विकास के भगीरथ और आधुनिक भारत के शिल्पकार नरेन्द्र मोदी
आज प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर विशेष
एक लोकप्रिय राजनेता। एक कुशल रणनीतिकार। जनता का प्रधान सेवक। सादगी और सेवा की प्रतिमूर्ति। और विकसित भारत का आधुनिक शिल्पकार। जी हां हम बात कर रहे हैं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी की। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में करीब पच्चीस साल के राजनीतिक जीवन में नरेन्द्र मोदी ने जहां गुजरात को विकास के उच्च पायदान पर पहुंचाया, वहीं बीते 11 सालों से प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत का संकल्प को साकार करने का दम दिखाया है। लगातार तीसरी बार देश की सत्ता की बागडोर संभालने वाले नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल को कई मायनों में अद्वितीय माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण से लेकर देश को सेना और रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने वाले नरेन्द्र मोदी आज भी राजनेता के रूप में लोगों की पहली ‘पसंद’ बने हुए हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी विशिष्ट जीवन शैली के लिए समूचे राजनीतिक हलकों में जाने जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्म तत्कालीन बॉम्बे और वर्तमान गुजरात राज्य के मेहसाना ज़िला स्थित वडनगर ग्राम में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचन्द मोदी के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 17 सितम्बर 1950 को हुआ। अपने माता-पिता की कुल छ: संतानों में तीसरे पुत्र नरेन्द्र ने बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में अपने पिता का हाथ बंटाया। मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वड़नगर में पूरी की। इसके बाद उन्होंने आरएसएस का प्रचारक रहते हुए 1980 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर परीक्षा दी और मास्टर डिग्री प्राप्त की। नरेन्द्र जब विश्वविद्यालय के छात्र थे, तभी से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाने लगे थे। इस प्रकार उनका जीवन संघ के एक निष्ठावान प्रचारक के रूप में प्रारम्भ हुआ। उन्होंने शुरुआती जीवन से ही राजनीतिक सक्रियता दिखलाई और भाजपा का जनाधार मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
वर्ष अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिलीजुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, मोदी की मेहनत रंग लाई, जब गुजरात में वर्ष 1995 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनाएं इस देश में और घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें आडवाणी के प्रमुख ‘सारथी’ की भूमिका में नरेन्द्र का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित कश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथयात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही ‘देखरेख’ में आयोजित हुई। इसके बाद शंकरसिंह वाघेला ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया और नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मंत्री का दायित्व सौंपा गया। भाजपा ने वर्ष1995 में राष्ट्रीय मंत्री के नाते उन्हें पांच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। संघ एवं संगठन के प्रति समर्पण के चलते वर्ष 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया।
इस पद पर वह अक्तूबर 2001 तक काम करते रहे। भाजपा ने अक्तूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी। गुजरात में विकास के नए आयाम स्थापित करने के बाद नरेन्द्र मोदी की एंट्री दिल्ली की राजनीति में हुई और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पार्टी का मुख्य चेहरा घोषित किया। इस लोकसभा चुनाव में एक सांसद प्रत्याशी के रूप में उन्होंने देश की दो लोकसभा सीटों वाराणसी तथा वडोदरा से चुनाव लड़ा और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से विजयी हुए। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 336 सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा। इस चुनाव में अकेले भाजपा ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की। मुख्य विपक्षी दल और डेढ़ सौ साल पुरानी पार्टी कांग्रेस केवल 44 सीटों पर सिमट कर रह गई और उसके गठबंधन को केवल 59 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। नरेन्द्र मोदी स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो सन् 2001 से 2014 तक लगभग 13 साल गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री रहे।
नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और भारत के 15वें प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री के तौर पर अपने 11 साल के कार्यकाल के दौरान नरेन्द्र मोदी विकास एवं कल्याण के नए आयाम स्थापित किए हैं। आज भारत रक्षा, व्यापार, वाणिज्य व अन्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। वहीं विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत ने अपने नाम का डंका विश्व पटल पर बजाया है। यही वजह है कि आज विश्व बिरादरी में भारत के प्रति दूसरे देशों का नज़रिया बदला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की सफलताओं पर गौर करें, तो जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाना उनका ‘मास्टर स्ट्रोक’ माना जाता है। इसके साथ ही राम मंदिर मामले की सुप्रीम कोर्ट में रोज़ाना की सुनवाई से लेकर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला आने, राम मंदिर निर्माण बोर्ड के गठन सहित मंदिर के निर्माण और उसके शुभारंभ से लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सक्रियता और समर्पण देखते ही बनता है।
कोरोना काल में वैक्सीन निर्माण, खेलो इंडिया, आयुष्मान भारत-पी.एम. जय, अल्पसंख्यकों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, कौशल भारत मिशन, मेक इन इंडिया, सांसद आदर्श ग्राम योजना, श्रमेव जयते योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पीएम मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, स्मार्ट सिटी पहल तथा नमामि गंगे योजना के सकारात्मक एवं सार्थक परिणाम देश के सामने हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये विश्व को दिखा दिया कि भारत अब आतंकी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। अमरीका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीतिक सूझबूझ के चलते अब भारत विश्व में व्यापार के लिए अपने नए ठिकाने खोज रहा है और उसमें वह सफल भी हुआ है।