेश में पहले ही नदी-नालों से उचित दूरी पर भवन निर्माण का नियम सरकारी भवनों के लिए लागू किया था। अब इसे आम लोगों के लिए भी अनिवार्य किया जा रहा है।
गौरतलब है कि 2023 से हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं ने भारी नुकसान पहुंचाया है, खासकर नदी-नालों के किनारे बने भवन ढहने से जान-माल का नुकसान हुआ।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने मौके पर रिपोर्ट तैयार की, जिसके आधार पर सचिवालय में कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा के बाद यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है। इन सिफारिशों से भविष्य में आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है।