मुकद्दमा अश्लील गायिकी का

पंजाब में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक तथा पर्यावरणिक गिरावट के साथ-साथ सांस्कृतिक गिरावट भी इस सीमा तक पहुंच गई है कि अश्लील पंजाबी गीत-संगीत का मुकद्दमा पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय के पास जा पहुंचा है। इन दिनों में पंजाब तथा हरियाणा उच्च न्यायालय की एक पीठ पंजाबी गायिकी में आई गिरावट के बारे में सुनवाई कर रही है। गत लम्बे समय से संवेदनशील पंजाबियों द्वारा यह महसूस किया जा रहा है कि पंजाबी गीतों में आए बिगाड़ युवा पीढ़ी को कानून तोड़ने, नशाखोरी करने तथा हथियार उठा कर गैंगस्टर या अपराधी बनने के लिए उकसा रहे हैं। बहुत सारे नए बने गीतकारों द्वारा ऐसे गीत लिखे जा रहे हैं और शीघ्र प्रसिद्धि हासिल करने के लालच में बहुत सारे गायकों द्वारा ऐसे गीत गाए जा रहे हैं। इसका ही परिणाम है कि लोग अब विवाह-शादियों में भी जायज़-नाज़ायज़ हथियार लेकर जाते हैं और जब डी.जे. पर इस तरह के उत्तेजनापूर्ण गीत चल रहे होते हैं तो शराब पीकर या अन्य नशा करके उकसाहट में आए नौजवानों द्वारा कई बार गोलियां चलानी शुरू कर दी जाती हैं। गत अर्से के दौरान अनेक शादियों के दौरान इस तरह की घटनाओं के कारण मंच पर संगीत पेश करने वाले कलाकारों और शादी समारोहों में शामिल लोगों की मौतें हो चुकी हैं। कई बार तो दूल्हा-दुल्हन या उनके परिवारों के सदस्य भी ऐसी घटनाओं का शिकार हो जाते हैं और खुशियां ़गमियों में बदल जाती हैं। गत दिनों तो पंजाब पुलिस ने भी यह महसूस किया है कि नौजवानों को गैंगस्टर या अपराधी बनने या नशाखोरी के लिए उकसाने में अश्लील गीतों का बड़ा हाथ है। यह तथ्य भी स्पष्ट है कि अश्लील गीतों के दुष्प्रभावों के अधीन नौजवान लड़कियों के साथ भी छेड़छाड़ या गलत व्यवहार करते हैं। इस कारण पुलिस अधिकारियों द्वारा ज़िला स्तर पर गायकों तथा डी.जे. वालों की बैठकें बुला कर उनको चेतावनी दी गई है कि वह अश्लील, नशाखोरी और अपराधों के लिए उकसाने वाले गीत गाने और डी.जे. पर चलाने से संकोच करें, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ एक स्थानों पर ऐसे तथाकथित कलाकारों के खिलाफ मुकद्दमे दर्ज भी किए गए हैं।  गत लम्बे समय से हम महसूस कर रहे हैं कि अश्लील पंजाबी गायिकी, जो पंजाब और पंजाब के सच्चे कलाकारों के साथ-साथ पूरे पंजाबी समाज का चेहरा बिगाड़ रही है, को नियंत्रित करने के लिए कानूनी तथा सामाजिक स्तर पर कुछ न कुछ ठोस कदम अवश्य उठाए जाने चाहिए। गत 15-20 वर्षों से यह मांग उठती रही है कि पंजाब सरकार अपना सैंसर बोर्ड बनाए, जो इस तरह की गायकी को लोगों तक पहुंचने से रोके, क्योंकि राष्ट्रीय सैंसर बोर्ड अपनी ऐसी ज़िम्मेदारी निभाने में बुरी तरह असफल रहा है। परन्तु क्योंकि पूर्व सरकारों में सत्ताधारी नेताओं का अपना प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष संबंध अश्लील गायिकी परोसने वाले चैनलों से बना हुआ था। इस कारण वह अपने व्यापारिक हितों के कारण तथा अश्लील गायिकी तैयार करने वाली कम्पनियों के प्रभाव के कारण कोई भी प्रभावी सैंसर बोर्ड बनाने में नाकाम रहे। इस कारण पंजाब की युवा पीढ़ी और समूचे तौर पर पंजाब को भारी नुक्सान उठाना पड़ा है। मौजूदा समय में चाहे नौजवानों को गुमराह करने के लिए और भी बहुत सारे कारण मौजूद हैं परन्तु इनमें से अश्लील गायिकी भी एक बड़ा कारण है। 
इसलिए हम उन सभी व्यक्तियों की प्रशंसा करते हैं, जोकि यह मामला उच्च न्यायालय में लेकर गए हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि सभी पक्षों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद इस संबंधी माननीय न्यायालय कोई उपयुक्त निर्णय करेगा। इसके साथ ही हम पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत को समर्पित संगठनों और खास तौर पर सांस्कृतिक क्षेत्र में कार्य कर रहे संगठनों को भी अपील करना चाहेंगे कि पंजाब के लोगों को अश्लील गायिकी के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए आगे आएं। ताकि अश्लील गीत लिखने वालों और गाने वालों को निरुत्साहित किया जा सके और आने वाले समय में युवा पीढ़ी को भी गुमराह होने से बचाया जा सके।